- जनवाणी की खबर का आलाधिकारियों ने लिया संज्ञान
- थापरनगर चिड़ियों की आड़ में बांग्लादेश से तस्करी से लाई जा रही थी चिड़ियां
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: थापरनगर में बिक रही चिड़ियों की आड़ में बांग्लादेश से तस्करी से लाई जा रही चिड़ियों की खबर दैनिक जनवाणी में प्रकाशित होते ही लखनऊ में पुलिस महानिदेशक कार्यालय के सोशल मीडिया सेल ने मेरठ पुलिस से इस बारे में रिपोर्ट मांगी है।
थापर नगर में चल रहे अवैध चिड़िया बाजार में पाइनएप्पल बर्ड भी बिकने के लिए मेरठ में आ रही है। ये बेजुबान पक्षियों की सौदेबाजी चोरी छिपे चल रही हैं। जिम्मेदार अफसर कार्रवाई तो छोड़िए दुकानों पर चेकिंग तक नहीं करते। इन दिनों विदेशी पक्षियों को बेचने का अवैध कारोबार शहर में धड़ल्ले से चल रहा है। थापर नगर समेत कुछ स्थानों पर विदेशी पक्षी धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं।
एक्वेरियम और चिड़िया दाना के नाम पर यह कारोबार फल-फूल रहा है। दुकानों पर खुलेआम बाहर तक पिंजरा में विदेशी पक्षियों को डिस्प्ले में रखा जाता है। इस अवैध कारोबार की पड़ताल ‘जनवाणी’ टीम ने की तो पता चला कि विदेशी पक्षी चोरी छुपे बिक रहे हैं, जिनको बंगलादेश से कोलकाता के रास्ते लाया जाता है। वह भी बिना किसी अनुमति के। हालांकि वन विभाग के अधिकारी इससे पल्ला झाड़ते हैं।
भले ही सोतीगंज चोरी की गाड़ियों के लिये बदनाम हो, लेकिन सोतीगंज के बगल में स्थित थापरनगर में तेजी से चिड़िया बाजार बढ़ रहा है। कहने को यह बाजार पूरी तरह से अवैध है, लेकिन पक्षियों की नई नई वैरायटी जरूर देखने को मिल जाएगी। वन विभाग का कहना है कि चिड़िया बाजार उनकी परिधि में तभी आएगा, जब इसमें जंगली पक्षी विकेंगे। हालांकि पशु क्रूरता अधिनियम का इस बाजार में खुल कर उल्लंघन हो रहा है।