- प्रत्याशी को सोशल मीडिया पर प्रचार करना पड़ सकता है महंगा, प्रचार किया तो खर्च में जुड़ेगा
- प्रत्याशी को नामांकन पत्र जमा करते समय देना होगा अपराधिक इतिहास व संपत्ति का ब्यौरा
- पंचायत चुनाव में एक व्यक्ति चार सेट दाखिल कर सकेगा, आयोग ने जारी किए आदेश
जनवाणी संवाददाता |
बागपत: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार करने वाले प्रत्याशी सावधान हो जाए, क्योंकि इस बार सोशल मीडिया पर चुनाव का प्रचार करने का ब्योरा भी देना होगा और यह खर्च उनके चुनाव खर्च में जोड़ा जाएगा। चुनाव आयोग ने यह कदम इसलिए उठाया है कि वह सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार करते थे। इसलिए उनपर अंकुश लगाने के लिए डीएम को चुनाव खर्च में जोड़ने के आदेश दिए है।
वहीं चुनाव में नामांकन के लिए प्रत्याशी चार सेट दाखिल कर सकेंगे। इसके अलावा प्रत्याशियों का चुनाव आयोग ने नामांकन एवं खर्च की धनराशि निर्धारित कर दी है और प्रत्याशी को नामांकन पत्र जमा करते समय अपना अपराधिक इतिहास व संपत्ति का ब्यौरा भी देना होगा, ताकि पता चल सकें कि उसपर कितनी संपत्ति है और किनते मुकदमे दर्ज है। आयोग ने प्रत्याशियों को आदर्श आचार संहिता का पालन कराने व चुनाव शांतिपूर्ण कराने के निर्देश दिए है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा होने के बाद प्रत्याशियों ने सोशल मीडिया का सहारा लेना शुरू कर दिया था और सोशल मीडिया के माध्यम से वह अपने-अपने पोस्टर वायरल कर ग्रामीणों से वोट देने की अपील कर रहे है, ताकि उनको गांव-गांव में पोस्टर न लगाने पड़े और सोशल मीडिया के माध्यम से ही जीत मिल सकें।
प्रत्याशी सोचता था कि सोशल मीडिया पर प्रचार करने से उनका चुनाव खर्च में नहीं जुडेगा, लेकिन राज्य चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। क्योंकि आचार संहिता लगने के बाद सभी स्थानों से पोस्टर व होर्डिंग हटा दिए जाते है। आयोग ने जारी आदेश में कहा कि सोशल मीडिया का सहारा लेकर प्रचार प्रसार करने वाले प्रत्याशियों का खर्च चुनाव में जोड़ा जाए।
यदि कोई इसका चुनावी ब्यौरा नहीं देता है तो उसपर कार्रवाई अमल में लायी जाए। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही न बरती जाए। आयोग ने कहा कि सभी अधिकारी प्रत्याशियों के सोशल मीडिया पर नजर रखे और इसको रजिस्टर में अंकित कर चुनाव खर्च में जोडे।
प्रत्याशी को अपराधिक इतिहास का देना होगा ब्यौरा
नामांकन के दौरान प्रत्याशी को अपराधिक इतिहास, चल-अचल संपति और शैक्षिक योग्यता का ब्योरा देना होगा। ताकि पता चल सकें कि उक्त प्रत्याशी पर कितने अपराधिक मुकदमे है और कितनी संपत्ति है। इसकी जानकारी होना भी जरूरी है। यदि प्रत्याशी ने यह सभी जानकारी नहीं दी तो उसका नामांकन पत्र रद्द किया जा सकता है। इसके लिए चुनाव आयोग ने आदेश जारी कर दिए है।
होर्डिंग हटने हुए शुरू
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की आचार संहिता लगने के बाद प्रशासन ने होर्डिंग व बैनर हटाने शुरू कर दिए है। इसके लिए कर्मचारी तैनात कर दिए गए है और उनको जिम्मेदारी सौंपी गयी है कि वह सभी स्थानों से होर्डिंग हटाए। इसमें डीएम ने किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने के आदेश दिए।
प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार के लिए सोशल मीडिया का प्रयोग करने उसके खर्च का भी ब्योरा देना होगा। यदि वह इसका ब्यौरा नहीं देते है तो आयोग की गाइड लाइन के अनुसार कार्रवाई होगी। साथ ही संपत्ति, अपराधिक इतिहास, शैक्षिक योग्यता भी नामांकन पत्र में खोलनी होगी। -प्रवीण चौधरी जिला सहायक निर्वाचन अधिकारी बागपत