नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। आज देशभर में गोपाष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है। यह त्योहार कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन गौ माता की पूजा की जाती है। वहीं, इस वर्ष यह त्योहार 20 नवंबर को है। माना जाता है कि इस दिन सर्वप्रथम भगवान कृष्ण ने गायों को चराना आरंभ किया था, इसलिए इस दिन गौ माता के साथ बछड़े की भी पूजा की जाती है।
साथ ही गउ माता की पूजा करने से श्री कृष्ण प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। इस दिन गाय की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है। चलिए जानते हैं गोपाष्टमी की पूजन विधि और महत्व…
गौ माता की पूजा ऐसें करें
- अष्टमी तिथि को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले स्वयं स्नानादि करना चाहिए और भगवान कृष्ण के समक्ष दीप प्रज्वलित करें।
- इसके बाद गाय और उसके बछड़े को नहलाकर तैयार करें और गाय को घुंघरू आदि पहनाएं।
- गाय को आभूषण या फूलों की माला पहनाकर श्रंगार करें। गौ माता के सींग रंगकर उनमें चुनरी बांधे।
- अब गाय भलिभांति गाय का पूजन करें और भोजन कराएं। इसके बाद गाय की परिक्रमा करें।
- गोधूलि बेला में पुनः गाय का पूजन करें और उन्हें गुड़, हरा चारा आदि खिलाएं।
- यदि आपके घर में गाय न हो तो किसी गौशाला में जाकर गाय का पूजन कर सकते हैं।