Friday, April 19, 2024
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खाक हो इलाज, वेंटीलेटर पर देवबंद का सरकारी अस्पताल

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  • देवबंद सीएचसी में मूलभूत सुविधाओं का भी है टोटा
  • प्राथमिक उपचार के बाद घायलों को रेफर करना बन चुका है सीएचसी की नीति

फहीम उस्मानी |

देवबंद: ऐतिहासिक व धार्मिक नगरी देवबंद की करीब सवा लाख आबादी के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए बनाया गया सरकारी अस्पताल स्वास्थ्य विभाग की उपेक्षा के चलते खुद ही बीमार है। सीएचसी में मूलभूत सुविधाओं का भी टोटा है।

चिकित्सकों की कमी के चलते यहां आने वाले रोगियों को केवल मामूली चिकित्सा सुविधा ही मिल पाती है। कोरोना के भयावह दौर में भी सीएचसी में कोविड सेंटर की कमी ने लोगों को बेहाल कर दिया है।

देवबंद का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्वास्थ्य विभाग और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का शिकार है। सुविधाओं से महरूम इस सीएचसी में चिकित्सकों का जबरदस्त अभाव है। सर्जन और बेहोशी का चिकित्सक न होने के चलते शल्य चिकित्सा ठप बनी हुई है।

चीफ फिजीशिएन, आर्थोपेडिक सर्जन, ओपथेलमिक सर्जन, ईएनटी सर्जन के पद कई वर्षों से सूने हैं। एक्स-रे हेतु लाखों रुपयों की लगी मशीन धूल चाट रही है, क्योंकि रेडियोलोजिस्ट का पद भी रिक्त है। आपातकालीन सेवाएं नामचारे को ही हैं। इसके चलते रोगियों को जनपद मुख्यालय की ओर रुख करने को मजबूर होना पड़ता है।

कोरोना के भयावह काल में भी नगर क्षेत्र के लोगों को सीएचसी से मायूसी ही हाथ लगी है। क्योंकि यहां पर कोरोना के टैस्ट तो किए जा रहे हैं लेकिन संक्रमित पाए जाने वाले लोगों की चिकित्सा का कोई इंतिजाम नहीं है।

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सीएचसी में सुविधा के आभाव के चलते गंभीर मरीजों को रेफर कर दिया जाना यहां की नीति बन चुका है। वहीं, महिला चिकित्सालय की बात करें तो यहां क्षेत्र की एक पीएचसी में तैनात महिला चिकित्सक की सेवाएं ली जा रही हैं जिसके चलते अस्पताल में प्रसूता की सामान्य डिलीवरी भी हो जाती है लेकिन सर्जन न होने के कारण आपरेशन की नौबत आने पर मरीजों को या तो जिला चिकित्सालय जाना पड़ता है या फिर नगर के प्राईवेट अस्पतालों में जाकर अपनी जेब कटवानी पड़ती है।

नगर के जागरुक लोगों समाजसेवी अय्यूब बेग, सभासद हारिस सैयद, सभासद शराफत मलिक, दिलशाद चार्ली, नसीम अंसारी एड., चौ. ओमपाल सिह, दीपक त्यागी आदि का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि वह पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों की तैनाती के साथ-साथ जरूरत की सारी सुविधाएं चिकित्सालय में मुहैया कराए ताकि लोग सरकारी अस्पताल का लाभ उठा सकें।

देवबंद सीएचसी में केवल छह चिकित्सक तैनात

सीएचसी में कुल 85 लोगों का स्टाफ है। इनमें छह चिकित्सक है। जो दिन और रात में अपनी ड्यूटी को अंजाम देते हैं। चिकित्सकों की भारी कमी के गंभीर रोगियों को रेफर कर दिया जाना जहां सीएचसी की नीति बन चुका है। वहीं, क्षेत्र में कभी बड़ी दुर्घटना हो जाने पर नगर के प्राइवेट चिकित्सकों को सीएचसी में बुलाकर उनकी सेवाएं लेनी पड़ती हैं।

सीएचसी में सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए चिकित्सकों की तैनाती जरूरी है। चिकित्सकों की कमी जिला मुख्यालय के संज्ञान में भी है। जल्द चिकित्सकों की तैनाती हो इसके लिए विभाग के प्रयास जारी हैं। कोरोना संक्रमित रोगियों के उपचार हेतु यहां पर कोविड सेंटर बनाने के लिए भी मुख्यालय से मांग की गई है।   

                                                                                      -इंद्रराज सिंह, चिकित्सा अधीक्षक देवबंद                      

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