Friday, June 2, 2023
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बच्चों को सुविधाओं के साथ संस्कार भी दें

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  • रोक-टोक पसंद नहीं बच्चों को

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: आजकल समाज में एक नया बदलाव देखने को मिल रहा है कि माता-पिता व परिवार से बच्चों का लगाव लगभग खत्म हो रहा है। बच्चे माता-पिता से पैसे व सुविधाएं तो चाहते हैं, लेकिन अपने जीवन में उनका हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करते। कुछ बच्चे तो इतने मुखर होते हैं कि माता-पिता से दो टूक शब्दों में कह देते हैं कि उन्हें किसी भी प्रकार की रोक-टोक पसंद नहीं है। बच्चों में इस तरह का व्यवहार आम हो रहा है।

वारदात के समय गड़बड़ा जाता है हारमोन सियोटानिक

मेरठ कालेज की मनोविज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डा. अनीता मोरल ने बताया कि वारदात के समय हारमोन सियोटानिक गड़बड़ा जाता है। अपराध क्यों हुआ, यह जरुरी है। घर में जो कारक पहले से चलते आ रहे हैं वो कारण बन जाते है। बच्चा अगर घर में कोई अप्रिय स्थिति देखता है तो उसमें हीनता की प्रवृत्ति पैदा हो जाती है। ऐसे किसी के साथ मारपीट हो रही हो जिसको बच्चा ज्यादा पसंद करता है उस कारण भी बच्चा अपराध की ओर बढ़ता है। अपनी कुंठा के कारण वो मां बाप के रुप में नहीं देखता है बल्कि दुश्मन के रुप में देखता है।

बच्चे कर रहे अपराध, समाज के साथ हम सभी जिम्मेदार

मेरठ कालेज के चीफ प्राक्टर समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनिल कुमार ने बताया कि बच्चे अपराध कर रहे हैं। इसके लिये समाज के साथ हम सभी जिम्मेदार हैं। हत्या करना जघन्य अपराध है। हत्या कोई आसानी से नहीं करता है। युवा पीढ़ी में परिवर्तन आ रहा है। बच्चों को सही संस्कार नहीं दे पा रहे हैं। अपराध के कई कारण है मानसिक विकृति हो सकती है। समाज में मां बाप अपने बच्चों को समय नहीं दे पा रहे है। कुसंगति में पड़ कर अपराध कर रहे हैं।

बच्चों में न तो रह धीरज और न ही माता-पिता से लगाव

मेरठ कालेज के सहायक प्रोफेसर डा. धर्मेन्द्र अहलावत ने बताया कि आज के बच्चे में न तो धीरज रह गया है और न ही उन्हें माता-पिता से लगाव। अगर दूसरे पहलू की बात करें तब इसका एक मुख्य कारण माता-पिता का बच्चों के प्रति जिम्मेदारियों को बखूबी न निभा पाना भी हो सकता है। कुछ माता-पिता सोचते हैं कि बच्चे के भविष्य के लिए पैसा कमाना व उन्हें अच्छे स्कूल में भेजना,

उनकी इच्छाएं पैसे से पूरी कर देने से उनके दायित्व पूरे हो जाते हैं। इस तरीके से बच्चे के अंदर से भावनाएं खत्म होने लगती हैं, जिस कारण बच्चा भी मशीनी जीवन जीने लगता है। उसे परिवार नहीं बल्कि दोस्तों का साथ अच्छा लगने लगता है एवं एक गलत दोस्त का चुनाव ही उसके जीवन को अंधकार की तरफ ले जाता है।

दंपति हत्याकांड में आरोपी बेटा व दोस्त गया जेल

शास्त्री नगर के सेक्टर छह में अपने पिता प्रमोद करवाल और मां ममता करवाल की निर्मम हत्या करने के आरोपी बेटे आर्यन और उसके दोस्त आदित्य को पुलिस ने अदालत में पेश किया, जहां से उनको जेल भेज दिया गया। वहीं, बीडीएस स्कूल की शिक्षिकाओं ने मृतका ममता की गमगीन बेटी कनिष्का से मुलाकात की और सांत्वना दी।

