- साकेत, परतापुर के कुंडा रोड पर कालीन, रेलवे रोड बर्फ फैक्ट्री, कोल्ड स्टोर, कोठी और प्रतिष्ठानों पर की गई छापे की कार्रवाई
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: महानगर के जाने माने उद्यमी शारदा एक्सपोर्ट के मालिक जितेन्द्र गुप्ता की कोठी व प्रतिष्ठानों पर मंगलवार को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के अफसरों ने छापेमारी की। कोठी व प्रतिष्ठानों पर छापे की कार्रवाई सुबह शुरू हो गयी। पता चला है कि करीब सात बजे ईडी के अफसर साकेत स्थित कोठी में दाखिल हो गए। ईडी अफसरों के भीतर जाने के बाद 192-ए साकेत स्थित कोठी पर भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गयी। सीओ सिविल लाइन अभिषेक तिवारी स्वयं भी मौके पर पहुंचे। कोठी पर सुरक्षा इंतजामों को वह खुद देख रहे थे।
शारदा एक्सपोर्ट के मालिक जितेन्द्र गुप्ता की साकेत कोठी मेें अलावा परतापुर के कुंडा रोड पर कालीन फैक्ट्री, रेलवे रोड बर्फ खाने में बर्फ की फैक्ट्री और आलू कोल्डस्टोर है। उनके शारदा एक्सपोर्ट की देश के बड़े एक्सपोर्ट्स में गिनती होती है। इन सभी जगहों पर सुबह एक साथ ईडी अफसरों ने छापेमारी शुरू की। सभी अफसर गाड़ियों से पहुंंचे। कारोबारी के यहां मेरठ के साथ ही साथ उनके दिल्ली, चंडीगढ़ और नोएडा स्थिति प्रतिष्ठानों पर भी छापेमारी की गई। शारदा एक्सपोर्ट का 100 से भी ज्यादा देशों में कारपेट और लकड़ी के फर्नीचर एक्सपोर्ट का काम है।
हालांकि शहर में यह खबर थोड़ी देरी से वायरल हुई, जब तक वायरल हुई तब तक कोठी व दूसरे प्रतिष्ठानों पर ईडी के अफसरों का शिकंजा कस चुका था। स्थानीय प्रशासन ने सभी जगह सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए थे। इसके अलावा ईडी के अफसर केंद्र की ओर से मुहैय्या करायी गई सीआरपीएफ की सुरक्षा साथ लेकर चल रहे थे। सूत्रों ने जानकारी दी कि ईडी की टीम सबसे पहले कंपनी के मालिक जितेंद्र गुप्ता के साकेत स्थित आवास पर पहुंची। दूसरी टीम परतापुर रिठानी में उनकी कालीन फैक्ट्री में पहुंची।
तीसरी टीम रेलवे रोड बर्फखाने पहुंची, चौथी टीम आइस फैक्ट्री और कोल्ड स्टोर में रेड डालने पहुंची। सभी टीमों ने एक साथ व एक ही समय पर छापा मारा। पूरे दिन टीम कोठी में दस्तावेज खंगालने में लगी रही। इस कार्रवाई में ईडी के हाथ क्या लगा, यह जांच पूरी होने के बाद ही पता चल पाएगा। ईडी की शहर में दस्तक के बाद अन्य बड़े कारोबारियों में भी अफरातफरी का माहौल है।
शारदा के आशीष 2019 में जा चुके हैं जेल, आदित्य हो गए थे फरार
शारदा एक्सपोर्ट के मालिक अशीष गुप्ता साल 2019 में जेल जा चुके हैं। जबकि उनके भाई आदित्य गुप्ता उस मामले में फरार हो गए थे। इनका साकेत में बंगला नंबर 192-ए है। परिवार दिल्ली के हौजखास इलाके में रहता है। शारदा एक्सपोर्ट कई देशों में कारपेट और फर्नीचर निर्यात करती है। आदित्य गुप्ता और आशीष गुप्ता ने नोएडा में क्लाउड नाइन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से रियल एस्टेट कंपनी की स्थापना की थी।
कंपनी ने सेक्टर-137 में ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट लांच करने के लिए नोएडा विकास प्राधिकरण से जमीन ली थी। कंपनी पर नोएडा प्राधिकरण का 65.73 करोड़ रुपये बकाया है। उसकी आरसी जारी हुई थी और जुलाई 2019 में आशीष गुप्ता जेल गए थे, जबकि आदित्य गुप्ता फरार हो गए थे। इस कंपनी में लोगों से बड़ी धनराशि वसूलने के बाद उन्हें फ्लैट नहीं दिए गए। यह रकम दूसरी कंपनियों में हस्तांतरित कर दी गई। मार्च 2024 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ईडी को कंपनी के प्रमोटरों की जांच के आदेश दिए थे।
