Tuesday, October 3, 2023
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महानगर में तेजी से गिर रहा ग्राउंड वाटर लेवल

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  • डार्क जोन वाले ब्लॉक में स्थिरता दर्ज
  • नौचंदी क्षेत्र में 26 मीटर की गहराई तक जा पहुंचा जलस्रोत

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: क्रांतिधरा के भूजल स्तर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। जानी ब्लॉक क्षेत्र में जहां छह मीटर गहराई से पानी निकल जाता है, वहीं खरखौदा ब्लॉक क्षेत्र में ग्राउंड वाटर लेवल 23 मीटर गहराई तक पहुंच गया है। महानगर में ग्राउंड वाटर लेवल नौचदी क्षेत्र 25.98 मीटर, कुटी चौराहा 25.81 मीटर तक पहुंच चुका है। चिंता में डालने वाली एक रिपोर्ट यह भी सामने आई है कि 479 ग्राम पंचायतों में से 236 गांवों की पेयजल की स्थिति विकट हो चुकी है। इनमें से कई गांवों में बोरिंग तक फेल हो रहे हैं।

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आज के युवा भले ही इस बात पर आश्चर्य करें, लेकिन चार दशक पहले तक मेरठ जनपद के विभिन्न इलाकों में बरसात के दौरान कुओं में चौआ उबलने लगता था। गांवों में कुछ स्थानों पर तो लोग कुएं में हाथ डालकर पानी को छूने की सुखद अनुभूति कर लिया करते थे, लेकिन आज यह सब गुजरे जमाने की बात हो चुकी है। आज ग्राउंड वाटर लेवल की स्थिति यह हो चली है कि मेरठ जनपद के करीब आधे गांवों में पेयजल का संकट विकराल रूप धारण कर रहा है।

किसी समय 20 फीट की एक पाइप लगाकर जहां पानी के हैंडपंप लगाए जाते थे, वहां अब जलस्रोत तलाश करने के लिए चार-पांच ऐसी पाइप लगानी पड़ती हैं। दो दशक पहले तक गांव-गांव में सरकारी हैंडपंप लगाने का अभियान बहुत तेजी से चलाया गया था। यह पानी 60 फीट की गहराई तक आसानी से मिल जाता था, लेकिन दो दशकों के भीतर स्थिति इतनी बदल चुकी है कि सरकारी हैंडपम्प भी अधिकतर स्थानों पर ठप होकर रह गए हैं। भूगर्भ जल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस विभाग को वर्ष 1972 में बनाया गया था।

जबकि ग्रांउड वाटर लेवल का रिकॉर्ड तैयार करने का काम वर्ष 2000 में शुरू किया गया। इन 23 वर्षों में अगर मेरठ जनपद के ग्राउंड वाटर लेवल की बात की जाए तो कई स्थानों पर चार मीटर तक का अंतर आ चुका है। जल संरक्षण के लिए महानगर और जनपद समेत कई जिलों में अभियान चलाने वाले इं. बीडी शर्मा का कहना है कि कचहरी क्षेत्र की अगर बात की जाए, तो वर्ष 2000 में यहां का ग्राउंड वाटर लेबल 18 मीटर से भी कम रहा है, लेकिन वर्ष 2012 में यह 20.14 मीटर और छह वर्ष बाद 2018 में लगभग 23 मीटर तक पहुंच गया।

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इसी प्रकार ब्रह्मपुरी क्षेत्र में वर्ष 2012 में 20.82 मीटर से 2018 में 24.78 मीटर तक जा पहुंचा है। उनका कहना है कि पिछले डेढ़ दशक के दौरान पानी का उपयोग बहुत ज्यादा बढ़ गया है। लोगों ने अपने घरों में सबमर्सिबल लगा लिए हैं। पेयजल को घरेलू उपयोग से इतर वाहनों की धुलाई, डेयरियों और होटलों आदि में खूब इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी कारण महानगर क्षेत्र में ग्राउंड वाटर लेवल बहुत तेजी से गिरा है।

तीन वर्ष से स्थिति में दर्ज किया गया सुधार

जनपद के ग्रामीण अंचल में अमृत महोत्सव के अंतर्गत अमृत सरोवर और अटल भूजल योजना में एक वर्ष में मेरठ जनपद में जितनी तेजी से पानी को संग्रह करने का अभियान चलाया गया है, उसे देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि इस वर्ष बारिश में तीन से पांच प्रतिशत अधिक पानी व्यर्थ बहने से बचाया जा सका है। परियोजना निदेशक सुनील सिंह का कहना है कि मेरठ जनपद में जल संचयन के लिए अमृत सरोवर बनाने के अभियान के अंतर्गत पहले चरण में चिन्हित किए गए 220 गांवों में काम शुरू कराया गया है।

इनमें से 100 अमृत सरोवर पूरी तरह तैयार किए जा चुके हैं। जबकि इतने ही अमृत सरोवरों को बनाने का काम प्रगति पर है। बरसात का मौसम गुजर जाने के बाद इस वर्ष के अंत तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा। भूजल परियोजना का कार्य देख रहे जियो फिजिसिस्ट आशीष गुप्ता बताते हैं कि अटल भूजल योजना के अंतर्गत रजपुरा और खरखौदा ब्लॉक क्षेत्र में 57 तालाबों की खुदाई का काम कराया गया है। इनमें से 54 तैयार हो चुके हैं। इनमें मुख्य रूप से ऐसे तालाबों पर कार्य कराया गया है, जिन पर अवैध निर्माण करके अतिक्रमण कर लिया गया था। इसके अलावा वे तालाब भी शामिल किए गए हैं, जो पूर्ण रूप से समतल हो चुके थे।

इस पूरे अभियान का लक्ष्य तालाबों की इस खुदाई से जहां वर्षा ऋतु में जल संचयन, सिंचाई एवं भूगर्भ जल स्तर में सुधार हो सकेगा, वहीं ग्रामों के जल भराव की समस्या का स्थायी निस्तारण भी सम्भव होगा। सहायक जियोफिजिसिस्ट आशीष गुप्ता और नौरतन कमल का कहना है कि शासन-प्रशासन के स्तर से किए गए समग्र प्रयास और जनजागरण की बदौलत रजपुरा ब्लॉक क्रिटिकल से सेमी क्रिटिकल स्थिति में आ गया है। जहां 10 सेमी तक ग्राउंड वाटर लेवल में सुधार दर्ज किया गया है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की बदौलत भी जनपद में गिरते जलस्तर की स्थिति अब सुधार की ओर है।

प्रमुख स्थानों पर ग्राउंड वाटर लेवल (मीटर में)

स्थान वर्ष 2021 वर्ष 2022 वर्ष 2023
कुटी चौराहा 25.90 25.60 25.81
नौचंदी परिसर 25.60 26.32 25.98
स. पटेल इंका 25.65 24.65 25.20
घोसीपुरा 23.05 23.09 23.28
मेडिकल कॉलेज 23.30 23.05 23.65
काशीपुर 24.30 24.07 25.26
काशी 11.93 11.18 11.40

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