जनवाणी ब्यूरो |
शामली: गांव लिसाढ निवासी दिव्यांग रिटायर्ड फौजी चाहीराम ने जिलाधिकारी को पत्र देकर अवगत कराया है कि वह 1965 की लडाई में आंखों से आंधा हो गया था। जिसके बाद फौज ने 1970 ने मेडिकल बोर्ड देते हुए वापस भेज दिया। उसके तीन लडको में देवेन्द्र अविवाहित था, जबकि एक पुत्र रविन्द्र शादी के बाद अपने परिवार के साथ अलग जाकर रहने लगा। सबसे छोटे पुत्र राजीव की पत्नी की दो वर्ष पूर्व मृत्यु हो गई थी।
राजीव की कोरोना महामारी के कारण मृत्यु हो गई। जिस कारण अविवाहित पुत्र देवेन्द्र दोनों बच्चों की देखभाल कर रहा था। देवेन्द्र की भी कोरोना काल में मृत्यु हो गई। जिसके चलते दोनों बच्चे अनाथ हो गए। दिव्यांग वृद्ध ने बताया कि आंखों से अंधा होने के कारण वह दोनों बच्चों की देखभाल करने में असमर्थ है। जिस कारण सरकार की ओर से आर्थिक सहायता पढाई आदि के लिए सहयोग दिलाया जाये।