जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: कर्नाटक के गुलबर्गा में रविवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने भूकंप की पुष्टि की है।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक गुलबर्गा में सुबह करीब छह बजे 3.4 तीव्रता का भूकंप आया।
दक्षिण भारत के हिस्से में आए भूकंप के झटके को कई लोगों ने महसूस किया। भूकंप को लेकर किसी तरह के नुकसान के बारे में फिलहाल कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने अधिकारिक तौर पर जो जानकारी दी है उसके मुताबिक भूकंप का हल्का झटका महसूस किया गया है।
कैसे आता है भूकंप?
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं।
जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं।
An earthquake of 3.4 magnitude occurred in Gulbarga, Karnataka at around 6 this morning: National Center for Seismology pic.twitter.com/mRykPXSmI7
— ANI (@ANI) October 10, 2021
इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।
भूकंप की तीव्रता
रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं।
इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते।
वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।
लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं।
इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।