- चुनौती से निपटने के लिए सरकार कर रही व्यवस्था
- भ्रामक प्रचार करने वालों पर दर्ज होंगे मुकदमे
- कोविड पाॅजिटिव मामलों में अभी आई है कमी
जनवाणी ब्यूरो |
देहरादून: कोविड -19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए आने वाले कुछ माह और चुनौतीपूर्ण होंगे। इस चुनौती से निपटने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाय। पिछले एक सप्ताह में प्रदेश में कोविड पाॅजिटव केस कम आये हैं, लेकिन ऐसे समय में और सतर्कता बरतने की जरूरत है।
मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का सभी जगह पूर्ण रूप से पालन हो, ताकि संक्रमण को रोका जा सके। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की नियमित माॅनेटरिंग की जाय। इसके लिए संबंधित क्षेत्र के उपजिलाधिकारी एवं पुलिस क्षेत्राधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाय। किसी क्षेत्र में इस तरह की शिकायत आती है, तो सबंधित अधिकारियों पर कार्यवाही भी की जाय। कोविड से बचाव के लिए आम जन के व्यवहार में परिवर्तन लाना होगा।
कोविड के सबंध में सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से भ्रामक प्रचार करने वालों पर एफआईआर की जाय। ऐसे लोगों पर सख्त कारवाई भी की जाय। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में कोविड की बैठक के दौरान वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से यह निर्देश सभी जिलाधिकारियों एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिये।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड पर प्रभावी नियंत्रण के लिए विभिन्न माध्यमों से जन जागरूकता अभियान चलाया जाय। कोविड से बचाव हेतु जागरूकता के लिए प्रमुख हस्तियों एवं गणमान्य व्यक्तियों के वीडियो एवं आडियो संदेश बनाये जाय। इससे समाज पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। कोविड से बचाव के लिए जागरूकता के लिए आनलाईन लेख प्रतियोगिता, कार्टून प्रतियोगिता एवं इस तरह की अन्य गतिविधियां की जाय।
इन प्रतियोगिताओं के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर पुरस्कार भी दिये जाय। धार्मिक स्थलों, भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर कोविड से बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपायों के लिए स्थाई होर्डिंग लगाई जाय। अब अनेक गतिविधियों के लिए छूट मिल चुकी है। राज्य में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यह सुनिश्चित किया जाय कि पर्यटकों के साथ सबका शालीनता पूर्वक व्यवहार हो। पर्यटक स्थलों पर थर्मल स्क्रीनिंग और सैंपल टेस्टिंग के लिए बूथ बने।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि को-माॅर्बिड एवं डाइबिटीज के मरीजों के कोविड से बचाव के लिए विशेष सुरक्षात्मक उपाय भी किये जाय। हाई रिस्क लोगों की शत प्रतिशत सैंपलिंग की जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि जो लोग एंटीजन टेस्ट में सिंपटमैटिक हैं, उन सबका आरटीपीसीआर या ट्रू-नाॅट टेस्ट हो।
होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों की नियमित निगरानी की जाय। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा घरों में जाकर पूरी जानकारी ली जाय, स्वास्थ्य किट की भी पूरी जानकारी मरीजों को दी जाय। सभी विभागों द्वारा कोविड से बचाव के उपायों का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाय।
इस अवसर पर सचिव डाॅ. पंकज पाण्डेय, दिलीप जावलकर, शैलेष बगोली, एस.ए. मुरूगेशन, आईजी अभिनव कुमार, संजय गुंज्याल, अपर सचिव युगल किशोर पंत, स्वास्थ्य महानिदेशक डाॅ. अमिता उप्रेती, वीसी के माध्यम से सभी जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं सीएमओ उपस्थित थे।