- आज के समय में खादी पहनना दर्शाता है स्टेटस सिंबल को
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: खादी शब्द हमेशा से ही महात्मा गांधी से जोड़कर देखा गया है। ऐसा इसलिये क्योंकि उन्होंने स्वदेशी आंदोलन से खादी की दुनिया में एक नई क्रांति ला दी थी। खादी न सिर्फ एक कपड़ा है, बल्कि खादी एक विचारधारा को जन्म देती है। यह कपड़ा हमारे इतिहास का गौरव है। प्रधानमंत्री ने भी खादी के कपड़े पहनकर युवाओं को खादी की तरफ मोड़ा है।
एक समय था जब खादी बहुत ही कम दामों पर बिका करती थी पर आज के आधुनिक दौर में खादी की न सिर्फ उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है, अपितु अब खादी अलग-अलग रंगों व डिजाइनों में भी ट्रेंड कर रही है।
आधुनिक दौर में भी खादी का ट्रेंड बरकरार है। यह न सिर्फ आजादी का सिंबल है, बल्कि आज के समय में खादी पहनना स्टेटस सिंबल को दर्शाता है। आज नेता, युवा, पुरुषों से लेकर बच्चे और महिलाएं भी खादी को अपनी पहली पसंद बनाए हुए हैं। बाजार में महिलाओं के लिए रंग-बिरंगे खादी के स्टॉल, दुपट्टे, सूट, वूलन शॉल, कुर्ते आदि काफी ट्रेंड कर रहे हैं और डिमांड में भी हैं। वहीं जेंट्स के लिए शर्ट, पैंट, नेहरू जैकेट, कुर्ता-पजामा आदि शामिल हैं।
बदलते समय के संग बदले खादी के रंग
पहले कम संसाधन होने के कारण प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करके खादी के कपड़ो को रंगा जाता था, जिस कारण कुछ समय में वो रंग फीके पड़ जाया करते थे। परन्तु आधुनिक दौर में डाई तकनीक के द्वारा लाल, नीला, पीला, इंग्लिश कलर्स जैसे कि तुर्किश लाल, पीला, हरा, नीला आदि रंगों में भी खादी का कपड़ा उपलब्ध है।
इसी कारण से आज खादी के कपड़ो की कीमत में भी उछाल आ गया है। लोकसभा चुनाव 2024 का माहौल है। इस समय सभी छोटे-बड़े नेता खादी की तरफ भाग रहे हैं। विद्यार्थी खादी भंडार के मालिक वैभव शर्मा बताते हैं कि चुनाव में 40 से 50% तक नेताओं द्वारा सफेद खादी के कुर्ते पाजामे तथा सूट की डिमांड बढ़ जाती है।
मेरठ में सबसे पुराना विद्यार्थी खादी भंडार
बुढ़ाना गेट स्थित विद्यार्थी खादी भंडार के मालिक वैभव शर्मा बताते हैं कि उनके दादाजी चैतन्य प्रकाश शर्मा स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने ही गांधी जी से प्रेरित हो कर यहां पर सन 1934 में विद्यार्थी खादी भंडार खोला था। उनके बाद वैभव शर्मा के पिताजी ने इस कारोबार को संभाला और अब वह इसको देख रहे हैं। वह बताते हैं कि समय के साथ-साथ लोगों का रुझान खादी की तरफ बहुत बढ़ा है।
लोग खादी को इसलिए भी पसंद करते हैं क्योंकि यह एक रिवर्सिबल इफेक्ट देने वाला कपड़ा है, यह कपड़ा मौसम के हिसाब से रिएक्ट करता है। वह बताते हैं कि खादी कम से कम 150 रुपए से शुरू होकर 1000 व उसके ऊपर तक उपलब्ध है। वह बताते हैं कि खादी को शुरू से लेकर अंतिम प्रक्रिया तक हाथ से तैयार कराया जाता है इसलिए इसका इतना ज्यादा रेट आता है।