जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: माफिया अतीक अहमद और अशरफ के करीबी नफीस बिरयानी की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। यूपी की इलाहाबाद नैनी सेंट्रल जेल में दिल का दौरा पड़ने के बाद उसे भर्ती कराया गया था।
उमेश पाल हत्याकांड के बाद से फरार नफीस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। 22 नवंबर को नवाबगंज के पास पुलिस मुठभेेड़ में उसके पैर में गोली लगने के बाद उसे अस्पताल लाया गया था। इसके बाद हालत में सुधार होने पर नौ दिसंबर को उसे नैनी सेंट्रल जेल में दाखिल किया गया था।
माफिया अशरफ के करीबी नफीस बिरयानी की क्रेटा कार का उमेश पाल हत्याकांड में इस्तेमाल हुआ था। इसके बाद से ही वह फरार चल रहा था। नफीस ने बिरयानी कारोबार को अशरफ की काली कमाई लगाकर आगे बढ़ाया था। कारोबार की आड़ में वह माफिया की काली कमाई को सफेद करने का काम करता था।
22 नवंबर को नवाबगंज में पुलिस मुठभेड़ में उसे पकड़ा गया था और वह नैनी सेंट्रल जेल में निरुद्ध था। रविवार को सांस लेने में दिक्कत होने पर उसे आनन-फानन जेल अस्पताल ले जाया गया। वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर सिंह पटेल ने बताया कि जेल चिकित्सकों की सलाह पर उसे एसआरएन अस्पताल के हृदय रोग विभाग के आईसीयू में रखा गया था, यहां उसकी हालत नाजुक बनी थी। इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
दिल का दौरा पड़ने के बाद स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय के हृदय रोग विभाग के आईसीयू में भर्ती कराए गए नफीस का ब्लड प्रेशर काफी कम मिला था। साथ ही पल्स रेट भी गिरा हुआ था। किडनी में इन्फेक्शन फैलने से उसे दिक्कतें बढ़ गई थीं।