Tuesday, September 17, 2024
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बिजौली पीएचसी: दो दिन से नहीं हुआ टीकाकरण

कोरोना जांच के लिये भी ग्रामीणों को जाना पड़ता है खरखौदा

पीएचसी पर एक भी कर्मचारी नहीं मिला ड्यूटी पर


ऋषिपाल सिंह |

मेरठ: जिस गांव का निरीक्षण सीएम ने खुद किया उसी गांव के हाल की बात करें तो वहां पिछले दो दिनों से टीकाकरण का कार्य ही नहीं हुआ है। कोरोना की जांच के लिये भी ग्रामीणों को खरखौदा जाना पड़ रहा है। हम बात कर रहे हैं हापुड़ रोड स्थित बिजौली गांव की। यहां गांव में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की बात करें तो यहां प्राथमिक स्वास्थ्य सेवायें ही नहीं है। केन्द्र की बिल्डिंग में भी कई विभागों का हाल ऐसा है कि यहां इमारत ही खंडहर में तब्दील होती जा रही हैं और कोई देखने वाला नहीं है।

इससे बुरे हालात और क्या होंगे कि जिस गांव में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद निरीक्षण किया और वहीं पर प्राथमिक सुविधाएं न हों। मुख्यमंत्री यहां 16 मई को मेरठ में थे और उसी दिन उन्होंने हापुड़ रोड स्थित बिजौली गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किया था, लेकिन प्रशासन ने बड़ी खूबी के साथ उस दिन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की खामियों को छुपा लिया था।

अब मुख्यमंत्री क्या लौटे यहां ग्रामीण इलाज के लिये ही तरस गये। कुछ दिन पहले तक यहां टीककरण किया जा रहा था, लेकिन पिछले दो दिनों से गांव में टीकाकरण ही बंद है। इसके साथ-साथ यहां कोरोना की जांच के लिये भी किसी को नियुक्त नहीं किया गया है जबकि प्रशासन दावे करता है प्रत्येक गांव के केन्द्र पर कोरोना की जांच कराई जा रही है, लेकिन यहां के हालात देखकर सारे दावे फेल नजर आते हैं।

लगभग 6000 की आबादी, 2000 को भी नहीं लगा टीका

प्राथमिक स्वास्थ्यकेन्द्र पर जब बुधवार को जनवाणी टीम पहुंची तो यहां स्वास्थ्य केन्द्र पर पुताई होती मिली। यहां पर जानकारी लेने पर पता चला कि यहां न तो पिछले दो दिन से टीकाकरण हुआ है और न ही यहां कोरोना की जांच हो रही है। पुताई होने के कारण यहां टीकाकरण का कार्य बंद होना बताया गया।

कारोना की जांच के लिये भी जिसे यहां नियुक्त किया गया था वह भी अब यहां पर नहीं बैठ रहा है। इसलिये अगर किसी ग्रामीण को करोना की जांच करानी होती है तो उसे जांच कराने के लिये जाना हो तो खरखौदा जाना पड़ता है। ऐसे में यह हालात देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासन ने किस हिसाब से गांव में तैयारी की है।

पांच लोगों का स्टाफ, एक भी नहीं मौजूद

बिजौली स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर पांच लोगों का स्टाफ है। जिसमें केन्द्र प्रभारी डा. विजय सागर, एक एएनएम डा. विनीता, एक फार्मासिस्ट आदेश, एक नर्स और एक वार्ड ब्वॉय है, लेकिन बुधवार को यहां पांच लोगों के स्टाफ में से एक भी व्यक्ति मौजूद नहीं था।

पूछने पर पता चला कि सभी लोग फील्ड में है। अगर सभी लोग फील्ड में हैं तो यहां जांच क्यों नही हो रही, लोगों को टीका क्यों नहीं लगावाया जा रहा है। यह सभी सवाल निकलकर सामने आते हैं, लेकिन यहां तो सवालों के जवाब ही देने वाला कोई नहीं है। यहां एक बेड और एक आॅक्सीजन सिलेंडर एक कमरे में रखा है, लेकिन अभी तक यहां किसी व्यक्ति को भर्ती ही नहीं कराया गया है। हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।

कई विभागों की बिल्डिंग खंडहर में तब्दील

यहां मुख्य बिल्डिंग के साथ कई अन्य बिल्डिंग भी हैं। जिन्हें जिस कार्य के लिये शायद बनाया गया था। उनमें वह कार्य आज तक शायद हुआ ही नहीं है। परिसर में स्थित मातृ एवं शिशु परिवार कल्याण केन्द्र भी है, लेकिन उसकी बिल्डिंग देखकर ऐसा लगता है कि यहां आज तक शायद कोई इस तरह का मरीज आया ही न हो। यहां बिल्डिंग केवल नाम के लिये ही है।

एक ही डॉक्टर यहां किस किस मर्ज का इलाज करेगा यह कोई शायद देखने वाला नहीं है। इस बिल्डिंग के हाल के पीछे का कारण पता करें तो निकलकर आता है कि यहां स्टाफ ही नही है। अगर स्टाफ होगा तो सुविधाएं होंगी जब स्टाफ ही नहीं होगा तो इलाज कहां से मिलेगा। इसी तरह की यहां कई बिल्डिंग हैं जो खंडहर में तब्दील होने को हैं, लेकिन इन्हें कोई देखने वाला नहीं है।

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