Friday, March 29, 2024
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विफलताओं से घबराकर रुके नहीं …सीखें और आगे बढ़ें

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महान वैज्ञानिक थॉमस अल्वा एडीसन के बारे में कहा जाता है कि जब वे बिजली के बल्ब के आविष्कार पर कार्य कर रहे थे, तो इस प्रयास में वे कई बार असफल हुए, किंतु अपने प्रयास में बार-बार की असफलता से न तो कभी वे निराश हुए और न ही घबराए। अपने प्रयासों में लगातार विफलताओं के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और बिजली के बल्ब के ईजाद की दिशा में सफल होने तक निरंतर प्रयास करते रहे।

जब उनके दोस्तों ने एडीसन की इन असफलताओं और असफल प्रयासों में हुए समय की बरबादी के बारे में उनसे पूछा तो उन्होंने कहा था, ‘मैं बिजली के बल्ब बनाने मे असफल नहीं हुआ हूं और न ही इन सभी असफल प्रयासों में मेरा कीमती वक्त जाया हुआ है, बल्कि इन असफलताओं ने मुझे यह सिखाया है कि उन सभी तरीकों से बिजली के बल्ब नहीं बनाए जा सकते हैं।’

सच पूछिए तो असफलताओं के बारे में एडीसन के जीवन की इस फिलॉसफी में मानव जीवन में सफलता प्राप्त करने का एक अमूल्य रहस्य छुपा हुआ है और वह यह है कि विफलता ही कामयाबी की राहें प्रशस्त करती हैं और विफलताओं के गर्भ में ही सफलताओं के भ्रूण पलते हैं।

दुनिया मे जिन लोगों ने भी कामयबियां हासिल की हैं, यदि हम उनके जीवन को गौर से पढ़ें तो यह बात समझते देर नहीं लगती है कि उनके लिए भी सफलता की राहें सपनों सरीखा आसान नहीं थी। वे भी अपने जीवन के खूबसूरत सपनों को साकार करने की दिशा में कई बार असफल हुए, गिरे, उठे, पुन: गिरे और फिर से उठे।

इस प्रकार बार-बार गिर कर और उतनी बार ही उठ-उठ कर वे उस मुकाम पर पहुंच पाए, जिसका उन्होंने कभी सपना देखा था। आशय यही है कि सफल होने की कोशिश में मिली पहली असफलता के बाद ही यदि हम हार मान लें और प्रयास करना बंद कर दें तो हम कभी भी अपने मुकाम तक पहुंचने में कामयाब नहीं हो सकते हैं।

विफलता का अर्थ सफलता के लिए अनिवार्य प्रतिभा का अभाव नहीं है। मानव स्वभाव है कि असफलता कि स्थिति में हम अक्सर खुद की काबिलियत पर शक करने लगते हैं और खुद को अयोग्य मान लेते हैं।

सच पूछिए तो सफलता प्राप्ति की राह में यह सोच काफी खतरनाक है। असफलता का सीधा-सा अर्थ यही है कि किसी विशेष डोमेन में सफल होने के लिए तैयारी मुकम्मल रूप से नहीं की गई थी। इसका अर्थ कभी भी यह नहीं है कि आप में कामयाब होने के लिए प्रतिभा का अभाव है।

असफलताओं के कारणों की सच्चे दिल से तलाश करें

हमारी असफलता तब और भी स्थायी हो जाती है जब हम विफलता कि स्थिति में हार मान बैठते हैं और सफल होने के लिए आगे प्रयास करना ही छोड़ देते हैं।

हकीकत तो यही है कि नाकामयाबी महज हमें यह सिखाती है कि सफल होने की राह में हमसे कुछ चूक हो गई है। इसी गलती की पहचान करके जब हम उसके समाधान का रास्ता ढूंढ लेते हैं तो फिर हमारा अगला प्रयास निश्चित सफलता का प्रयास होता है।

खुद की प्रतिभा में विश्वास को हमेशा अडिग रखें

महान हास्य कलाकार चार्ली चैपलिन को एक बार जब पत्रकारों ने पूछा कि यदि वे हास्य कलाकार नहीं बन पाते तो वे क्या करते? उन्होंने इस प्रश्न का उत्तर दिया था, मैंने अपने जीवन मे हमेशा लोगों को हंसाना चाहा था और मुझे एक विश्व प्रसिद्ध कोमेडियन ही बनना था।

