- नगर निगम के साथ होर्डिंग लगाने वाली कंपनियों का है अनुबंध
- होर्डिंग लगाने वाली कंपनी डिवाइडर की मरम्मत का करेगी काम
- क्षतिग्रस्त डिवाइडर को दुरुस्त कराने के लिए कोई भी तैयार नहीं
- होर्डिंग ठेकेदारों को आखिर किसकी मिल रही है शह?
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: नगर निगम के साथ होर्डिंग लगाने वाली कंपनियों का अनुबंध हैं। अनुबंध में स्पष्ट लिखा हुआ है कि होर्डिंग लगाने वाली कंपनी डिवाइडर की मरम्मत का काम करेगी। इस अनुबंध का पालन ठेकेदार नहीं कर रहे हैं। फिर पालन कराने की दिशा में किसी तरह का दबाव नगरायुक्त अमित पाल शर्मा भी नहीं बना रहे हैं।
यही वजह है कि शहर के तमाम डिवाइडर क्षतिग्रस्त हैं, जो दुर्घटना को निमंत्रण दे रहे हैं। कोई भी क्षतिग्रस्त डिवाइडर को दुरुस्त कराने के लिए तैयार नहीं हैं। मुनाफा तो होर्डिंग कंपनी कमा रही हैं और मुसीबत शहर के लोगों की बनी हुई हैं। आखिर, अनुबंध होने के बावजूद क्षतिग्रस्त डिवाइडर की मरम्मत क्यों नहीं कराई जा रही हैं? इसके पीछे होर्डिंग ठेकेदारों को आखिर किसकी शह मिल रही हैं?
तत्कालीन नगरायुक्त मनीष बंसल ने होर्डिंग लगाने वाली कंपनियों पर सख्ती कर दी थी। सख्ती भी ऐसी कर दी थी कि जो भी डिवाइडर क्षतिग्रस्त थे, उनकी मरम्मत और निर्माण का कार्य चालू कर दिया गया था। तेजी से डिवाइडर की उस दौरान मरम्मत हुई, लेकिन मनीष बंसल का जैसे ही मेरठ से तबादला हुआ, फिर से पुराने ढर्रे पर सरकारी सिस्टम पहुंच गया। ‘जनवाणी’ ने शहर में कहां-कहां डिवाइडर क्षतिग्रस्त है, उसको लेकर एक सर्वे किया। सर्वे में पाया कि ज्यादातर डिवाइडर क्षतिग्रस्त हैं।
उनकी मरम्मत भी करा दी जाए तो शहर का सौंदर्यीकरण भी हो जाएगा और दुर्घटना से भी बचा जा सकता हैं, लेकिन इस दिशा में नगर निगम के अधिकारी कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। आखिर निगम अफसरों की क्या मजबूरी हैं कि होर्डिंग ठेकेदारों के सामने घुटने टेके हुए हैं। कानून की चाबुक क्यों नहीं लगाई जा रही हैं। अनुबंध के अनुसार ठेकेदारों को नोटिस क्यों जारी नहीं किया जा रहा हैं?
जब डिवाइडर मरम्मत ठेकेदार नहीं कर रहे हैं तो उनकी फर्म को ब्लैक लिस्ट क्यों नहीं किया जा रहा हैं? इस दिशा में कदम उठाने से निगम के अफसर क्यों हिचक रहे हैं? जिन प्वांइटों पर वर्तमान में होर्डिंग लगे हैं, वहां का टेंडर भी हैं या फिर नहीं। ये भी अभी कहना मुश्किल हैं। क्योंकि नगर निगम अफसरों के द्वारा इस बारे में कुछ भी नहीं बताया जा रहा हैं। ‘जनवाणी’ के फोटोजर्नलिस्ट ने शहर के कुछ डिवाइडरों की तस्वीर कैमरे में कैद की।
उनमें सरकारी सिस्टम की नाकामी साफ दिखाई दे रही हैं। शहर स्मार्ट सिटी की दौड़ में हैं, लेकिन डिवाइडर तक की मरम्मत नहीं कराई जा रही हैं। हालात बेहद विकट हैं। दो दिन पहले फेज-ए-आम कॉलोनी के सामने डिवाइडर क्षतिग्रस्त हैं। इसकी तस्वीर भी आप देख सकते हैं, जहां से डिवाइडर क्षतिग्रस्त था, वहां पर एक कार डिवाइडर के ऊपर चढ़ गई,
जिसके बाद कार में सवार लोगों की बामुश्किल जान बची। उनको चोटें भी आई हैं, लेकिन नगर निगम इसको लेकर अपनी लापरवाही नहीं मानता। एक स्थान पर नहीं, बल्कि हर रोज क्षतिग्रस्त डिवाइडर से दुर्घटना पेश आ रही हैं, लेकिन सरकारी सिस्टम इतना नकारा हो चुका हैं, इसमें डिवाइडर की मरम्मत कराना तो दूर कुछ भी बोलने को भी तैयार नहीं हैं।