- गांधी बाग से बेगम पुल के बीच टनल के अंदर काम शुरू हुआ
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर के अंदर रैपिड रेल के काम में और तेजी आ गई है। सोमवार से रैपिड रेल की सुरंग में ट्रैक बिछाने का काम शुरू कर दिया गया। भारत की प्रथम रीजनल रेल के दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर पर मेरठ में पहली बार सुरंग के अंदर ट्रैक बिछाने की गतिविधि आरंभ हो गयी है।
मेरठ में गांधीबाग से लेकर बेगमपुल आरआरटीएस स्टेशन तक पहली टनल का निर्माण पिछले वर्ष अक्टूबर में पूरा किया गया था। यह आरआरटीएस कॉरिडोर की पहली सुरंग थी, जिसका निर्माण कार्य मेरठ में सम्पन्न हुआ था। अब इसी 750 मीटर लंबी टनल के अंदर ट्रैक बिछाने की गतिविधि आरम्भ की गयी है।
आरआरटीएस के भूमिगत कॉरिडोर में ट्रेनों की आवाजाही के लिए दो समानांतर टनल निर्मित की जाती हैं। गांधी बाग से बेगमपुल तक समानांतर टनल का निर्माण भी दो दिन पहले ही पूर्ण हुआ है। इसके साथ ही भैंसाली से मेरठ सेंट्रल स्टेशन के बीच की भी दोनों टनल निर्मित हो चुकी हैं। इन सभी टनलों में ट्रैक बिछाया जाना है। इस कार्य की शुरुआत गांधीबाग से बेगमपुल तब बन चुकी पहली टनल से कर दी गई है।
शताब्दीनगर के कास्टिंग यार्ड की ट्रैक स्लैब फैक्ट्री में प्रीकास्ट ट्रैक स्लैब का निर्माण किया जा रहा है। देश में पहली बार ऐसी तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। जिनसे उच्च क्षमता वाले बलास्टलैस ट्रैक स्लैब का उत्पादन हो रहा है। टनल के भीतर ट्रैक बिछाने की प्रक्रिया की जानकारी देते हुए रैपिड अधिकारियों ने बताया कि गोलाकार टनल में ट्रैक को मजबूती देने के लिए सबसे पहले पीसीसी (प्लेन सीमेंट कंक्रीट) का बेस बनाया जाता है।
टनल के अंदर ट्रैक बिछाने की गतिविधियों के अंदर जहां-जहां जरूरत है, वहां विशेष प्रकार के रबर पैड भी इन्स्टाल किए जाते हैं जो टनल के कंपन को नियंत्रित करने का कार्य करते हैं। ट्रैक स्लैब के इन्सटॉल होने के बाद सिग्नलिंग सिस्टम और ट्रैक्शन (ओएचई) लगाने की गतिविधियां शुरू की जाएगी। इस ट्रैक तकनीक की मदद से एनसीआरटीसी हाई स्पीड और हाई फ्रीक्वेंसी आरआरटीएस ट्रेनें चलाने में सक्षम होगी और संचालन के दौरान 180 किमी प्रति घंटे और 100 किमी प्रति घंटे की औसत गति के साथ ट्रैक पर दौड़ेगी।
रैपिड अधिकारियों के अनुसार पूरे दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के लिए कुल लगभग 42000 प्रीकास्ट ट्रैक स्लैब का निर्माण किया जा रहा है। 17 किलोमीटर लंबे प्रायोरिटी सेक्शन (साहिबाबाद-दुहाई) के लिए ही लगभग 9000 ट्रैक स्लैब बनाकर इन्सटॉल किये जा चुके हैं। वहीं, दूसरी ओर प्रायोरिटी सेक्शन पर रैपिड ट्रेन दौड़ाने के लिए एनसीआरटीसी द्वारा लगातार आरआरटीएस ट्रेनों की टेस्टिंग की जा रही है। वहीं दिल्ली से मेरठ तक सम्पूर्ण कॉरिडोर पर ट्रेनों का संचालन वर्ष 2025 में आरंभ करने का लक्ष्य है।