- डीएम ने खबर पर लिया संज्ञान सिंचाई विभाग से मांगी पूरी जानकारी
- सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने डीएम को भेजी रिपोर्ट, दी जानकारी
- सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने कई रजवाहों का किया स्थलीय निरीक्षण
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सिंचाई विभाग द्वारा समय पर रजवाहों की सफाई नहीं करने के किसानों की बात को प्रमुखता से उठाने को लेकर सिंचाई विभाग में हड़कंप मचा है। डीएम ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से इस पर जानकारी मांगी। जिसके बाद सिंचाई विभाग जल्द से जल्द जिन रजवाहों की सफाई नहीं हुई। उसका कार्य पूरा करकर पानी छोडेÞ जाने की तैयारी में जुट गया है।
सिंचाई विभाग में अंधेरगर्दी: रजवाहों की सफाई के नाम पर हो रही खानापूर्ति के समाचार को जनवाणी ने दो दिसंबर के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया। खबर पर डीएम दीपक मीणा ने संज्ञान लिया और सिंचाई विभाग के अधिकारियों से इस मामले में विस्तृत जानकारी भी मांगी। रजवाहों में सफाई के नाम पर सिंचाई विभाग द्वारा करोड़ों रुपया खर्च किया जाता है, लेकिन क्षेत्र के कुछ किसानों द्वारा आरोप लगाया गया कि जिस समय गंगनहर में पानी बंद किया गया था।
उसके बाद सिंचाई विभाग द्वारा रजवाहा की सफाई का कार्य समय से शुरू नहीं कराया गया। तब तो सिंचाई विभाग के अधिकारी-सफाई कराने के बजाय हाथ पर हाथ धरकर बैठे रहे और जब गंगनहर में पानी छोड़े जाने का समय आया और किसानों को खेतों में रबी की फसल की बुआई के लिए पानी की अवश्यकता पड़ी, तब जाकर सिंचाई विभाग के द्वारा खानापूर्ति की सफाई शुरू की गई।
जानी क्षेत्र के कुछ किसानों के द्वारा शनिवार को आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में मामला एसडीएम सदर गामिनी सिंगला व सीडीओ नूपुर के सामने मामला उठाया। कि 30 नवंबर की मध्यरात्रि को रजवाहों में पानी छोड़ा जाना चाहिए था, लेकिन अब तक पानी नहीं छोड़ा जा सका। सोमवार को सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता एसके लाम्बा के मोबाइल पर कभी किसानों की कॉल तो कभी अधिकारियों की कॉल से रिंग बजती रही। फिलहाल जनवाणी द्वारा जो किसानों की समस्या को प्रमुखता से उठाया गया, उस पर किसानों ने जनवाणी का आभार जताया।
कुछ रजवाहों में पानी छोड़ दिया गया है। दो-तीन रजवाहें ऐसे हैं, जिनमें पुलों के निर्माण का कार्य चल रहा है। जिसकी सूचना डीएम व अन्य अधिकारियों को भी दे दी गई है, जल्द ही सभी रजवाहों में पानी चालू करा दिया जायेगा। -एसके लाम्बा, अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग, मेरठ