Thursday, June 8, 2023
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बच्चों के दांतों को शुरू से ही दें सुरक्षा

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बच्चों को दांतों से संबंधित रोगों का अधिक सामना करना पड़ता है। दंत विशेषज्ञों के अनुसार अगर प्रारंभ से ही दांतों की देखभाल में बेरूखी न बरती जाए तो बच्चों में दंत रोगों को रोका जा सकता है। बच्चे को दांतों की बीमारियां जन्म से नहीं होती। अगर प्रारंभ से ही दांतों की सफाई, सही भोजन, सही ढंग से दांतों की सफाई पर ध्यान दिया जाए तो स्वस्थ दांत पाए जा सकते हैं।

दांतों से संबंधित बीमारियों के प्रमुख कारण हैं दांत साफ करने का गलत तरीका, भोजन के पश्चात दांतों को सही ढंग से साफ न करना, अच्छे टूथपेस्ट का प्रयोग न करना, टूथब्रश का गलत चुनाव आदि। दांत शरीर का ऐसा भाग हैं जो किसी भी क्षति को अपने आप ठीक नहीं कर सकता। दांतों में समस्या उत्पन्न करते हैं बैक्टीरिया जो प्लेक का निर्माण करते हैं और दंत क्षय करते हैं।

बच्चे के दांतों को स्वस्थ रखने की प्रक्रि या तभी शुरू हो जानी चाहिए जब बच्चा माता के गर्भ में हो। गर्भधारण के तीन महीने पश्चात ही बच्चा मां के शरीर द्वारा कैल्शियम और फास्फेट ग्रहण करना शुरू कर देता है, इसीलिए डॉक्टर गर्भवती महिला को विटामिन व मिनरल युक्त डाइट लेने के लिए सलाह देते हैं।

बच्चे के जन्म के आठ-नौ महीने पश्चात बच्चे के ‘प्राइमरी टीथ’ आते हैं। लोग यह सोचते हैं कि इन ‘प्राइमरी टीथ’ का कोई महत्त्व नहीं है क्योंकि इनके टूटने के पश्चात स्थायी दांत आ जाएंगे पर ऐसा नहीं है। ये प्राइमरी टीथ बहुत महत्त्वपूर्ण होते हैं। अगर इन्हें फाउंडेशन टीथ कहा जाए तो गलत नहीं होगा। ये प्राइमरी टीथ बच्चे की पाचन प्रक्रिया में सहायता करते हैं, स्थायी दांतों के लिए जगह तैयार करते हैं और उनके लिए स्वस्थ राह बनाते हैं। अगर इनमें ही केविटी होगी तो ये आगे आने वाले दांतों को यही सौगात देंगे। इसलिए इनके प्रति लापरवाही न बरतें।

बच्चे को केविटी से दूर के लिए उसकी डाइट पर भी अवश्य ध्यान दें। मीठे भोज्य पदार्थ, सॉफ्ट ड्रिंक्स के सेवन के पश्चात एकदम से ही एसिड निर्माण प्रारंभ हो जाता है और इससे मजबूत व स्वस्थ दांत भी नहीं झेल पाते, इसलिए जब भी आपका बच्चा मीठे भोज्य पदार्थ खा रहा हो तो फौरन उन्हें ब्रश अवश्य करवाएं। अगर ब्रश न कराएं तो कम से कम पानी से कुल्ला अवश्य करवाएं।

बच्चों को अंडे, ताजे फल, मूली, गाजर, सूप जैसी पोषक चीजें दें। रेशे वाले भोज्य पदार्थ दांतों के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। सभी प्रकार के फल, सब्जियां, दालें, चावल, अनाज आदि रेशे वाले पदार्थों में शामिल किए जाते हैं। बच्चे टॉफी च्युइंगम आदि अधिक खाते हैं इसलिए उनके दांतों में अनेक प्रकार की तकलीफें होती हैं।

बच्चे की दांतों की मजबूती के लिए उसके भोजन में कैल्शियम, विटामिन सी. डी व अन्य पोषक तत्वों की मात्र अवश्य हो। अगर बच्चे के दांतों में कीड़ा लग जाए या मसूड़ों में कोई रोग हो तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें क्योंकि समय रहते आपके लाडले के दांतों की सुरक्षा में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। तभी आपके लाडले के दांत साफ-सुथरे, मोतियों की तरह चमकते रहेंगे।

सोनी मल्होत्रा


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