Friday, March 29, 2024
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जाम के झाम में फंसा शहर, ट्रैफिक पुलिस मौन

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  • छुट्टी के दिन भी व्यवस्था नहीं संभाल पा रही ट्रैफिक पुलिस

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: पिछले सप्ताह हुई नीट की परीक्षा के बाद लगे जाम से भी ट्रैफिक पुलिस ने कोई सबक नहीं लिया। जाम में फंसे अभ्यर्थी और उनके अभिभावक उमस भरी गर्मी में पसीने से तर-बदर रहे। शहर में हर चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस रहने के बावजूद आमजन को जाम से निजात नहीं दिला पाई। जबकि ट्रैफिक पुलिस के साथ थाना पुलिस भी यातायात व्यवस्था में जुटी रही।

रविवार को जिले के 88 केंद्रों पर करीब 40 हजार परीक्षार्थियों की पीजीटी बॉयोलॉजी की परीक्षा हुई। पीजीटी की परीक्षा देने के लिए आसपास के जनपदों से परीक्षार्थी अपने अभिभावकों के साथ केंद्रों पर पहुंचे। परीक्षा देने के लिए आए परीक्षार्थियों की किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए ट्रैफिक पुलिस ने पूरी तैयारी कर रखी थी, लेकिन ट्रैफिक पुलिस की तैयारी पूरी तरह धड़ाम हो गई।

शहर में हर मार्ग व चौराहे पर जाम ही जाम दिखाई दिया। जाम में फंसे लोग इस उमस भरी गर्मी में पूरा दिन पसीना-पसीना रहे। वहीं, यातायात व्यवस्था को बनाने के लिए ट्रैफिक पुलिस भी पूरा दिन जूझती दिखाई दी, लेकिन जाम के आगे वह भी बेबस दिखाई दी। हालांकि ट्रैफिक पुलिस के साथ थाना पुलिस भी यातायात व्यवस्था बनाने के लिए दिनभर मशक्कत करती है, लेकिन हालात जस के तस रहे।

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उमस भरी गर्मी ने निकाला पसीना

पीजीटी परीक्षा को दिलाने के लिए परीक्षार्थियों के साथ आए अभिभावक परीक्षा खत्म होने तक केंद्रों के आसपास ही घूमते रहे। अभिभावक केंद्रों के पास चाय व अन्य दुकानों में बैठे रहे। परीक्षा खत्म होने के बाद जैसे ही सभी परीक्षार्थी एक साथ केंद्रों से बाहर निकलें और अपने गंतव्य की ओर चले तो शहर एकदम से पूरी तरह जाम की चपेट में आ गया। यही नहीं बस अड्डों पर भी परीक्षार्थियों का जमावड़ा लगा रहा और बसों में चढ़ने के लिए जमकर धक्का-मुक्की है।

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आसान रहा बॉयोलॉजी का पेपर, खिले अभ्यर्थियों के चेहरे

रविवार को जिले के 88 केंद्रों पर पीजीटी की परीक्षा आयोजित की गई। जिसमें परीक्षा के लिए 39985 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। बॉयोलॉजी का पेपर देने के लिए प्रदेश भर के अभ्यर्थियों का सेंटर मेरठ में पड़ा था। परीक्षा देकर निकले छात्रों ने बताया की बॉयोलॉजी के प्रश्न काफी आसान थे।

बता दें कि लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित प्रवक्ता महिला-पुरुष प्रारंभिक परीक्षा 2020 के बॉयोलॉजी का पेपर देने प्रदेश भर से अभ्यर्थी मेरठ पहुंचे। उन्होंने बॉयोलॉजी के प्रश्नों को बेहद आसान और सामान्य ज्ञान के पेपर को औसत से ऊपर बताया। छात्रों को परीक्षा के लिए केंद्र चयन का अधिकार न मिलने से परेशानी हुई, लेकिन आसान पेपर उनके चेहरे पर मुस्कान लाने में सहायक रहा।

अब मुख्य परीक्षा 19 दिसंबर को होगी और अभ्यर्थियों को लग रहा है कि मुख्य परीक्षा के तुरंत बाद ही चयन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी और संभवत फरवरी-मार्च तक चयन भी पूरा किया जा सकता है। मेरठ में पीजीटी परीक्षा के लिए 39,985 अभ्यर्थी पंजीकृत थे।

जिसमें से 12538 छात्र परीक्षा देने गए। वहीं, 27446 ने परीक्षा से किनारा किया। अभ्यर्थियों की माने तो 24 अभ्यर्थियों के कक्ष में कहीं छह, सात, आठ या 10 अभ्यर्थी परीक्षा देने पहुंचे। शेष अनुपस्थित रहे। परीक्षा के लिए मेरठ में 88 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। अभ्यर्थियों की अनुपस्थिति का एक कारण यह भी हो सकता है कि बॉयोलॉजी के पेपर के लिए प्रदेश भर के अभ्यर्थियों का सेंटर मेरठ ही पड़ा था।