इसीलिए मैं और कुछ बन ही नहीं सकता था। चार्ली चैपलिन की अपनी प्रतिभा में यह अडिग विश्वास ही उनके जीवन मे सफलता का अचूक रहस्य साबित हुआ। इसी प्रकार जब हम खुद की काबिलियत में बिना संदेह किए आगे बढ़ते जाते हैं तो फिर हमारी कामयाबी में कोई संदेह शेष नहीं रह जाता है।

कठोर परिश्रम का कोई विकल्प नहीं

इस दुनिया में हर व्यक्ति सफल होना चाहता है और इस साइकॉलजी में कुछ भी आश्चर्य नहीं है। यह मानव के कुदरती स्वभाव में शुमार होता है। किंतु जब कोई व्यक्ति अपने जीवन में बिना परिश्रम किए सफलता के मुकाम तक पहुंचने की इच्छा रखता है तो समस्याएं तभी शुरू होती हैं।

सफल प्रॉफेश्नल्स का संपूर्ण जीवन कठिन परिश्रम और साधना का होता है। सफल होने की राहें बेशुमार कठिनाइयों और चुनौतियों से भरी होती हैं।

कामयाबी हासिल करने के लिए संघर्ष और त्याग की दरकार होती है। बिना मेहनत किए सफल होने की चाहत में ही विफलता की त्रासदी छुपी होती है। इसीलिए यदि आप सफलता के मुरीद हैं तो आपको सही दिशा में सतत मेहनत करनी पड़ेगी। जीवन में हमेशा यह याद रखिए कि सफलता का कोई शॉर्ट-कट नहीं होता है।

बेसिक्स को अच्छी तरह से जानें

दुनिया में ज्ञान के हर विधा कीअपनी विशिष्ट बेसिक्स होती हैं, जिन्हें जाने बिना सफलता में हमेशा संदेह बना रहता है। तैराकी के बेसिक्स को जाने बिना इस विधा में सफलता पाने के लिए किसी नदी में छलांग लगा देना खुदकुशी से कम खतरनाक नहीं है।

मानव ज्ञान के किसी भी विधा के बेसिक्स पर मास्टरी से आत्मविश्वास बढ़ता है जो अंतत: सफल होने में महती रूप से सहायक होता है। किसी क्षेत्र मे बेसिक्स के ज्ञान से सफलता की राहें आसान होती जाती हैं। लिहाजा जब आप अपने किसी मुकाम में असफल हो जाएं तो खुद से यह प्रश्न जरूर पूछें कि कहीं आपने उस विधा के बेसिक्स की अनदेखी तो नहीं कर दी है।

अभ्यास से ही पूर्णता प्राप्त होती है

प्रसिद्ध अमेरिकी पूर्व बास्केटबॉल प्लेयर माइकल जॉर्डन ने एक बार कहा था, ‘मैं अपने जीवन में लगभग 9000 शॉट्स में असफल हुआ हूं, 300 गेम्स हारा हूं। इतना ही नहीं मैं 26 बार जीतते-जीतते पराजित हुआ हूं। मैं अपने जीवन में बार-बार असफल हुआ हूं और यही कारण है कि मैं अंतत: सफल हो पाया हूं।’

महान खिलाड़ी की यह आत्मस्वीकारोक्ति यही अहम संदेश दे जाती है कि मानव ज्ञान की किसी भी विधा में पूर्णताऔर सफलता केवल सतत अभ्यास से ही प्राप्त की जा सकती है।

इस सत्य से इंकार करना आसान नहीं होगा कि हम अपने जीवन में सबसे अधिक अपनी असफलताओं से ही सीखते हैं। जीवन में असफलता से बढ़कर कोई दूसरा शिक्षक नहीं होता है।

किंतु मन को जीवन के इस अमूल्य रहस्य को समझा पाना आसान नहीं होता है, क्योंकि असफल होने की स्थिति में हमारा कॉन्फिडेंस लेवल काफी नीचे गिर जाता है और हम खुद को अयोग्य समझ बैठते हैं।

लेकिन हमें यह कभी नहीं भूलनी चाहिए कि जीवन में असफलता महज एक पड़ाव है, जिसके पार की दुनिया सफलताओं की रोशनी से सराबोर होती है।
  -एसपी शर्मा


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