- खड़ौली तिराहे पर जाम से पार नहीं पा रहे एनएचएआई अधिकारी, पुलिस रहती है नदारद
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: काशी टोल और फिर सिवाया टोल, दो टोल के बीच में हाइवे पर जाम से जनता जूझती रहती हैं। खड़ौली में सड़क पर ही ट्रकों को पार्क कर दिया जाता हैं, जिसके बाद यहां जाम की समस्या विकराल रूप धारण कर गई हैं। हर रोज जाम लग रहा हैं, लेकिन टोल तो वाहनों से वसूला जाता हैं, लेकिन सुविधा नहीं दी जा रही हैं। आखिर इसके लिए जवाबदेही टोल की क्यों निर्धारित नहीं की जा रही हैं। हाइवे पर हर रोज जाम लगना भी सिस्टम की विफलता का द्योतक हैं।
सिस्टम ट्रैफिक को सुधारने की दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहा हैं। लोगों को हर रोज जाम से जूझने के लिए छोड़ दिया हैं। हाइवे पर खड़े ट्रकों से जाम लगता हैं। लोग डिवाइडर तोड़कर बाइक से पार करते हैं, तब भी जाम लगता हैं। वाहन धीमे हो जाते हैं, फिर वाहनों की रफ्तार धीमी हो जाती हैं, फिर लंबी लाइन वाहनों की लगती चली जाती हैं। इस तरह से जाम बड़ा हो जाता हैं। ये एक दिन की समस्या नहीं, बल्कि हर रोज की हैं, मगर इस समस्या का सुधारे कौन?
एनएच-58 स्थित खड़ौली तिराहा ट्रैफिक के लिए नासूर बना हुआ है। बाइपास के इस स्थान पर दिन में तो कई बार जाम लगता ही है, लेकिन शाम के वक्त हालात बद से बदतर हो जाती है। दरअसल होता यह है कि खड़ौली तिराहे के आसपास सड़क के किनारे नॉनवेज की बहुत सी दुकानें खुल गयी हैं। सड़क के दोनों ओर खुली इन दुकानों पर शाम के छह बजे से लेकर रात करीब 11 बजे तक जबरदस्त जाम के हालात रहते हैं। होता यह है कि नॉनवेज की इन दुकानों पर खाने के लिए आने वालों में ज्यादातर हैवी वाहन होते हैं।
मसलन ट्रक और बसें। जो भारी वाहन चालक व सवारियां नॉनवेज की इन दुकानों के आसपास रुकते हैं उनकी गाड़ियों के लिए दुकानदारों की ओर से पार्किंग का कोई इंतजाम नहीं किया गया है। दरअसल होता यह है कि ये तमाम बस और ट्रक व ऐसे ही दूसरे वाहन रोड पर ही खड़े कर दिए जाते हैं। कई बार तो हालात इतने ज्यादा खराब होते हैं कि इन दुकानों पर खाने के लिए रुकने वाले वाहन सड़क पर ही पार्किंग के अंदाज में खडेÞ होते हैं। खड़ौली तिराहे पर यह हालात सड़क के दोनों ओर होती है।
शाम के वक्त ट्रैफिक का दबाव अधिक होता है। वाहनों का रेला चलता है, ऐसे में खड़ौली में हाल फिलहाल में खोली गयी इन दुकानों की वजह से यहां खाने के लिए रुकने वाले वाहनों को सड़क पर खड़ा कर दिए जाने के चलते जबरदस्त जाम लगा जाता है। ऐसा नहीं कि पुलिस इससे बेखबर हो। यहां टीपीनगर व जानी पुलिस की सीमा लगती हैं, लेकिन यहां लगने वाले जाम से पुलिस वालों को भी कोई सरोकार नजर नहीं आता।
कई बार तो जाम के हालात इतने ज्यादा खराब हो जाते हैं कि रोहटा रोड फ्लाई ओवर के दूसरी ओर तक जाम लग जाता है। नॉनवेज की दुकानों के अलावा कई रोड पर ही पक्चर की दुकानें भी खुली हैं। वहां खडेÞ होने वाले वाहनों की वजह से भी जाम लगता है। खड़ौली तिराहे पर कई बार तो रात दो बजे तक भी जाम सरीखे हालात मिलते हैं।
शादियों का साया, शहर जाम की चपेट में
देवोत्थान एकादशी के साथ ही गुरुवार को शादियों पर लगी रोक हट गयी है। पहले दिन शादी का जबरदस्त बंपर साया है, जिसके चलते तमाम विवाह मंडप व शादियों के हाल बुक हैं। शादियों की वजह से पूरा शहर जाम की चपेट में रहा। इसके चलते शहर के दिल्ली रोड, मवाना रोड, रुड़की रोड व गढ़ रोड जाम की चपेट में नजर आए।
जहां तक भी नजर जाती थी वाहन जाम में फंसे नजर आए। बाइपास समेत शहर के जिन इलाकों में विवाह मंडप पर रिसोर्ट बने हुए हैं वहां जाम से हालात बद से बदतर नजर आए। बाइपास पर मोदीपुरम से लेकर परतापुर तक जगह-जगह शादियों की वजह से जाम लगा था। कमोवेश यही स्थिति महानगर के दूसरे इलाकों में भी नजर आयी।
सुबह से जाम के हालात
गुरुवार को सुबह से ही जाम लगना शुरू हो गया था। वहीं, शाम ढलते ही विवाह मंडपों के सामने भी भीषण जाम लग गया। गढ़ रोड सहित शहर के अन्य मार्गों पर भी दिनभर जाम की स्थिति बनी रही। यातायात व्यवस्था बनाने के लिए ट्रैफिक पुलिस सुबह से देर रात तक लगी रही। इसके बावजूद शहर में मुख्य मार्गों पर वाहन धीरे-धीरे रेंगते हुए दिखाई दिए।
गंगास्नान की तैयारियां
गंगास्नान के लिए गांव-देहात से सैकड़ों की तादाद में सुबह से ही ट्रैक्टर-ट्रालियों के जत्थे गढ़मुक्तेश्वर की ओर जाने लगे थे। ट्रैफिक पुलिस ने गंगास्नान के चलते गढ़ रोड पर एक दिन पहले ही बड़े वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बावजूद शहर में कही जाम न लगे, इसके लिए शहर के सभी चौराहों सहित गढ़ रोड, बिजली बंबा बाइपास व यूनिवर्सिटी रोड पर ट्रैफिक पुलिस ने सुबह से ही मोर्चा संभाल लिया था।
वहीं, देवोत्थान पर शहर में करीब 700 शादियां थी। जिस कारण सड़कों पर वाहनों के साथ बरातियों की भीड़ थी। गढ़ रोड, दिल्ली रोड, हापुड़ रोड व दिल्ली-देहरादून हाइवे पर शाम ढ़लते ही वाहनों की कतार लगने लगी थी। यह सिलसिला रात 11 बजे तक जारी रहा। विवाह मंडपों के सामने वाहनों की कतार लगने से पुलिस के इंतजाम भी फेल साबित हुए।