जनवाणी ब्यूरो |
रुड़की: भारतीय किसान यूनियन ने कृषि विधेयक पारित होने का विरोध करते हुए रुड़की तहसील में प्रदर्शन किया। कहा कि बिल किसान विरोधी है किसानों ने प्रधानमंत्री के नाम ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल को ज्ञापन सौंपा।
भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिलाध्यक्ष विजय शास्त्री के नेतृत्व में भाकियू से जुड़े किसान रुड़की तहसील पहुंचे। मंगलौर गुड़ मंडी में एकत्र होने के बाद किसान रुड़की तहसील कार्यालय पहुंचे।
तहसील में प्रदर्शन कर धरना दिया। किसानों ने कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि को लेकर जो अध्यादेश पारित कराए किसान पूरे देश में उसका विरोध कर रहे हैं। कहा कि यह कानून किसान हित में नहीं है। इसीलिए किसान हित को देखते हुए इन अध्यादेश को वापस लिया जाए।
किसानों ने कहा कि सरकार में उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। अब किसानों के ऊपर तीन अध्यादेश थोपे जा रहे हैं जिससे किसान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा।
जिलाध्यक्ष शास्त्री ने कहा कि यह अध्यादेश किसानों की परेशानी को और बढ़ाएगा। पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए काम किया जा रहा है। कहा कि किसान आत्महत्या कर रहा है। फसलों के वाजिब दाम नहीं दिए जा रहे हैं। जबकि कृषि सेक्टर पर सरकार को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
प्रदेश महासचिव संजय चौधरी ने कहा कि जो कानून लाया गया है इससे किसानों का उत्पीड़न होगा। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर सरकारी प्रोजेक्ट के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहण की जाती है उनका भी उचित मुआवजा दिए बिना किसानों की खड़ी फसलों को नष्ट कर दिया जाता है।
जब तक किसानों को उचित मुआवजा या सरकारी नौकरी लिखित समझौते के अनुसार नहीं दी जाएगी तब तक किसान अपनी जमीन नहीं देगा। कहा कि सरकार किसान हित में यह अध्यादेश वापस लें। इसके बाद ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। युवा भाकियू नेता अंकुर चौधरी ने बताया कि केंद्रीय कृषि बिल के खिलाफ जनता में आक्रोश है और धरने प्रदर्शन जारी रहेंगे।