माना जा रहा है कि ईडी की कार्रवाई का उससे कोई ना कोई कनेक्शन है। दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मार्च 2024 में माना था कि कंपनी के प्रमोटरों ने घोर अनियमितताएं की हैं। न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) ने कंपनी की अनियमितताओं पर आंखें बंद रखीं और पट्टा रद्द नहीं किया। कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को इस अनियमितता में शामिल कंपनी के निदेशकों और प्रमोटरों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिए थे। उन कंपनियों और संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश था,
जिनमें क्लाउड नाइन का पैसा लगाया गया। कोर्ट ने पाया कि क्लाउड नाइन के निदेशकों और प्रमोटरों का इरादा नोएडा के साथ-साथ घर खरीदने वालों को धोखा देने का था। आशीष गुप्ता और उनके परिवार के पास क्लाउड नाइन में 70% शेयर सीधे या कंपनियों के माध्यम से थे। कोर्ट ने कहा कि वह परियोजना में सक्रिय रूप से शामिल थे। धन इकट्ठा कर रहे थे और उसे अन्य कंपनियों को हस्तांतरित कर रहे थे। इस्तीफा देकर निदेशक खुद को बचाने की कोशिश की।
किसी को भीतर नहीं जाने दिया
प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी के दौरान किसी को भी न भीतर जाने दिया गया और न ही किसी को भीतर से बाहर आने दिया गया। साकेत में उद्यमी की कोठी के गेट के भीतर चौकी इंचार्ज की डयूटी लगी थी। दोपहर में उन्हें खाना खाने के लिए जाना था, लेकिन नहीं जाने दिया गया। बाद में उनके लिए सिविल लाइन इंस्पेक्टर खाना लाए और भीतर पहुंचाया।
कई देशों तक फैला है एक्सपोर्ट का काम
जितेंद्र गुप्ता का शारदा एक्सपोर्ट्स के नाम से कालीन का बड़ा कारोबार है। सौ से भी ज्यादा देशों में शारदा एक्सपोर्ट्स कालीन और फर्नीचर की सप्लाई होती है। देश-विदेश में कालीन की क्वॉलिटी को लेकर अच्छा नाम है। कारोबारी के दो बेटे हैं और दोनों अधिकांश विदेश में ही रहते हैं। विदेश ही नहीं पूरे देश में भी कालीन की आपूर्ति होती है। क्वालिटी शानदार होने के चलते ही डिमांड काफी रहती है।
पीएम मोदी के नौ रत्नों में रहे हैं शामिल
कारोबारी जितेंद्र गुप्ता स्वच्छ भारत अभियान समिति के सदस्य हैं। जितेंद्र गुप्ता 2014 में प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान में नौ रत्नों में शामिल थे। प्रधानमंत्री ने जितेंद्र गुप्ता से अपने निजी आवास पर स्वच्छता प्रहरी के रूप में मुलाकात भी की है। कारोबारी ने मेरठ में ग्रामीण क्षेत्रों में करीब एक करोड़ रुपये खर्च करके चार हजार से ज्यादा शौचालय बनवाए थे। साथ ही 20 से ज्यादा आरओ प्लांट गांवों में लगवा चुके हैं। स्वच्छ भारत ग्रामीण सेवा के तहत काफी काम किया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इनके सेवा कार्यों के उत्कृष्ट कार्यों के तहत इन्हें 2 अक्टूबर 2019 में स्वच्छता ही सेवा सम्मान के लिए लखनऊ में सम्मानित किया था।
शहर के कारोबारियों में अफरा-तफरी
शारदा एक्सपोर्ट के यहां छापेमारी के चलते शहर के अन्य बड़े कारोबारियों में हड़कंप की स्थिति बनी रही। ईडी की शहर में दस्तक के बाद बड़े कारोबारियों में अफरा तफरी का माहौल बना रहा। हर कोई जानने को उत्सुक रहा कि आखिर छापेमारी में क्या हुआ?