- हैदराबाद से एसओजी पकड़ कर लाई, कोर्ट ने जेल भेजा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: श्रम कल्याण परिषद के निवर्तमान अध्यक्ष सुनील भराला को धमकी दिलवाने वाले मारूफ को एसओजी ने हैदराबाद से पकड़ कर जब अदालत में पेश करने के लिये लाये तो भाजपा कार्यकर्ताओं ने उसकी पिटाई कर दी। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने मारुफ को भीड़ से बचाकर कचहरी पुलिस चौकी में लाये। बाद में पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
उत्तर प्रदेश के श्रम कल्याण परिषद के निवर्तमान अध्यक्ष व भाजपा नेता सुनील भराला को धमकी दिलाने के मामले में आरोपित नोएडा के सेक्टर-15 निवासी मारूफ को कचहरी में पेशी पर ले जाते समय भाजपा कार्यकर्ताओं ने घेर लिया और उसकी पिटाई कर दी थी। कार्यकर्ताओं ने मारूफ को पुलिस से छीनने का प्रयास किया। कचहरी चौकी प्रभारी ने मारुफ को पुलिस चौकी में लाकर पिटने से बचाया।
आरोपी मारूफ को करीब तीन बजे पल्लवपुरम पुलिस कचहरी में लेकर आई। मारूफ के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश था। कचहरी में पहले से ही भाजपा कार्यकर्ता उसका इंतजार कर रहे थे। वहां भाजपा कार्यकर्ताओं की भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस लगाई गई थी, लेकिन भाजपाई उस तक पहुंच गए। पेशी के बाद दूसरे गेट पर पुलिस की गाड़ी लगाकर मारूफ को पुलिस शाम करीब पांच बजे जेल ले गई।
एसपी सिटी पीयूष कुमार ने बताया कि मारूफ को सुरक्षित कचहरी से निकाल कर जेल भेज दिया गया है। मारूफ के मोबाइल में भी कई राज दफन हैं। पुलिस ने दिल्ली से उसका मोबाइल भी कब्जे में ले लिया है। उस मोबाइल की काल हिस्ट्री में कई नेताओं और कई अफसरों से भी बातचीत सामने आई है। पुलिस फिलहाल मारूफ के मोबाइल की काल हिस्ट्री और अन्य साक्ष्य अपने पास सुरक्षित रख रही है।
जांच पर नहीं है पूर्व राज्यमंत्री को विश्वास
मेरठ: पूर्व दर्जा राज्यमंत्री पंडित सुनील भराला ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में मेरठ पुलिस पर जांच को भटकाने तथा भ्रष्टाचारियों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि उनके निजी सहायक अजय पांडे ने 10 सितंबर को दौराला थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें उन्हें और उनके परिवार को एक अज्ञात कॉल से जान से मारने की धमकी दी थी,
जिसमें एक बिल्डर की शासन से की गई शिकायत वापस नहीं लेने की सूरत में भुगतने का अंजाम देने की धमकी दी गई थी। पुलिस को साक्ष्य के रूप में उनके द्वारा आॅडियो क्लिप भी उपलब्ध कराई गई थी। जांच के दौरान कई अधिकारियों से उनकी बात हुई, लेकिन अधिकारियों ने यह भी माना कि उनको धमकी मिली है। यह शिकायत टी&टी बिल्डर कि शिकायत वापस लेने के लिए धमकी दी जा रही थी।
इसकी शिकायत प्रमुख सचिव गृह को दी गई थी। मेरठ पुलिस ने खुलासा किया है कि एक प्रतिष्ठित परिवार के डॉक्टर मारूफ इसका मास्टरमाइंड है, जो कि उनकी उस बातचीत से मेल नहीं खाता, जो जांच के दौरान पंडित सुनील भराला ने जांच में बड़े षड्यंत्र की आहट की आशंका व्यक्त की हैं।
इसमें जो वास्तविक मुलजिम है, उसे बचाने का भी आरोप पूर्व राज्यमंत्री ने लगाया हैं। इसमें किसी निर्दोश को फसाया जा रहा है। यह सब उस जांच को प्रभावित करने के लिए किया जा रहा है, जो उनकी शिकायत के बाद शासन से कर उच्च स्तरीय कमेटी बनाई है। कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार है, जिनकी भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति है। भ्रष्ट अफसर जेल जाएंगे।