शास्त्रीनगर के सेक्टर छह के मकान नंबर-223 में नरेंद्र पत्नी विनोद, बेटे प्रमोद करवाल और बहू ममता करवाल के साथ रहते हैं। प्रमोद गाजियाबाद की एक सरिया कम्पनी में काम करते थे। जबकि पत्नी ममता बीडीएस स्कूल में टीचर थी। इनके एक बेटी कनिष्का और बेटा आर्यन गुड़गांव में नौकरी करता है। मकान की पहली मंजिल में बेटा और बहू रहते थे। मंगलवार सुबह बेटी कनिष्का के मोबाइल पर बीडीएस स्कूल से फोन आया कि आज ममता करवाल स्कूल नहीं आई है।

इस पर बेटी ने घर फोन मिलाया तो किसी ने भी फोन नहीं उठाया। तभी बेटे आर्यन ने घर के सामने रहने वाले शिवम को फोन मिलाया तब जाकर पता लगा कि डबल मर्डर हुआ है। पुलिस ने मंगलवार देर रात आर्यन और आदित्य को गिरफ्तार कर लिया था। नौचंदी पुलिस ने बुधवार को दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उनको जेल भेज दिया गया। वहीं, पूरे दिन गमगीन परिवार में लोगों का आना जाना लगा रहा।

स्कूल की शिक्षिकाएं हुई गमगीन

दोपहर के वक्त बीडीएस स्कूल की शिक्षिकाएं अपनी सहकर्मी ममता को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए पहुंची। शिक्षिकाओं ने कहा कि ममता बेहद मिलनसार और अपने बच्चों के लिए बेहद गंभीर थी। ममता की हत्या ने उनको सोचने पर मजबूर कर दिया था।

विश्वास नहीं भांजे ने बहन की हत्या की

बहन और बहनोई की हत्या की खबर लगते ही भाई किशोर अपनी पत्नी को लेकर आए और भांजी को गमगीन देख कर खुद को रोने से नहीं रोक पाए। मृतका ममता के भाई किशोर ने बताया कि उनको उम्मीद नहीं थी कि आर्यन मेरी बहन की जिंदगी छीन लेगा। अभी भी ऐसा लग रहा है कि बहन हंसते हुए सामने आ रही है। बताया कि इस मकान में वह 2006 के बाद पहली बार आए हैं। हालांकि काफी जगह मुलाकात होती थी बहन से। किशोर का कहना है पांच भाइयों में ममता के अलावा एक बहन और है।

हत्याकांड आवेश में नहीं योजनाबद्ध तरीके से हुआ

शास्त्री नगर निवासी प्रमोद और ममता की हत्या अचानक आए आक्रोश ने नहीं की थी, बल्कि दोनों आरोपियों ने योजनाबद्ध तरीके से किया था।

एक नजर आरोपियों पर

डबल मर्डर के आरोपी आर्यन करवाल को लेकर पुलिस की जांच में ये बात निकल कर आई कि आर्यन के पिता प्रमोद और मम्मी ममता की कई सालों से मन मुटाव चल रहा था। इस कारण से आर्यन अपनी दादी विनोद और बाबा नरेंद्र करवाल के साथ मकान के ग्राउंड फ्लोर में बचपन से रह रहा है। उसके मम्मी, पापा और बेटी कनिष्का के साथ अलग रहते थे। मम्मी और पापा के बीच बरसों से तनाव चल रहा था।

प्रमोद शराब पीने का आदी था और आए दिन अपनी पत्नी ममता के साथ कभी दाल में नमक कम या ज्यादा को लेकर मारपीट करते थे। आर्यन का बचपन उसकी दादी की गोद में गुजरा है। यही कारण था की आर्यन का अपनी दादी और बाबा के प्रति ज्यादा लगाव था और उनको लेकर चिंतित रहता था। कुछ साल पहले मम्मी और पापा बेटी को लेकर घर आ गए थे।

इसके बाद भी आर्यन का अपनी मम्मी पापा से लगाव नही हो पाया था। वो मकान की पहली मंजिल में बहुत कम जाता था। मेरठ कालेज से बीएससी कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करने के अलावा वो गुड़गांव में कॉल सेंटर में भी काम करता था। आर्यन ने पुलिस को बताया था कि जब पापा मम्मी के साथ मारपीट करते थे तो बहुत बुरा लगता था।