इससे दूर से आने वाली महिला अभ्यर्थी परीक्षा में अनुपस्थित रही हैं। आगरा से परीक्षा देने आए एनएएस कॉलेज में पहुंचे सुशील गुप्ता ने बताया कि वह सुबह ही परीक्षा देने के लिए गाजियाबाद ट्रेन से पहुंचे और वहां से बस के जरिए मेरठ आए। सुशील ने पेपर को औसत बताया। बताया कि विषय का पेपर बहुत ज्यादा ही आसान था, लेकिन सामान्य ज्ञान का पेपर पीसीएस स्तर का पूछा गया। आजमगढ़ से आए शरत कुमार ने बताया कि सभी प्रश्न सही थे। पेपर में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं मिली।

19 दिसंबर को मुख्य परीक्षा है और आशा है कि उसमें भी सफल होकर जल्दी नियुक्ति प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है। उन्होंने कहा कि संभव है कि इसी सत्र में नियुक्ति पूरी कर ली जाए। बुलंदशहर के कमलेश कुमार ने बताया कि बॉयोलॉजी के पेपर में अधिकतर अभ्यर्थियों के लिए 80 फीसद से अधिक प्रश्न आसान ही रहे होंगे। बताया कि परीक्षा की मेरिट सामान्य ज्ञान के प्रश्नों के आधार पर ही बन सकती है। संभव कटआॅफ नीचे आने की संभावना है।

इस तरह के आए प्रश्न

12वें वित्त आयोग का अध्यक्ष कौन था? उत्तर प्रदेश में विधान परिषद वित्त विधेयक को कितने दिन विलंबित कर सकती है? वह कौन-सा प्रथम मुगल बादशाह था, जो अंग्रेजों का पेंशन भोगी बना?, उत्तर प्रदेश का कौन-सा शहर मार्च, 2020 को राज्य के जीडीपी और प्रति व्यक्ति आय के मामले में शीर्ष स्थान पर है?, कन्नौज पर महमूद गजनवी के आक्रमण के समय वहां का शासक कौन था?

जीएसटी परिषद के अध्यक्ष कौन हैं?, बाणभट्ट ने हर्षचरित में किस मौर्यकालीन शासक का उल्लेख किया है?, 1829 में अंग्रेजों के विरुद्ध खासी जनजाति विद्रोह का नेतृत्व किसने किया था?, हड़प्पीय पुरास्थल बनावली किस नदी पर स्थित हैं?, आरबीआई द्वारा कितने बैंकों पर जुलाई 2021 में नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया गया? आदि सवाल पूछे गए।

भैंसाली बस अड्डे पर उमड़ी भीड़, व्यवस्थाएं बेकाबू

भैंसाली बस अड्डे पर लोगों की भारी भीड़ रही। इस दौरान बस अड्डे पर की गई व्यवस्थाएं भी ध्वस्त नजर आयी। लोग बसों के लिए इधर से उधर भटकते रहे। घंटों इंतजार के बाद बस आई, लेकिन उसमें बैठने के लिए यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।

शहर में रविवार को पीजीटी की परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों की भारी भीड़ रही। वहीं, इससे रोडवेज की व्यवस्था फुस्स हो गई। परीक्षा देने के बाद अभ्यर्थियों को बसों की कमी का सामना करना पड़ा। रविवार को शहर में पीजीटी की परीक्षा देने के लिए शहर से बाहर दिल्ली, गाजियाबाद, कानपुर, लखनऊ, मुरादाबाद के साथ प्रदेश के अन्य जिलों से अभ्यर्थी परीक्षा देने के लिए आए। परीक्षा समाप्त होने के बाद अभ्यर्थी घर वापसी के लिए बस अड्डे पर पहुंचे और देखते ही देखते बस अड्डे पर अभ्यर्थी और अन्य यात्रियों की भीड़ लग गई। बसों के इंतजार में लोग इधर-उधर भकटते रहे।

बसों की जानकारी देने के लिए तक बस अड्डे पर कोई कर्मचारी तक नहीं मिला। परेशान लोग धूप में खडेÞ बसों का इंतजार करते रहे। आलम ये रहा कि लोग अपने गंत्वय स्थान तक पहुंचने के लिए बड़ी मुश्किल से बस मिल रही थी। कुछ जगह दिल्ली, गाजियाबाद आदि तक जाने के लिए बस अड्डे पर बसें तक नहीं थी। रोडवेज की व्यवस्था पूरी तरह से फुस्स नजर आयी। वहीं, दूसरी ओर शहर के बीच रोडवेज का दूसरा सोहराबगेट बस स्टैंड पर भी अभ्यर्थियों का हुजूम रहा।

कानपुर, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, आगरा, खुर्जा, बुलंदशहर को जाने के लिए अभ्यर्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। परीक्षा छूटने के बाद दोपहर से शाम तक अभ्यर्थी बस अड्डे पर परेशान घूमते रहे। वहीं, अधिकारियों से बात करने पर उन्होंने कहा कि किसी को कोई परेशानी न हो, इसके लिए बसों की संख्या भी बढ़ाई गई थी, लेकिन शहर में जगह-जगह जाम और सड़कों पर भीड़ के चलते बसें जाम में फंसी रही। जिसके चलते बस अड्डे पर बस समय से नहीं पहुंच पा रही थी। इसके बाद भी विभाग ने जो बस अड्डे पर थी, उन्हें आॅनरोड कर दिया गया। जिसके चलते लोगों को राहत मिली।

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