- कार हादसे में चारों मृतकों की पहचान भी नहीं कर पाए परिजन
- आंसुओं के बीच बृजघाट पर किया अंतिम संस्कार
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कार में सवार होकर गाजियाबाद से हरिद्वार के लिए निकली तीन महिलाएं और एक युवक पर मौत ने झपट्टा मारकर हमेशा के लिए सुला दिया। चारों लोग रविवार दोपहर खुशी-खुशी घर से निकले थे, लेकिन मेरठ पहुंचते ही हंसी चीखों में बदल गई और चंद मिनटों में ही सब कुछ खाक हो गया। जानीखुर्द गंगनहर पटरी पर रात करीब आठ बजे सैंट्रो कार में शार्ट सर्किट से आग लग गई और चारों को उसमें से बाहर निकलने का भी मौका नहीं मिला। सभी की कार में ही जलकर दर्दनाक मौत हो गई।
विडंबना ये कि मृतकों की पहचान भी नहीं हो सकी। जिसके बाद कंकाल में तब्दील हो चुके चारों के अवशेषों को परिजनोें को सौंप दिया गया। जिनका बृजघाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। रविवार दोपहर करीब दो बजे ललित (22) पुत्र धर्मपाल निवासी गाजियाबाद मूल निवासी गांव मोहम्मदपुर केहरी जिला बुलंदशहर मां रजनी (40) व उसकी सहेली कविता (50) पत्नी बलिराम निवासी गांव तिबड़ा मोदीनगर और कविता की मुंहबोली बेटी तलाकशुदा राधा (28) पुत्री हरिओम निवासी खेड़ा धर्मपुरा बादलपुर जिला गौतमबुद्धनगर हाल निवासी मोदीनगर के साथ सैंट्रो कार से हरिद्वार के लिए निकला था,
लेकिन देर शाम आठ बजे जैसे ही इनकी कार जानीखुर्द थाना क्षेत्र की गंगनहर पटरी पर पहुंची तो अचानक उसमें आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि किसी को भी कार से निकलने का मौका तक नहीं मिला। हादसे में चारों की कार में ही जलकर मौत हो गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर चारों के कंकालों को रात में ही मोर्चरी भिजवाया। वहीं मृतकों की पहचान के लिए कार के नंबर का सहारा लिया गया तो कार दिल्ली के रहने वाले सोहनपाल की निकली। पुलिस ने उससे संपर्क किया तो पता चला कि कुछ दिन पहले सोहनपाल ने सोनीपत में कार किसी को बेची थी। जिसे मृतक ललित ने आठ दिन पहले ही सोनीपत से खरीदा था।
हरिद्वार जा रहे थे ललित के लिए लड़की देखने
सोमवार को राधा के मुंहबोले भाई एडवोकेट गौरव ने बताया कि चारों लोग हरिद्वार ललित के लिए लड़की देखने जा रहे थे, लेकिन मेरठ पहुंचते ही हादसे का शिकार हो गए। रजनी, कविता व राधा मैरिज ब्यूरो चलाती थी और ललित गाजियाबाद की मानसरोवर कॉलोनी में पुष्पयुग नाम से प्रॉपर्टी डीलर का काम करता था।
कार की वायरिंग में हो रहा था स्पार्क
बताया जा रहा है कि हरिद्वार के लिए चलने से पहले भी कार की वायरिंग में स्पार्क हो रहा था। जिसे ललित ने एक मैकेनिक से ठीक कराया था, लेकिन आगे जाकर यही शार्ट सर्किट आग का कारण बना, जिसमें चार लोगों को लील दिया। ललित की मां रजनी तीन साल पहले 17 मार्च 2021 को पति धर्मसिंह की हत्या के मामले में डासना जेल गई थी। जबकि राधा भी एक झगड़े के मामले में जेल में बंद थी।
वहीं, इन दोनों की मुलाकात हुई। जिसके बाद दोनों जमानत पर जेल से बाहर आई और दोनों कविता के साथ मिलकर मैरिज ब्यूरो चलाने लगी। इसी बीच रजनी ने बेटे ललित की शादी के लिए हरिद्वार में एक लड़की को पसंद किया था। जिसे देखने सभी हरिद्वार निकले थे।
परिवार में बचे एक भाई और एक बहन
सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद चारों के कंकालों को पुलिस ने परिजनों को सौंप दिया। जिसके बाद उनका बृजघाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया। बताया जा रहा है कि ललित का एक छोटा भाई निशांत व छोटी बहन सोनिया है। जिनका अब इस दुनिया में कोई नहीं बचा है। पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी। जबकि मां रजनी और भाई ललित इस हादसे में दुनिया छोड़ चुके हैं। दोनों बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था।