- एनएच-58 पर स्थित है योगीपुरम अवैध कॉलोनी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: योगीपुरम नाम से 200 बीघा जमीन में अवैध कॉलोनी एनएच-58 पर विकसित कर दी गई हैं। ये क्षेत्र आर-जोन भी नहीं हैं। स्पोर्ट्स की गतिविधियां ही इसमें संचालित हो सकती हैं, लेकिन यहां बिल्डर ने आवासीय बिल्डिंग बना दी हैं। इसमें एक रास्ता तो हाल ही में किसान की जमीन जमीन खरीदकर हाइवे से जोड़ दिया हैं। एमडीए के इंजीनियर इस बिल्डर पर खास मेहरबान हैं। एक के बाद एक मकान बनते चले गए, लेकिन एमडीए इंजीनियरों ने कोई कार्रवाई इसमें नहीं की।
वर्तमान में हालत यह है कि हाइवे से लेकर शोभापुर तक यह कॉलोनी विकसित कर दी गई हैं। व्यापक स्तर पर बिना किसी भय के अवैध कॉलोनी काट दी गई। इसमें एक दिन भी एमडीए का बुलडोजर नहीं चला। इंजीनियरों की टीम एमडीए ने फिल्ड में छोड़ रखी हैं, लेकिन इसमें कार्रवाई क्यों नहीं की। इस कॉलोनी को लेकर ‘जनवाणी’ पहले भी कई खबर प्रकाशित कर चुका हैं, लेकिन बिल्डर और एमडीए इंजीनियरों के बीच इतनी बड़ी सेटिंग का खेल चल रहा है कि 200 बीघा जमीन में बड़ी अवैध कॉलोनी विकसित कर दी गई।
यह सीधे एमडीए के राजस्व को चोट पहुंचा दी गई हैं। एमडीए से इसका मानचित्र स्वीकृत कराया गया होता तो करोड़ों का लाभ हो सकता हैं। वैसे स्पोर्ट्स के उपयोग के लिए ही जमीन को प्रयोग में लाया जा सकता हैं, लेकिन यहां तो एमडीए इंजीनियरों को एक र्इंट भी नहीं लगने देनी चाहिए थी, मगर यहां तो कई-कई मंजिली बिल्डिंग बनकर तैयार हो गयी हैं। अब फिर इसकी एक्सटेंशन विकसित की जा रही हैं, इसमें भी एमडीए किसी तरह का अवरोध पैदा नहीं कर रहा हैं।
जो एमडीए से स्वीकृत कॉलोनियां हैं, उनमें जरा सी चूक होने पर एमडीए के इंजीनियर नोटिस दर नोटिस भेजते हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि योगीपुरम 200 बीघा जमीन में अवैध कॉलोनी विकसित कर दी गई, इसमें नहीं तो ध्वस्तीकरण हुआ और वर्तमान में बिल्डर अपने आॅफिस सजाएं हुए बैठे हैं। उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही हैं। यहीं वजह है कि बिल्डर का दुस्साहस बढ़ता जा रहा हैं।