- मूल्यांकन का सच, कॉपियां जल्दी और ज्यादा जांचने के चक्कर में समय तक नहीं दे रहे गुरुजी
- एक कॉपी के मूल्यांकन के लिए 7 से 9 मिनट की है व्यवस्था, संस्कृत और गृहविज्ञान में शिक्षकों का अभाव
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: विद्यार्थियों ने दो साल 11वीं और 12वीं कक्षा में कड़ी मेहनत की है। मेहनत के साथ दिन रात पढ़ाई भी इस उम्मीद से कि परीक्षा में अच्छे अंक मिले सकेंगे। मगर उनकी उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने वाले गुरुजी सालों की मेहनत का आंकलन सिर्फ 40 सेकंड में कर रहे है। यह सच है यूपी बोर्ड परीक्षा 2023 की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का। यूपी बोर्ड परीक्षा उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के चौथे दिन मूल्यांकन केंद्रों पर घूमने के बाद यह हकीकत देखने को मिली।
यह एक केंद्र पर नहीं बल्कि शहर में बनाए गए चारों मूल्यांकन केंद्रों पर हो रहा है। परीक्षक मूल्याकंन करने के साथ ही हंसी ठिठोली में भी समय व्यतीत कर रहे हैं। वहीं कुछ परीक्षक शासन के आदेशों का मजाक बनाने में भी पीछे नहीं है। मूल्यांकन कार्य को छोड़कर शिक्षक कमरों से बाहर आकर घंटों-घ्ांटों फोन पर बातचीत करते नजर आ रहे हैं। जबकि शासन की ओर से फोन न लाने के फरमान सभी अधिकारियों को जारी किए गए थे।
7 से 9 मिनट की हैं व्यवस्था
बोर्ड ने एक दिन में सात घंटे कॉपी जांचे जाने की व्यवस्था की है। उसमें भी एक घंटा लंच का तय किया गया है। नियमानुसार एक दिन में एक परीक्षक इंटर की 40 और हाईस्कूल की 50 कॉपियों का मूल्यांकन कर सकता है। यानि इंटरमीडिएट कक्षा की एक कॉपी को जांचने के लिए औसतन 9 मिनट का समय दिया जाना चाहिए। वहीं हाईस्कूल की एक कॉपी को दिए जाने वाला समय औसतन सात से साढ़े सात मिनट का होना चाहिए।
मगर गुरुजी इसे 40 से 60 सेकंड में ही निपटा रहे है। गुरुजी को हाईस्कूल की एक कॉपी जांचने पर सात रुपये और इंटर की कॉपी पर 10 रुपये दिए जाते हैं। बताया जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा कमाने के लालच में गुरुजन काम को तेजी से निपटा रहे हैं।
उत्तर की जगह छात्र ने कॉपी में लिखा प्रेमपत्र
एक परीक्षा केंद्र पर जांची जा रही केमेस्ट्री की कॉपी में छात्र ने उत्तर की जगह प्रेमपत्र लिख डाला। छात्र का कहना था सर प्लीज मुझे पास कर देना नहीं तो मेरे पापा मेरी प्रेमिका से शादी नहीं होने देंगे।
हिंदी और अंग्रेजी में सामूहिक नकल की आंशका
इलाहाबाद और रायबरेली की हिंदी और विज्ञान की कॉपियों में खूब नकल मिल रही है। एक जैसी गलतियां सामने आने रही है। इतना ही नहीं इन विषयों में एक जैसे आंसर के साथ गलती भी एक जैसी है और अंक भी 15 से 20 के बीच में आ रहे हैं। इससे प्रतीत होता है कि इन जिलों में परीक्षार्थियों को सामूहिक नकल कराई गई है।
मूल्यांकन में अनुपस्थित शिक्षकों पर कार्रवाई की तैयारी
यूपी बोर्ड मूल्यांकन में सोमवार को परीक्षकों की अनुपस्थिति की संख्या काफी रही। वहीं काफी अव्यवस्थाएं भी सामने आई। इंटरमीडिएट के बंडल में दसवीं का अवार्ड ब्लैंक मिला, तो दसवीं के बंडल में 12वीं का अवार्ड ब्लैंक मिल रहा है। ऐसे में परीक्षकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। इसी क्रम में सामान्य हिंदी की कॉपियों के बंडल में साहित्यिक हिंदी की कॉपियों पैकिंग में मिल रही है।
जिससे अंदाजा यह लगाया गया है कि कॉपियों की पैकिंग सही तरह से नही की गई है। इस बारे में डीआईओएस राजेश कुमार का कहना है कि इन सभी समस्याओं का हल है। कोई भी समस्या ऐसी आएगी, तो उसे लिखित में भी रखा जाएगा और समाधान भी होगा और अनुपस्थित परीक्षकों की सूची अलग से तैयार करवाई जा रही है। वहीं क्षेत्रीय सचिव कमलेश कुमार का कहना है कि मूल्यांकन 24 प्रतिशत के लगभग हो चुका है। मूल्यांकन तेज गति प्राप्त कर रहा है।
तीसरे दिन 684 परीक्षक अनुपस्थित, सूची हो रही तैयार
तीसरे दिन मूल्यांकन में 684 परीक्षक और उप प्रधान परीक्षक सात अनुपस्थित रहे। डीआईओएस ने बताया कि प्रत्येक की सूची कारण समेत तैयार की जा रही है और जो जानबूझ कर मूल्यांकन नही कर रहे हैं, उनकी सूची अलग से बन रही हैं। इसके अलावा मूल्यांकन में वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षक भी लगाए गए हैं। जिनकी अनुपस्थित अधिक है। इसके अलावा कॉपियों का मूल्यांकन एक लाख 57 हजार 439 के लगभग हो चुका है।