जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के आह्वान पर बुधवार को वेस्ट यूपी में किसानों ने कृषि कानून का काले झंडे लहराकर विरोध प्रदर्शन किया। कई स्थानों पर केन्द्र सरकार के पुतले भी फूंके गए।
परतापुर के घोपला गांव में किसानों ने केन्द्र सरकार का पुतला फूंका, जिसके बाद मौके पर पहुंची परतापुर पुलिस ने इसका विरोध किया, लेकिन किसानों ने विरोध जारी रखा। यही नहीं, जंगेठी गांव में भी किसानों ने अपने-अपने घरों पर काले झंडे लगाये और केन्द्र सरकार का पुतला फूंका।
मोदीपुरम में भी किसानों ने टोल फ्री करा दिया। कृषि कानून के खिलाफ शांत चल रहे भाकियू का आंदोलन बुधवार को तेज कर दिया गया। भाकियू नेताओं ने पूरे वेस्ट यूपी में आंदोलन को धार देने की कोशिश की। जगह-जगह केन्द्र सरकार के पुतलों को दहन किया गया।
घोपला गांव में विजयपाल सिंह की अगुवाई में किसानों ने एकत्र होकर पहले केन्द्र सरकार की अर्थी निकाली, फिर पुतला फूंका। यहां सूचना पाकर परतापुर पुलिस भी पहुंच गई थी, लेकिन किसानों ने पुलिस मौजूदगी में ही पुतला फूंक दिया। जंगठी गांव में चौधरी सत्यवीर सिंह की अगुवाई में किसानों ने केन्द्र सरकार का पुतला दहन किया। छुर, सरूरुपर खुर्द, दबथुवा, जंगेठी, दौराला समेत कई स्थानों पर केन्द्र सरकार के पुतले फूंककर किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया।
टोल प्लाजा पर भाकियू कार्यकर्ताओं का धरना
कृषि कानून के विरोध में गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे धरने को छह माह पूरे होने पर बुधवार को भाकियू कार्यकर्ताओं ने काला दिवस मनाया। कार्यकर्ताओं ने हाइवे पर काले झंडे लेकर अपना विरोध जताया और इसके बाद सिवाया टोल प्लाजा पर अनिश्चित कालीन के लिए धरने पर बैठ गए। इस दौरान एक लाइन पर कार्यकर्ताओं का कब्जा रहा। कार्यकर्ताओं ने कुछ समय के लिए टोल को फ्री भी किया।
भाकियू नेता संजय दौरालिया के नेतृत्व में बुधवार को कार्यकर्ताओं ने काले झंडे लेकर कृषि कानून के ोध में काला दिवस मनाया। सबसे पहले कार्यकर्ता हाइवे पर दौराला कस्बे के सामने पहुंचे और कृषि कानून को लेकर नारेबाजी की। इसके बाद कार्यकर्ता सिवाया टोल प्लाजा पर पहुंचे।
यहां, कार्यकर्ताओं ने एक लाइन पर कब्जा कर टोल फ्री करा दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने कार्यकर्ताओं को शांत कराया। इसके बाद कार्यकर्ता एक लाइन पर कब्जा कर अनिश्चितकालीन के लिए धरने पर बैठ गए और बाकी लाइनों को सुचारू करा दिया गया। महकार सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों का उत्पीड़न कर रही है। छह माह पहले कड़ाके की ठंड में शुरू हुए धरने में कई किसान शहीद हो चुके हैं, लेकिन, सरकार कृषि कानून वापस न लेकर किसानों के साथ अन्याय कर रही है।
उन्होंने कहा कि धरना लगातार जारी रहेगा, जब तक कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते। वहीं, कंकरखेड़ा में बाबा इलम सिंह के आवास के बाहर भाकियू कार्यकर्ताओं ने काले झंडे लेकर तीनों कृषि कानून का विरोध किया। उन्होंने कहा कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं लिए जाएंगे धरना जारी रहेगा। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला फूंकने का प्रयास किया।
परंतु, वहां मौजूद पुलिस बल ने कार्यकर्ताओं से पुतला छिन लिया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि गांव-गांव जाकर किसानों की आवाज को बुलंद किया जायेगा और जल्द बड़ा आंदोलन किया जायेगा। धरने में नवीन शर्मा, उपेंद्र प्रधान, राकेश, नरेश, डा. विकास, अमरीश, गजेंद्र, संजय राठी, सतीश, चंद्रपाल आदि मौजूद रहे।
भाकियू तोमर गुट ने फूंका केंद्र और राज्य सरकार का पुतला
भारतीय किसान यूनियन तोमर घुटने जिंजोखर गांव में केंद्र और राज्य सरकार का पुतला फूंका। वही भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी संजय दौरालिया के नेतृत्व में मेरठ करनाल मार्ग पर बाबा इलम सिंह के आवास के निकट काले झंडे लहराए और पुतला फूंकने का प्रयास किया तो पुलिस ने पुतला छीन लिया।
