- इसरो छोड़कर नासा जाने का मन बना रही थी शिवानी
- चंद्रयान-3 की सफलता के बाद बदला फैसला
- चंद्रयान-3 में भूनी की वैज्ञानिक शिवानी ने भी किया काम
जनवाणी संवाददाता |
सरधना/सरूरपुर: कहते हैं कि योजना के बिना लक्ष्य महज इच्छा है, लेकिन लक्ष्य को पाने और सपना पूरा करने की लगन हो तो कोई नहीं रोक सकता है। फिर वो सपना चाहे चांद पर जाने की ही क्यों न हो। जिस चंद्रयान-3 की सफलता पर पूरा विश्व भारत को सलाम कर रहा है। उस अभियान में देश के कोने-कोने से शामिल होनहार वैज्ञानिकों ने अपना सहयोग दिया है।
सरधना के भूनी गांव निवासी किसान की बेटी वैज्ञानिक शिवानी त्यागी भी चंद्रयान-3 का हिस्सा रही। दिन-रात मेहनत करके मिशन को सफल कराने में साथ रही शिवानी नासा जाने का मन बना रही थी। मगर विश्व को अपना लोहा मनवाने वाले भारत का चंद्रयान-3 अभियान सफल होने पर उनकी देशभक्ति ने उन्हें रोक दिया। अभियान की सफलता के साथ उन्होंने अपना फैसला भी बदल दिया है।
भारत के चंद्रयान-3 मिशन पर पूरी दुनिया की नजर थी। क्योंकि चांद के दक्षिण धु्रव पर पहुंचने वाला भारत पहला देश बन गया है। जो काम पूरी दुनिया नहीं कर पाई। भारत ने उस काम को करके दिखाया है। तीन दिन पहले ही चांद पर पहुंचने से पहले ही रूस की लैंडर क्रेश हो गया था। जिसके बाद पूरी दुनिया की नजर भारत के मिशन पर थी। चंद्रयान-3 मिशन के लिए जहां पूरा देश प्रार्थना कर रहा था।
वहीं, देश के कौने-कौने से चुने गए होनहार वैज्ञानिक उसमें लगे हुए थे। सरधना के भूनी गांव निवासी किसान महेश त्यागी की पुत्री शिवानी त्यागी भी इसरो के इस मिशन का हिस्सा रही। प्रतिभावान शिवानी मिशन की सफलता के लिए दिन-रात लगीरही। महेश त्यागी बताते हैं कि शिवानी इसरो से नासा में जाने का मन बना रही थी। मगर चंद्रयान-3 मिशन के चलते उन्होंने अपना फैसला बदल दिया।
बात देश की आई तो देशभक्ति ने उन्हें अपना फैसला बदलने पर मजबूर कर दिया। चंद्रयान-3 मिशन सफला हुआ तो पूरे देश के साथ वैज्ञानिक शिवानी त्यागी के घर पर भी दिवाली मनाई जा रही थी। गुरुवार को भी परिवार को बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। उन्होंने मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया।
गांव से ही पूरी की प्राथमिक शिक्षा
परिजन बताते हैं शिवानी त्यागी शुरू से ही प्रतिभाशाली हैं। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा गांव से ही पूरी की। इसके बा बी-टेक मोदी इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी, लक्ष्मणगढ़ राजस्थान से की। जहां से वह गोल्ड मेडलिस्ट हैं। एम-टेक एडवांस कंप्यूटर्स एंड एलकोरिदम्स डिजाइन दिल्ली टेक्नीकल यूनिवर्सिटी से की।
उसमें भी शिवानी गोल्ड मेडिलिस्ट हैं। इसरो में शिवानी त्यागी सीनियर साइंटिस्ट (एलगोरिदम्स डिजाइन एंड प्रेसीसियन वेलिटेशियन) के पद पर तैनात हैं। करीब साढेÞ चार साल से शिवानी इसरो को अपनी सेवा दे रही हैं।
इसरो के वीडियो में जश्न मनाते दिख रही शिवानी
बुधवार को जिस समय पूरी दुनिया की नजर भारत के चंद्रयान-3 पर थी, देशभर के लोग प्रार्थना कर रहे थे। वहीं इसरो का मुख्य हॉल वैज्ञानिकों से भरा हुआ था। जैसे ही चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने सफल सोफ्ट लैंडिंग की, पूरे देश के साथ इसरो के आॅफिस में जश्न छा गया। लाइव वीडियो में वैज्ञानिक शिवानी त्यागी भी जश्न मनाते हुए नजर आ रही हैं। वीडियो में अपनी लाडली को देखकर परिजन और ग्रामीणों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।
चंद्रयान-2 का भी हिस्सा रही शिवानी
वैज्ञानिक शिवानी त्यागी चंद्रयान-2 मिशन का भी हिस्सा रही थी। उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर उस मिशन को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत की थी। मगर दुर्भाग्य से वर्ष 2019 में चंद्रयान-2 सफल नहीं हो सका था। लैंडर विक्रम चांद पर लैंड नहीं कर पाया।