Thursday, March 28, 2024
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मुजफ्फरनगर में पकड़ा गया प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली का पालन

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  • तालाबों में पल रही 110 क्विंटल मछली को गड्ढा खोदकर दबाया गया

जनवाणी संवाददाता |

मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर में प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली पालन की शिकायत पर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रशासन ने गांव मिमलाना के तालाब में छापा मारकर प्रतिबंधित मछली थाई मांगुर पकड़ी है। मछली भरे ट्रक और मांस काटने की मशीन को सीज कर दिया गया है। प्रतिबंधित 110 क्विंटल मछली जमीन में गड्ढा खोदकर दबवाई जा रही है।

एसडीएम सदर परमानंद झा ने बताया कि शिकायत मिली थी कि मिमलाना के तालाब में प्रतिबंधित मछली का पालन हो रहा है। यह तालाब राजकुमार और मनोज के नाम से आवंटित है और इसमें मछली पालन महताब की ओर से किया जा रहा था। एसडीएम राजस्व विभाग की टीम, पुलिस और मत्स्य अधिकारी आनंद कुमार के साथ मौके पर पहुंचे। जहां जांच के दौरान तालाब के किनारे ट्रक में 80 क्विंटल प्रतिबंधित मछली मिली। मौके पर मांस काटने की मशीन भी पाई गई। इन दोनों को एसडीएम ने सीज करा दिया है।

सडीएम सदर परमानंद झा ने बताया कि मौके पर 110 क्विंटल मछली मिली है, जिसमें 80 क्विंटल ट्रक में थी। इस समस्त प्रतिबंधित मछली को मिट्टी में दबवाकर इसका निस्तारण कराया जा रहा है। मत्स्य अधिकारी आनंद कुमार की ओर से प्रतिबंधित मछली का पालन करने वाले महताब आदि पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है।

वर्ष 2000 में सरकार लगा चुकी है प्रतिबंध

भारत सरकार वर्ष 2000 में थाई मांगुर मछली के पालन और बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा चुकी है। मांगुर मछली मांसाहारी होती है। एक तरफ जहां इसके पालने से दूसरी मछलियों को नुकसान पहुंचता है, वहीं इस मछली के खाने से कई घातक बीमारियों के साथ ही कैंसर भी हो सकता है। एनजीटी के अनुसार थाई मांगुर मछली पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाती है।

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