Wednesday, June 25, 2025
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तेज आवाज साउंड से कानों की सुनने की क्षमता प्रभावित होने का डर

  • शादी समारोहों में बजने वाले डीजे और साउंड सिस्टम से बनाकर रखे दूरी
  • 60 डेसिबल सामान्य, जबकि 90 डेसिबल तक की ध्वनी करने लगती है परेशान

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: इन दिनों शादियों का मौसम चल रहा है और बिना बैंडबाजा व साउंड के शादी समारोह अधूरा रहता है, लेकिन साउंड की ज्यादा तेज आवाज आपके कानों की सुनने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है। अमूमन 60 डेसिबल साउंड की आवाज सामान्य श्रेणी में रहती है, लेकिन जैसे-जैसे यह बढ़ने लगती है,

इंसान के कानों को उतना ही नुकसान पहुंचाने की स्थिति पैदा होने लगती है। विशेषज्ञों का कहना है कि तेज आवाज में सड़कों पर बजने वाले डीजे के साउंड की आवृत्ति जब 120 डेसिबल से उपर पहुंच जाती है तो इसके गंभीर परिणाम सामने आने का खतरा पैदा हो जाता है।

60 डेसिबल तक आवाज की आवृत्ति ठीक

आवाज को मापनें का जरिया डेसिबल होता है, यदि कोई भी साउंड सिस्टम बजते समय उससे निकलनें वाली आवाज की आवृति 60 डेसिबल तक हो तो यह सामान्य बताई जाती है। लेकिन जैसे-जैसे आवृति बढ़नें लगती है तो साउंड बॉक्स के सबसे नजदीक रहनें वाले इंसानों पर इसका सीधा असर पड़नें लगता है।

इसके साथ ही 100 डेसिबल तक ध्वनी की आवृति होनें तक इंसानी शरीर इसे सहन कर सकता है लेकिन जब यह 100 से ज्यादा पहुंच जाती है तो इसके गंभीर परिणाम सामनें आनें लगते हैं। सर दर्द, नींद न आना, ऊंचा सुनाई देना, कानों में तरह-तरह की आवाजे आना है लक्षण। आगे जाकर इंसान को कम सुनाई देने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

लंबे समय बाद नजर आता है असर

तेज आवाज में गानें सुनने का असर तुरंत ही सामनें नहीं आता। लेकिन जितनी देरतक तेज आवाज में रहा जाए उसके परिणाम उतनी ही जल्दी सामनें आनें लगते हैं। उदाहरण के लिए 120 डेसीबल आवाज को यदि दो घंटे तक सुना जाए तो उसके परिणाम एक साल बाद ही सामनें आनें लगते है। वहीं जितना समय कम होता जाएगा उतना ही असर देर से शुरू होने के चांस रहते हैं। लेकिन तेज आवाज इंसान के कानों को नुकसान जरूर पहुंचाती है और यह निर्भर करता है कि तेज आवाज साउंड कितनी देर तक सुना गया है।

शादी समारोहों में बजनें वाला तेज आवाज का साउंड सिस्टम कानों की सुननें की क्षमता को प्रभावित करता है। यह निर्भर करता है कि कितनी देर तक उंची आवाज में गानें सुने गए। हालांकि इसका असर तुरंत नजर नहीं आता, लेकिन कुछ समय बाद यह अपना असर जरूर दिखाता है। -डा. विनीत शर्मा, एचओडी, ईनएटी डिपार्टमेंट, मेडिकल कॉलेज।

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