एक नजर दोस्त आदित्य पर

नौचंदी थाना क्षेत्र के राजेंद्र नगर निवासी आदित्य भी मेरठ कॉलेज का छात्र हैं। उसकी मम्मी की मौत पहले हो चुकी है। घर में पिता शराब पीने के आदी है। आदित्य ने पुलिस को बताया कि उसके पापा भी शराब पीने के आदी है और घर पर जरा भी ध्यान नहीं देते हैं।

इस कारण भी आदित्य काफी परेशान रहता था। एक जैसी समस्या होने के कारण आर्यन ने अपने दोस्त आदित्य से बात की और पापा को लेकर विचार विमर्श करने लगा। पुलिस अधिकारियों का कहना है आर्यन ने पापा को सबक सिखाने के लिए अपने दोस्त को मदद के लिए तैयार कर लिया था।

मर्डर वाली रात, शातिर निकले आरोपी

अपने पापा और मम्मी की हत्या आर्यन ने त्वरित आवेश में नहीं की थी, बल्कि योजनाबद्ध तरीके से मारा था। आर्यन ने पापा और आदित्य ने मम्मी की हत्या की थी। इसके लिए दोनों दोस्तों ने हत्या वाले दिन फूलप्रूफ योजना बनाई थी, लेकिन कातिल अपना सबूत मौके पर छोड़ देता है। वहीं, इन आरोपियों के साथ हुआ।

आरोपियों की जुबानी

रात 9.30 आर्यन ने बाजार से मैंगो शेक खरीदा और मेडिकल स्टोर से नींद की गोलियां खरीदी। आर्यन ने अपने दोस्त आदित्य को बुला लिया। आर्यन ने सबसे पहले अपने बाबा नरेंद्र को पिलाया फिर दादी को शेक पीने को दिया। बाद में अपनी मम्मी को मैंगो शेक पीने को दिया। आर्यन ने अपने पापा को शेक की जगह कुल्फी खाने को दी। इसके बाद आर्यन और आदित्य घर से चले गए और एक घंटे के बाद आ गए।

घर आकर दोनों दोस्त सभी के सोने का इंतजार करने लगे। इस बीच दोनो लोग मोबाइल में खेलने लगे। रात एक बजे के करीब आर्यन और आदित्य मम्मी के कमरे में गए। आर्यन ने पापा के मुंह पर रूमाल रखा। तभी आर्यन ने खैर नगर से खरीद कर लाए गए छुरे से पापा के गले में तेजी से वार कर दिया। छुरे का वार सटीक न होने से गले की नस पूरी तरह नहीं कट पाई।

प्रमोद बुरी तरह से तड़पता हुआ चीखने लगा। पास में सो रही ममता नींद में उठी और बाथरूम की तरफ गई, नशे के कारण उसके पैर लड़खड़ा रहे थे। ममता को जगते देख दोनो दोस्तो के होश उड़ गए। इस बीच आदित्य ने प्रमोद के गले और पीठ पर वार कर दिया जिससे उसकी जीवन की डोर टूट गई। तभी आदित्य ने आर्यन से कहा कि मां जिंदा रही तो दोनों को फांसी लगेगी इसलिए मम्मी को मार दो।

आर्यन ने मम्मी के मर्डर से इंकार किया, क्योंकि उसके हाथ कांप रहे थे, लेकिन आदित्य ने इसमें जरा भी देरी नही कि और ममता के गले में तीन वार कर दिए, जिससे उसकी मौत हो गई। डबल मर्डर करने के बाद दोनों दोस्तों ने खून से सने कपड़े उतारे और नए कपड़े पहने और रात 1.20 पर स्कूटी लेकर गुड़गांव की ओर चला गया।

नफरत की वजह

छह महीने पहले प्रमोद ने बुजुर्ग मां के साथ मारपीट कर धक्का दिया था। जिससे उनकी कूल्हे की हड्डी टूट गई थी। आर्यन के मन में इस घटना ने गहरा असर डाला था, क्योंकि वो दादी को मम्मी से ज्यादा प्यार करता था। कुछ दिन पहले भी दादी के साथ हुए दुर्व्यवहार से दुखी था। मम्मी और पापा के बीच के खटास भरे रिश्तों ने भी आर्यन के मन में परिवार के सुख का अहसास नहीं कराया था। आर्यन ने जब अपना दर्द आदित्य को बताया तो उसने भी अपनी दुख भरी कहानी सुना दी। मम्मी का दर्द उसे परेशान करता था।

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