- पहले आओ पहले पाओ: जाम के झाम से निजात के लिए 300 करोड़ की मेडा ने की है प्लानिंग
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) की 127वीं बोर्ड बैठक गुरुवार को कमिश्नरी सभागार में आयोजित की गई। बैठक में दर्जनों प्रस्तावों पर मुहर लगी। मवाना खुर्द, बागपत रोड स्थित पांचली, सलारपुर, मसूरी आदि गांवों के कुछ खसरों को कृषि एवं हाइवे फैसेलिटी जोन का भू-उपयोग परिवर्तन कर उसका भू-उपयोग औद्योगिक करने का प्रस्ताव पास कराया गया। इन गांवों में औद्योगिक विकास के जरिए ग्रामीण प्रतिभाओं को पलायन से रोका जाएगा।
जिससे गांवों का विकास भी हो सकेगा। इसके अलावा बैठक में इंजीनियरिंग संबंधी कार्यों के लिए नामित की गई कंसलटेंसी एजेंसी राइट्स के प्रस्ताव को पास कराया गया। राइट्स न केवल मेडा की सभी योजनाओं की डीपीआर और डिजाइन तैयार करेगी बल्कि उनकी निगरानी भी कर सकेगी। इससे कार्य तेजी से पूरे होंगे और उसमें लागत भी कम आएगी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में ग्रामीण विकास निधि को खत्म करने के प्रस्ताव को बोर्ड बैठक में रखा गया। जिसे पास कर दिया गया।
बोर्ड बैठक की अध्यक्ष कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे. ने की। इस अवसर पर डीएम दीपक मीणा, वीसी अभिषेक पांडे, मुख्य नगर नियोजक विजय सिंह, सचिव आनंद कुमार, मनोनीत सदस्य डा. चरण सिंह लिसाड़ी, वर्षा कौशिक, नैन सिंह तोमर आदि लोग मौजूद रहे। उधर, बोर्ड द्वारा मेरठ विकास क्षेत्र के अन्तर्गत मेरठ प्रयागराज गंगा एक्सप्रेस-वे से आच्छादित दौराला नगर निगम के दो ग्रामों नित्यानन्दपुर व गोविंदपुरी को शामिल किये जाने की अनुमति प्रदान की गयी।
इन प्रस्तावों पर बोर्ड बैठक में लगी मुहर
- मेडा की ओर से लैंड मॉनीटाइनेजशन कराया गया था। इसमें निकली जमीन पर प्लॉटिंग की गई थी, जिसके लिए मेडा ने करीब 500 करोड़ की व्यावसायिक संपत्तियों की ई-नीलामी की थी। इसके बाद शेष जमीन पर अल्प आय वर्ग और मध्यम आय वर्ग के लिए प्लॉट के लिए रजिस्ट्रेशन हुआ, जिनका ड्रा जनवरी में हैकेथॉन के तहत होगा। अब शेष बची 30 हेक्टेयर जमीन पर भी प्लॉट काटने के लिए बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखा गया। इस पर भी मुहर लग गई।
- रैपिड कॉरिडोर के तहत दिल्ली रोड, रुड़की रोड पर मिश्रित भू-उपयोग चिह्नित किया गया है, जिसमें सात टीओडी जोन बनाए गए हैं। इनका जोनल प्लान तैयार हो चुका है और अब शेष आठ जोन की प्लानिंग हो रही है।
- मेडा अब विकास की संभावनाओं को देखते हुए इनमें बढ़ोतरी की तैयारी में है। 8 अक्टूबर को एनएच-58 स्थित एक रिसॉर्ट में हैकेथॉन के तहत जाम से निजात के लिए 300 करोड़ की प्लानिंग की गई थी। इसमें पहले फेज में 129 करोड़ रुपये के प्रस्ताव बैठक में लाए गए। इस पर भी मुहर लग गई।
- मेरठ महायोजना-2031 (पुनरीक्षित) के अंर्तगत ग्राम अब्दुल्लापुर में प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए सर्कुलेशन प्लान तैयार किया गया।
- प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत अलोकप्रिय एवं अनिस्तारित रिक्तविलॉज (डुप्लेक्स), भवनों, फ्लैट जिन्हें 23 फरवरी 2023 को संपन्न 122वीं बोर्ड बैठक के मद संख्या 15 पर पारित निर्णय के क्रम में वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंत तक 31 मार्च 2018 की कीमत को फ्रीज करते हुए प्रथम आओ, प्रथम पाओ, पद्धति से निस्तारण के लिए निर्णय पारित हुआ था। बचे हुए फ्लैट्स को प्रथम आओ प्रथम पाओ से निस्तारण के लिए अवधि बढ़ाए जाने के संबंध में प्रस्ताव में पास किया गया।
- प्राधिकरण के सामान्य पूल फंड से रुपये 115.00 करोड़ अवस्थापना निधि में हस्तांतरित किए जाने के संबंध में भी मुहर लगी।
- लोहिया नगर योजना में निर्मित अफोर्डेबल हाउस योजना की (जी. 3) के समस्त 576 भवनों को बल्क में विक्रय किए जाने के कारण आवंटित 94 फ्लैटों के निस्तारण के संबंध में प्रस्ताव पास किया गया।
- मेरठ विकास क्षेत्र के अंर्तगत प्रभावी महायोजना-2031 के जोनिंग रेगुलेशन के प्रावधानों के अनुसार विशेष अनुमति से अनुमन्य कियाएं अनुमन्य किए जाने के संबंध में प्रस्ताव पास किया गया।
- ग्राम मवाना खुर्द मेरठ के खसरा संख्या-10 मी. रकबा 2.3304 हेक्टेयर भूमि को कृषि एवं हाइवे फैसेलिटी जोन भू-उपयोग से औद्योगिक भू-उपयोग में परिवर्तन किए जाने के संबंध में मुहर लगी।
- गंगानगर योजना पॉकेट सी में बिल्डर के पक्ष में बल्क में आवंटित भूमि के सापेक्ष देय प्रतिकर की धनराशि के संबंध में प्रस्ताव पास किया गया।
- प्राधिकरण की पांडव नगर आवासीय योजना के पॉकेट-डी में निर्मित दुर्बल आय वर्ग श्रेणी के भवन संख्या-डी-69 से 80 तक 12 भवनों की जर्जर स्थिति हो जाने के कारण गंगानगर (आवासीय याजना के पॉकेट-जे) में स्थित अल्प आय वर्ग श्रेणी के फ्लैटों में (09 भवनों) के परिवर्तन एवं तीन (03) भवन पांडव नगर योजना में ही परिवर्तन हो जाने के उपरांत दुर्बल आय वर्ग श्रेणी के आवंटियों की अवशेष देयता की धनराशि चक्रवृद्धि ब्याज के स्थान पर सामान्य ब्याज से जमा कराए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगी।
- मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा हवाई पट्टी के निर्माण के लिए नागरिक उड्डयन विभाग को उपलब्ध कराई गई 46.53 एकड़भूमि के सापेक्ष देय धनराशि पर आंकलित ब्याज की धनराशि को माफ किए जाने के संबंध में मुहर लग गई।