जनवाणी संवाददाता |
सरधना: कस्बे में प्रतिबंध के बाद भी भारी वाहन बिना रोक टोक के दौड़ रहे हैं। कहने को कस्बे की सीमाओं पर पुलिस पिकैट तैनात है, लेकिन हाथ गर्म होते ही पुलिसकर्मी इन भारी वाहनों को कस्बे में प्रवेश दे देते हैं। इन भारी वाहनों के कारण नगर में रोजाना भीषण जाम लग रहा है। जिसके चलते लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। रविवार को भी भारी वाहनों के कारण नगर में भीषण जाम लगा रहा।
प्रतिबंध के बाद भी शहर की संकरी सड़कों पर भारी वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। खास बात तो ये है कि इन वाहनों को रोकने के लिए चौराहा पर पुलिस ने बैरिकेड्स भी खड़े किए गए हैं। लेकिन वे इन्हें भी किनारे करके शहर के अंदर प्रवेश कर रहे हैं। भारी वाहनों के प्रवेश शहर के अंदर ट्रैफिक जाम हो रहा है। लोगों को दो पहिया वाहन से 500 मीटर की दूरी तय करने में 15 से 20 मिनट का समय लग रहा है। खास बात तो ये है कि ट्रैफिक प्वाइंटों के सामने से भारी वाहन प्रवेश कर रहे हैं, लेकिन ट्रैफिक पुलिसकर्मी उन्हें रोकने का कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं।
कस्बे में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया
नगर में जाम की समस्या पुरानी हो गई है। सड़कों पर अतिक्रमण और भारी वाहनों के चलते नगर में रोजाना जाम लगा रहता है। भरी वाहना टोल से बचने के लिए कस्बे से भीड़ भाड़ वाले इलाके से निकलते हैं। कुछ महीने पहले प्रशासन ने दिन में भारी वाहनों के कस्बे में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसके लिए कस्बे की सीमाओं पर बैरिकेटिंग और पुलिस पिकैट लगाई गई थी। कुछ दिन तो एसएसपी के आदेश का पालन हुआ, लेकिन समस्या फिर से जस की तस हो गई। प्रतिबंध के बाद भी भारी वाहन कस्बे में प्रवेश कर रहे हैं।
पुलिस पिकैट भी हाथ गर्म होते ही भारी वाहनों को कस्बे में प्रवेश करा देती है। इन भारी वाहनों के कारण नगर में दिनभर भीषण जाम लगा रहता है। जिसके चलते लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। एसएसपी के आदेश भी सरधना पुलिस ने हवा में उड़ा रखे हैं। रविवार को भी भारी वाहनों के कारण नगर में दिनभर जाम लगा रहा। कस्बा सरधना में जाम से निजात दिलाने के लिए एसएसपी ने भारी वाहनों के घुसने पर प्रतिबंध लगाया था। ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए पुलिस प्रशासन ने भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई हुई है, लेकिन पुलिस की अनदेखी के चलते भारी वाहन बेरोकटोक नगर के बीच सड़कों पर दौड़ रहे हैं।
सरधना के मुख्य मार्गों पर नो एंट्री के बावजूद भारी वाहन घुस रहे हैं। ऐसे में सुबह से ही नगर में भीषण जाम लगना शुरू हो जाता है। तमाम शिकायतों के बावजूद पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। नतीजतन नो एंट्री के दूसरे दिन भी नगर में बिनौली-दौराला व तहसील रोड पर जाम लगने से एक तरफ वाहनों की लंबी कतार लगी रही। नगर में भारी वाहनों की नो एंट्री है, लेकिन पुलिस प्रशासन इन नियमों का पालन नहीं करवा पा रही है। नतीजन सुबह से शाम तक भारी वाहन नगर में घुस रहे हैं।
पुलिस चौकी बस स्टैंड के निकट जाम लगा रहा
रविवार को भी नौ एंट्री के बावजूद सुबह से लेकर शाम तक पुलिस चौकी बस स्टैंड के निकट जाम लगा रहा। जाम में छोटे वाहनों की संख्या कम, बड़े व भारी वाहनों की संख्या अधिक थी। वाहनों को देखकर लोग नो एंट्री प्लान की खूब मजाक बना रहे हैं। एसएसपी ने शामली की ओर से कस्बा सरधना से दौराला की तरफ जाने वाले भारी वाहनों के लिए भूनी चौराहा से मेरठ-शामली हाईवे के रास्ते नानू पुल से होते हुए दौराला पुल से रूट तय किया है। दौराला व खिर्वा रोड से कस्बा सरधना से होकर शामली की ओर जाने वाले भारी वाहन दौराला पुल से सीधे नानू पुल होते हुए मेरठ-शामली हाईवे होकर शामली के लिए डाइवर्ट किए गए थे। यहां दो-दो ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की ड्यूटी भी तय कर दी गई थी, लेकिन आदेश का पालन होता नहीं दिख रहा है।
सड़क पर खड़े वाहन भी बनते है परेशानी का कारण
कस्बे की सड़कों चौड़ाई कम होने के साथ साथ ही उनके किनारे खड़े वाहन भी ट्रैफिक जाम का कारण बन रहे हैं। कारण यह है कि 12 से 15 फीट चौड़ी सड़क पर एक से दो फीट दुकानदार अस्थाई अतिक्रमण कर लेते हैं। इसके बाद इन दुकानों पर आने वाले ग्राहकों के वाहन दो से तीन फीट जगह घेर लेते हैं। ऐसे में सड़क पर कोई बड़ा वाहन आते ही पूरा रास्ता अवरुद्ध हो जाता है। ऐसे में जैसे ही सड़क पर छह से सात फीट चौड़ा ट्रैक्टर ट्रॉली या अन्य कोई भारी वाहन प्रवेश करता है, तो सड़क पर ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा हो जाती है।
सड़कों के दोनों और छह फीट तक दुकानदारों ने सामान रख कर कब्जा कर रखा हैं। ऐसे में भारी वाहन के प्रवेश के साथ ही पूरी सड़क ब्लाक हो जाती। दो पहिया वाहनों के निकलने के लिए स्थान न बचने के कारण जाम की स्थित पैदा हो जाती है।