Saturday, September 30, 2023
HomeUttar Pradesh NewsMeerutशूटर का लाइसेंस के नाम पर उत्पीड़न

शूटर का लाइसेंस के नाम पर उत्पीड़न

- Advertisement -
  • दो साल से शूटर की फाइल काट रही अधिकारियों के चक्कर
  • आहत शूटर ने यूपी छोड़ दूसरे राज्य से खेलने का बनाया मन

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: खेलों इंडिया और हर गांव स्टेडियम जैसी योजनाएं चलाकर सरकार उभरते हुए खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का अवसर दे रही है। साथ ही खिलाड़ियों को खेलों में अपना भविष्य बनाने के लिए भी प्रोत्साहित कर रही है। जिले में खेलों को बढ़ावा देनें के लिए प्रदेश की पहली खेल युनिवर्सिटी भी तैयार हो रही है

जहां खिलाड़ियों को उनके मनमुताबिक खेलों का चुनाव करने के बाद अच्छा प्रशिक्षण भी देनें की तैयारी है। लेकिन एक उभरती हुई राष्टÑीय स्तर की खिलाड़ी को पिछले दो सालों से लाइसेंस बनाने के नाम पर उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। हारकर अब इस खिलाड़ी ने यूपी छोड़ दूसरे राज्य से खेलने का मन बनाया है।

साधारण परिवार की होनहार बेटी आकांशा खारी एक राष्टÑीय स्तर की शूटर है। आकांशा ने देश में आयोजित कई प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए कई मेडल जीतें हैं। पिता अमित खारी मामूली संविदा विद्युतकर्मी है जिस वजह से शूटिंग जैसे

20 21

महंगे खेल के लिए किसी तरह बेटी को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहें है। बेटी भी एक दिन अपने देश के लिए खेलने का सपना लेकर दिन-रात मेहनत कर रही है। मगर लचर प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर आकांशा ने अब यूपी छोड़कर दूसरे राज्य दिल्ली या उत्तराखंड से खेलने का मन बनाया है।

दो साल से नहीं बना पिस्टल का लाइसेंस

आकांशा खारी एक राष्टÑीय स्तर की शूटर है। उसने मुजफ्फरनगर में आयोजित आॅल इंडिया यूनिवर्सिटी शूटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड हासिल किया है। इसके साथ ही 14वीं प्री यूपी स्टेट प्रतियोगिता में सिल्वर, दूसरी सर्वोदय शूटिंग प्रतियोगिता में सिल्वर, 43वीं यूपी स्टेट शूटिंग प्रतियोगिता में सिल्वर, प्रथम केडी सिंह मेमोरियल शूटिंग प्रतियोगिता में गोल्ड व सिल्वर, 12वीं केडी सिंह शूटिंग प्रतियोगिता में सिल्वर,

12वीं माहराजा डा. करनी सिंह मेमोरियल प्रतियोगिता के टीम इवेंट में सिल्वर के साथ 12वीं माहराजा डा. करनी सिंह शूटिंग प्रतियोगिता में 14वीं रैंक हासिल की है। इसके साथ ही कई नेशनल प्रतियोगिताओं में वह अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी है। खिलाड़ी ने दिसंबर 2021 में पिस्टल के लाइसेंस के लिए आवेदन किया था लेकिन दो साल बीतने के बाद भी उसे लाइसेंस नहीं मिल सका है।

आकांशा ने दूसरे राज्य से खेलने का मन बनाया

आकांशा खारी के पिता अमित खारी ने बताया दो साल से लाइसेंस नहीं होनें की वजह से आकांशा काफी आहत है। जिला प्रशासन के सभी नियमों का पालन करने के बाद भी उसे लाइसेंस उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। अब असलाह बाबू के यहां फाइल है जहां से उसकी फाइल का छह माह पहले समय निकल जानें पर फिर से आवेदन करने को कहा गया है।

तो ऐसे खेलेगा इंडिया, आगे बढ़ेगा इंडिया

जिला प्रशासन की उदासीनता के चलते एक होनहार शूटर कैसे आगे बढ़कर देश के लिए खेलेगी यह बड़ा सवाल है। एक ओर केंन्द्र व राज्य सरकारें उभरते हुए खिलाड़ियों को तमाम तरह की सुविधाएं देनें का दावा करती है जबकि दूसरी ओर खिलाड़ियों का किस तरह उपत्पीड़न किया जाता है यह उसकी बानगी भर है।

- Advertisement -
- Advertisment -spot_img

Recent Comments