जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: भारत सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) 1967 की धारा 3(1) के तहत ‘जम्मू और कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी’ (जेकेडीएफपी) को ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित कर दिया है। यह पार्टी संगठन विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा है। वर्ष 1998 से राष्ट्रीय गतिविधियों और इसके सदस्यों ने हमेशा भारत में अलगाववाद और आतंकवादी कृत्यों को बढ़ावा दिया है।
Ministry of Home Affairs Notice
इस संगठन के सदस्य लोगों को भड़काकर कश्मीर को एक अलग इस्लामिक राज्य बनाना चाहते हैं, जो भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता के लिए हानिकारक है। इस संगठन के खिलाफ यूएपीए 1967, आईपीसी 1860, आर्म्स एक्ट 1959 और रणबीर दंड संहिता 1932 की विभिन्न धाराओं के तहत कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह के नेतृत्व वाली पार्टी पर उन गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है, जिन्हें भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक माना जाता है। सरकार का लक्ष्य भारत की संप्रभुता के लिए किसी भी संभावित खतरे को कम करना है।
गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार यह निर्णय गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत आता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली गैरकानूनी गतिविधियों पर रोकथाम लगाता है।