- दो लाख मामले बिजली चोरी से संबंधित, एकमुश्त समाधान योजना में किया गया हर वर्ग के उपभोक्ता को शामिल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: हैलो! प्रधानजी मैं बिजली विभाग से…अधिकारी बोल रहा हूं। आपके यहां एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) के बारे में गांव के लोगों को जानकारी तो मिल गई है ना। जवाब मिलता है जी साहब, और हम गांव में इसका प्रचार भी करा रहे हैं। इन दिनों बिजली विभाग के छोटे बड़े अधिकारियों की ओर से जनप्रतिनिधियों को कॉल करके ओटीएस योजना के प्रचार-प्रसार का व्यापक अभियान चलाया जा रहा है।
अधिकारियों के इतने गंभीर रुख के पीछे कारण यह है कि पश्चिमांचल के 14 जिलों में उपभोक्ताओं की ओर 7500 करोड़ रुपये के बिल बकाया हैं। इनमें करीब 600 करोड़ रुपये अकेले मेरठ जनपद में बिजली बिल अभी तक जमा नहीं कराए जा सके हैं।
ऊर्जा निगम के निदेशक (वाणिज्य) संजय जैन ने योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि सभी कैटेगिरी को मिलाकर पश्चिमांचल के 14 जिलों में 76 लाख उपभोक्ता हैं। इन उपभोक्ताओं मेंलाखों ऐसे हैं, जिनके बिलों की अदायगी नियमित रूप से नहीं हो पा रही है, या उनकी ओर भारी भरकम बिल बकाया हो चले हैं। इनके अलावा दो लाख मामले ऐसे हैं, जिनको लेकर बिजली चोरी के केस दर्ज हैं
और उपभोक्ताओं पर नियमानुसार एक वर्ष तक के बिजली बिलों का जुर्माना लगाया गया है। ओटीएस योजना में यही प्रावधान रखा गया है कि ऐसे उपभोक्ता नियमानुसार कनेक्शन लेते हुए 65 प्रतिशत तक जुर्माना राशि में छूट पा सकते हैं। ओटीएस योजना के बारे में उन्होंने बताया कि बीती आठ नवंबर से प्रदेश में पावर कॉरपोरेशन की ओर से 31 दिसंबर तक चलने वाली ओटीएस योजना लागू की गई है।
जिसमें समस्त विद्युत भार के एलएमवी-1 (घरेलू), एलएमवी-2 (वाणिज्यिक), एलएमवी-4बी (निजी संस्थान), एलएमवी-5 (निजी नलकूप) एवं एलएमवी-6 (औद्योगिक) उपभोक्ताओं को सरचार्ज (विलंब भुगतान अधिभार) राशि पर अधिकतम 100 प्रतिशत की छूट देने का प्रावधान रखा गया है। इस योजना में उपभोक्ताओं को उनके बकाये पर किस्तों में भुगतान की सुविधा दी जाएगी, हालांकि इसमें समयावधि के साथ-साथ मिलने वाली छूट कम होती चली जाएगी। साथ ही ऐसे मामलों को भी योजना में शामिल करके निपटारा करने का निर्णय लिया गया है,
जिनमें विभाग की ओर से विद्युत चोरी के मामले दर्ज कराए गए हैं। ऐसे मामलों में उपभोक्ता को कनेक्शन लेना होगा, साथ ही कुल जुर्माना राशि का पहले चरण यानि 30 नवंबर तक 10 प्रतिशत पंजीकरण राशि के रूप में जमा कराना होगा। इसके बाद शेष 25 प्रतिशत राशि को एकमुश्त अथवा अधिकतम तीन किस्तों में 30 प्रतिशत जमा कराने का विकल्प उपलब्ध होगा।
दिसंबर माह में पंजीकरण कराने के उपरांत छूट की राशि 65 प्रतिशत से घटाकर 50 और 45 प्रतिशत तक हो जाएगी। बिल बकाया होने के मामलों में जिन उपभोक्ताओं के विरुद्ध आरसी जारी की जा चुकी है उनको भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
निजी नलकूप उपभोक्ताओं को देने होंगे 31 मार्च तक के बिल
विभाग की ओर से दी गई व्यवस्था के अनुसार निजी नलकूप के उपभोक्ताओं के लिए एक अप्रैल 2023 से बिल में संपूर्ण माफी रहेगी, जिसकी घोषणा बजट में की जा चुकी है। परंतु 31 मार्च 2023 तक या उससे पहले के बाकी बिलों पर ओटीएस योजना लागू रहेगी। यानि 31 मार्च के बिजली बिलों को चुकता करना किसानों के लिए जरूरी होगा।