भारतीय किसान यूनियन तोमर के राष्ट्रीय सलाहकार चौधरी इंद्रजीत सिंह के आदेश अनुसार व मंडल अध्यक्ष चौधरी पदम सिंह के नेतृत्व में एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें किसान संगठनों के समर्थन में काला दिवस मनाया गया।
पदम सिंह ने कहा किसान आंदोलन को चलते हुए छह माह बीत चुके हैं और 500 से ज्यादा किसानों की शहादत हो चुकी हैं, लेकिन सरकार अभी भी सुनने को तैयार नहीं। इस विरोध में सरकार का पुतला दहन किया गया और घरों पर काले झंडे लगाए। सभी भारतीय किसान यूनियन तोमर के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।
मंडल अध्यक्ष मेरठ चौधरी पदम सिंह
जिला अध्यक्ष मेरठ चौधरी ओमवीर सिंह जटपुरा चौधरी, तेजपाल सिंह, ओमवीर सिंह, मनवीर सिंह, मुकेश, समरपाल सिंह जटपुरा, वीरेन्दर सिंह, पिंटू, यशबीर चौधरी, बिजेंद्र सिंह, अरविन्द कुमार, मिनटू चौधरी, अशोक कुमार सहित अन्य पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।
सपाइयों ने भी काले झंडे लहराकर किया किसान आंदोलन का समर्थन
समाजवादी पार्टी मेरठ कैंट विधानसभा से पूर्व प्रत्याशी सरदार परविंदर सिंह ईशू के नेतृत्व में केंद्र सरकार के कृषि कानून के खिलाफ बुधवार को काला दिवस मनाया। थापर नगर स्थित कैंप कार्यालय पर किसानों के समर्थन में सरकार को काले झंडे दिखाएं और काला दिवस के रूप में मनाया गया।
सरदार परविंदर सिंह ईशू ने कहा कि बहाकर अपना खून-पसीना जो दाने पहुंचाता घर-घर आज वह किसान काला दिवस मना रहा है। देश का अन्नदाता छह माह से आंदोलित है, लेकिन सरकार सुनवाई नहीं कर रही है। भाजपा सरकार के अहंकार के कारण देश में किसानों के साथ जो अपमानजनक व्यवहार हो रहा है उससे देश का हर नागरिक आक्रोशित है। विरोध करने वालों में जयकरण भूटानी, सुरजीत सिंह राजू, ओम प्रकाश यादव, दीपांशु चौहान, भगत राम, राजीव सोनकर आदि मौजूद रहे।
रालोद ने भी काली पट्टी बांधकर किया विरोध
राष्ट्रीय लोकदल कैम्प कार्यालय पर बुधवार को बाजू पर काली पट्टी बांधकर काला दिवस के रूप में मनाया। किसान मोर्चा ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ 26 मई को देशभर में काला दिवस मनाने का आ”ान किया था। क्योंकि इसी दिन विरोध प्रदर्शन के छह महीने पूरे हो रहे हैं। मीटिंग में कहा कि राष्ट्रीय लोकदल पार्टी किसानों व मजदूरों के उत्थान के लिए सदा लड़ाई लड़ती आ रही।
नवनिर्वाचित पार्टी अध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी इस लड़ाई को आगे लड़ने का आह्वान किया। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष मतलूब गौड़, प्रदेश संगठन माहमंत्री डा. राजकुमार सांगवान, राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष किसान प्रकोष्ट राम मेहर गुर्जर, पूर्व जिलाध्यक्ष राहुलदेव, प्रदेश प्रवक्ता सुनील रोहटा, क्षेत्रीय अध्यक्ष चौधरी यशवीर सिंह, प्रदेश अध्यक्ष अनुसूचित जाति नरेन्द्र सिंह खजूरी, क्षेत्रीय सचिव सोहराब ग्यास, जिला प्रवक्ता कमलजीत सिंह गुर्जर, वीरेन्द्र तोमर, सत्य चंद, सतेंद्र तोमर इत्यादि मौजूद रहे।
कांग्रेस भी रही किसानों के आंदोलन में शामिल
महानगर कांग्रेस कमेटी ने भी बुधवार को तीन कृषि काले कानून के विरोध में किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया। महानगर अध्यक्ष जाहिद अंसारी ने कहा कि किसान आंदोलन को 180 दिन हो गए है, लेकिन केन्द्र सरकार किसानों की सुन नहीं रही है। किसान विषम परिस्थितियों में धूप,सर्दी,बरसात व कोरोना महामारी के बीच अपनी मांगो को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हुए है, लेकिन सरकार कोरोपोरेट के हित साधने में लगी हुई है। महानगर प्रवक्ता अखिल कौशिक ने कहा कि तीन काले कृषि कानून से आम आदमी को रोटी भी मिलनी भारी हो जाएगी। इसकी कीमते आसमान छुएंगी। मोदी सरकार का रवैया अड़ियल है। उसे किसान व आम आदमी से कोई सरोकार नही है।