जनवाणी संवाददाता |
ऊन: मंगलवार को अखिल भारतीय प्रधान संगठन के बैनर तले ग्राम प्रधानों की बैठक ब्लॉक सभागार में हुई। बैठक में ग्राम प्रधानों द्वारा प्रधानों को अधिक वित्तीय व अन्य अधिकार देने की मांग की गई। प्रधानों ने सहायक सचिव कम डाटा एंट्री आपरेटर, शौचालय केयरटेकर तथा अन्य मानदेय की व्यवस्था राज्य सरकार से अलग करने की मांग की है।
साथ ही, जिला योजना समिति में प्रधानों को प्रतिनिधित्व दिये जाने, वर्ष 1993 में पारित 73वें संविधान संशोधन तथा उनसे जुड़े अधिकार के कार्य पंचायतों को सौंपे जाने, ग्राम पंचायत की प्रदत केंद्रीय वित्त आयोग की धनराशि से 30 प्रतिशत की कटौती तत्काल वापस लेने, राज्य वित्त आयोग व प्रशासनिक सुधार आयोग की सिफारिशें लागू करने, मनरेगा की मजदूरी बढ़ाकर 400 प्रतिदिन करने, प्रधानों को सुरक्षा हेतु शस्त्र लाइसेंस देने, प्रधानों के खिलाफ शिकायत की जांच बिना शपथ पत्र न की जाने, पंचायत से जुड़े राजस्व कर्मी, पंचायत कर्मी, आंगनबाड़ी, राशन कोटेदार आदि के मामलों में पूर्ण अधिकार पंचायत को दिया जाने, मनरेगा ऐप के माध्यम से मनरेगा मजदूरी की उपस्थिति के आदेश वापस लिये जाने तथा गौशाला संचालन के लिए ग्राम पंचायत निधि से 6 प्रतिशत की कटौती न की किए जाने की मांग की गई है।
इस संबंध में ग्राम प्रधानों ने संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष देवेंद्र कुमार के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन खंड विकास अधिकारी प्रवीण कुमार को सौंपकर मांगे शीघ्र पूरी कराने की मांग की। ज्ञापन सौंपने वालों में पंकज राणा, देवेंद्र तोमर, मासूम चौधरी, मोहन, मनोज, जावेद अली, नितिन, आदिल राणा, सुंदरलाल, विनोद कुमार, अर्जुन चौधरी आदि ग्राम प्रधान शामिल रहे।