Friday, April 26, 2024
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हिन्दी को अंग्रेजी से कम क्यों तोलते हैं लोग

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  • शिशु मंदिर की जगह कान्वेंट क्यों खोलते हैं लोग
  • हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर हुई काव्य पाठ
  • युग हस्ताक्षर साहित्यिक संस्था ने किया आयोजन

जनवाणी ब्यूरो |

नजीबाबाद: युग हस्ताक्षर साहित्यिक संस्था के तत्वावधान में हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित काव्य गोष्ठी में कवियों ने अपना काव्य पाठ किया और हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा देने तथा संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को मान्यता दिलाए जाने की बात कही।

रविवार को हिन्दी दिवस की पूर्व संध्या पर युग हस्ताक्षर साहित्यिक संस्था की ओर से कुमुद कुमार के आदर्शनगर स्थित आवास पर आयोजित काव्य गोष्ठी का शुभारम्भ मनोज त्यागी ने सरस्वती वंदना कर किया।

कवियों ने काव्य पाठ प्रस्तुत कर हिन्दी दिवस की सार्थकता पर अपने विचार रखें। कवि गोष्ठी में वरिष्ठ कवि राजेन्द्र त्यागी ने कहा कि हिन्दी को अंग्रेजी से कम क्यों तोलते हैं लोग, शिशु मन्दिर की जगह कान्वेंट क्यों खोलते हैं लोग।

सरदार भगीरथ सिंह ने अपना गीत प्रस्तुत कर कहा कि हिन्दी में जन्मा भाषा हिन्दी, माता हिन्दी पिता भी हिन्दी। मेरी जान हिन्दी मेरी पहचान है हिन्दी।

कुमुद कुमार ने कहा कि एक समर अभी शेष है हिन्दी की आजादी का, आरोहण हो राजभाषा से राष्ट्रभाषा की पदवी का। अशोक सविता ने हिन्दी प्रशंसा में कहा कि हिन्दी आज बनी विश्व की सुंदर रानी है, ईदगाह, मंत्र प्रेमचंद की अमर कहानी है। जयप्रकाश शर्मा ने कहा कि करके विधिवाद न खेद करो, निज लक्ष्य निरंतर भेद करो।

सरदार जितेन्द सिंह्र कक्कड़ ने कहा कि हिंदी है हमारे माथे कि बिंदिया की शोहरत, हिंदी है हम, हिंद को हिंदी बनाना है। मनोज त्यागी ने कहा कि गगन की मांग में सिंदूर से पुर गए बादल, वो लहराया हवा में फिर किसी का सुरमई आंचल।

काव्य गोष्ठी के अध्यक्ष राजेन्द्र त्यागी ने कहा कि आज हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिए जाने की आवश्यकता है। हिन्दी केवल भाषा ही नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति को एकजुट रखने में सक्षम है। आज भले ही अधिकांश लोगो का रूझान अंग्रेंजी के प्रति हो परंतु समाज को एक जुट रखने में हिन्दी भाषा सक्षम है। संचालन कुमुद कुमार ने किया।

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