Saturday, September 30, 2023
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150 करोड़ से बाबूगढ़ में बनेगा गोपशु निदेशालय

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  • क्रांति नगर और स्पोर्ट्स सिटी के रूप में डिजाइन किया जाएगा सिटी स्टेशन

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: मेरठ-हापुड़ क्षेत्र के सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने अवगत कराया कि मेरठ स्थित गोपशु निदेशालय संसदीय क्षेत्र के ही बाबूगढ़ में शिफ्ट होगा। इसके लिए 150 एकड़ भूमि प्रदेश सरकार ने प्रदान की है। इसके अलावा मेरठ से लखनऊ के बीच वंदे मातरम ट्रेन इसी वर्ष शुरू हो जाएगी। वहीं मेरठ के स्टेशन को क्रांति नगर तथा स्पोर्ट्स सिटी के रूप में डिजाइन किया जाएगा। लोकसभा के वर्षाकालीन सत्र के समापन के उपरांत होटल ओलिविया में आयोजित प्रेस वार्ता में सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने जानकारी दी कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में ज्वेलरी डिजाइनिंग का कोर्स प्रारंभ कर दिया गया है।

नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ज्वेलरी टेक्नोलॉजी वेदव्यासपुरी में प्रायोगिक प्रशिक्षण होगा। उन्होंने जानकारी दी कि बागपत रोड रेलवे रोड के लिंक मार्ग को बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धन की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस दौरान लोक निर्माण विभाग के सम्मुख कुछ बाधाएं आई हैं। जिनको रक्षा मंत्री के हस्तक्षेप के बाद दूर किया जा सका है। पीडब्ल्यूडी में 44 करोड़ रुपये का प्राक्कलन मुख्यमंत्री कार्यालय में भिजवा दिया है। सांसद ने बताया कि अमृत भारत स्टेशन स्कीम के अंतर्गत देशभर में 1305 स्टेशनों का आधुनिकरण होना है।

जिनमें से 508 का कार्य आरंभ छह अगस्त को प्रधानमंत्री के कर कमलों से हो चुका है। जिसमें मेरठ-हापुड़ संसदीय क्षेत्र का हापुड़ स्टेशन भी शामिल रहा है। शेष स्टेशनों का कार्य आरंभ अक्टूबर तक करने की योजना है। इसी क्रम में उन्होंने बताया कि मेरठ के स्टेशन को क्रांति नगर तथा स्पोर्ट्स सिटी के रूप में डिजाइन किया जाएगा। वहीं देशभर में चलने वाली 75 वंदे भारत ट्रेन में से एक मेरठ से लखनऊ के बीच संचालित की जाएगी, यह कार्य इसी वर्ष आरंभ हो जाएगा। उन्होंने बताया कि हवाई अड्डे का तुरंत परिचालन प्रारंभ करने के लिए 32.5 एकड़ भूमि की तत्काल आवश्यकता है।

72 सीटर एटीआर हवाई जहाज उड़ाए जाने के लिए 300 एकड़ और जमीन की आवश्यकता होगी। भविष्य में बोइंग विमानों को उड़ाने के लिए अपेक्षित विस्तार की दृष्टि से 200 एकड़ अतिरिक्त भूमि की भी आवश्यकता होगी। भूमि उपलब्ध होने पर केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ने आश्वस्त किया है कि मंत्रालय हवाई अड्डे का परिचालन प्रारंभ करा देगा।
इसके अलावा मेरठ से जुड़ी कुछ योजनाओं की उन्होंने विस्तार से जानकारी दी। बताया कि रिंग रोड गढ़ रोड, किला रोड, मवाना रोड, रुड़की रोड को जोड़ने का कार्य प्रगति पर है।

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राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के माध्यम से नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत ओड़ियन नाला और आबू नाले को रोककर 220 एमएलडी की 690.71 करोड़ की योजना स्वीकृत हुई थी। 19 जुलाई में बिडर को लेटर आॅफ अवार्ड जारी कर दिया गया है। यह कार्य शीघ्र ही कमालपुर में आरंभ किया जाएगा। इसके अलावा सोलर ऊर्जा का केंद्र बुंदेलखंड में बनेगा। ललितपुर के पास प्लांट लगने के बाद ग्रेड पर बिजली लेकर मेरठ को सप्लाई की जाएगी।

उन्होंने मेरठ की जीडीपी को चार गुणा करने के प्रयास के बारे में बताया उद्यमियों तथा स्टार्टअप आदि के साथ टीम मेरठ की बैठकों के बारे में बताया उन्होंने बताया कि मेरठ सिटीजन फोरम के दिनेश सिंघल तथा एफआईएसएमई का पूर्ण सहयोग मिल रहा है। इस अवसर पर मेयर हरिकांत अहलूवालिया, जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी, जिला सहकारी बैंक मेरठ- बागपत अध्यक्ष विमल शर्मा, कैंट विधायक अमित अग्रवाल, महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल, कमलदत्त शर्मा आदि मौजूद रहे।

जूता और स्याही फेंकना अलोक तांत्रिक भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने स्याही या जूता फेंकने की परंपरा को ए लोकतांत्रिक बताया है उनका कहना है कि राजनीति में प्रतिस्पर्धा होती है कोई शत्रुता नहीं हो जाती ऐसी घटनाओं को लोकतंत्र में स्थान दे दिया जाना चाहिए। दारा सिंह चौहान पर स्याही और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंकने की घटनाओं को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने उपरोक्त बात कही।

इसके अलावा लोकसभा में राहुल गांधी की ओर से फ्लाइंग कैसे कैसे मुद्दे भी पत्रकारों ने उठाने का प्रयास किया जिनको उन्होंने डाल दिया इसी क्रम में पास्को एक्ट के आरोपी भाजपा नेता और राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त संजीव सिक्का की गिरफ्तारी को लेकर पूछे गए सवाल को भी उन्होंने पुलिस के अधिकार क्षेत्र का मुद्दा बताया। संसद के वषार्कालीन सत्र में कार्यवाही में विपक्ष की भूमिका को नकारात्मक बताया।

मृत्यु की धारणा की अवधि तीन वर्ष करने की मांग

सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि वषार्कालीन सत्र के दौरान विपक्ष के हंगामे के चलते प्रश्न प्रहर नाम मात्र कोई चल पाया। जबकि शून्य प्रहर नहीं हो सका। इसी कारण संसद अपने क्षेत्र से संबंधित विषयों को उठा नहीं पाए। उनके अधिकारों का विपक्ष में अपहरण कर लिया। वे खुद नियम 377 के अंतर्गत केवल तीन प्रश्न ही उठा पाए। प्राकृतिक दुर्घटनाओं के कारण अप्राप्त शवों के व्यक्तियों की मृत्यु की धारणा के संबंध में चले आ रहे नियम की समीक्षा करके उसे सात वर्ष से घटाकर तीन वर्ष के जाने की मांग की गई।

परिवहन नियमों का उल्लंघन करके हादसों को जन्म देने वाले दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की गई। राजमार्ग पर अवैध रूप से लगाए गए होर्डिंग फ्लेक्स को हटाए जाने तथा इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई किए जाने की मांग की गई।

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