नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। हर वर्ष मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा तिथि पर अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है। बताया जाता है कि, इस दिन मां पार्वती के अन्नपूर्णा स्वरूप की पूजा की जाती है। माना जाता है कि, अन्नपूर्णा जयंती के दिन मां पार्वती समस्त सृष्टि का भरण-पोषण करने वाली देवी अन्नपूर्णा के रूप में पृथ्वी पर प्रकट हुई थीं।
इस दिन अन्नपूर्णा माता की पूजा करने से संकट के समय में भी कभी अन्न की कमी नहीं होती है। देवी अन्नपूर्णा के आशिर्वाद से ही धरती पर अन्न की प्राप्ति होती है, इसलिए अन्नपूर्णा माता का स्थान रसोई घर में माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अन्न और भोजन का सम्मान करने वाले व्यक्ति को जीवन में कभी भूखा नहीं रहना पड़ता है। तो चलिए जानते हैं इस साल कब मनाई जाएगी अन्नपूर्णा जयंती..
अन्नपूर्णा जयंती 2023 तिथि
हिंदू केलेंडर के मुताबिक, मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 26 दिसंबर 2023 को सुबह 05 बजकर 46 मिनट से हो रही है। इसका समापन अगले दिन यानी की 27 दिसंबर 2023 को सुबह 06 बजकर 02 मिनट पर होगा। ऐसे में इस साल अन्नपूर्णा जयंती 26 दिसंबर 2023 को मनाई जा रही है।
अन्नपूर्णा जयंती 2023 पूजन विधि
- अन्नपूर्णा जयंती के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- फिर पूरे घर और रसोई, चूल्हे की अच्छे से साफ-सफाई करें और गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें।
- खाने के चूल्हे पर हल्दी, कुमकुम, चावल पुष्प अर्पित करें और धूप दीप प्रज्वलित करें।
- इस दिन मां अन्नपूर्णा के साथ माता पार्वती और शिव जी की पूजा करें।
- विधि पूर्वक पूजा करने के बाद माता से प्रार्थना करें कि हमारे घर में हमेशा अन्न के भंडारे भरे रहें। मां अन्नपूर्णा पूरे
- परिवार एवं समस्त प्राणियों पर अपनी कृपा बनाए रखें।
- संभव हो तो इस दिन अन्न का दान करें और जरूरतमंदो को भोजन करवाएं।
अन्नपूर्णा जयंती 2023 का महत्व
- मां अन्नपूर्णा को अन्य धन और सुख शांति का देवी माना जाता है। इनकी कृपा से घर में सदैव अन्न के भंडार भरे रहते हैं। जिस घर में मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद रहता है, वहां किसी भी चीज का अभाव नहीं रहता है।
- इनके आशीर्वाद से आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है, इसलिए अन्नपूर्णा जयंती के दिन माता अन्नपूर्णा की पूजा जरूर करनी चाहिए।