Thursday, April 25, 2024
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महिलाओं व बच्चों को सशक्त बनाने के लिए निरन्तर प्रयासरत हैं मोदी सरकार

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जनवाणी संवाददाता |

हरिद्वार: डॉ0 मंजूपारा महेन्द्रभाई राज्य मंत्री महिला एवं बाल विकास तथा आयुष, भारत सरकार, की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को होटल रॉयल वृंदावन, ज्वालापुर में सात राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों-जम्मू कश्मीर, उत्तराखण्ड, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, बिहार तथा हिमाचल प्रदेश के आकांक्षी जनपदों की जोनल मीटिंग-’’विभिन्न योजनाओं का महिलाओं एवं बच्चों पर प्रभाव’’ विषय पर आयोजित हुई। बैठक का शुभारम्भ मांगल गीत के बीच दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
बैठक को सम्बोधित करते हुये राज्य मंत्री महिला एवं बाल विकास तथा आयुष, भारत सरकार डॉ0 मंजूपारा महेन्द्रभाई ने कहा कि महिला एवं बाल विकास प्रधानमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रहा है। उन्होंने कहा कि देश की महिलाओं व बच्चों को सशक्त बनाने के लिये हम निरन्तर प्रयासरत हैं। उन्होंने सखी वन स्टॉप सेण्टर योजना का उल्लेख करते हुये कहा कि वर्ष 2016 से इस योजना के तहत किसी भी तरह की हिंसा झेल रही महिला को उचित सहायता प्रदान करना है।

इसके अन्तर्गत उन्हें पुनर्वास हेतु आश्रय, चिकित्सकीय सुविधा, कानूनी सलाह, पुलिस सुरक्षा, परामर्शदाता की सेवायें आदि मदद की जाती हैं। उन्होंने कहा कि कामकाजी महिलाओं के लिये 971 छात्रावास बनाये गये हैं, जिनका लाभ 75 हजार महिलायें उठा रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्रों में महिलाओं के लिये सुरक्षित वातावरण सृजित करना है तथा हम अनगिनत महिलाओं की प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से हर क्षेत्र में मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि तीन तलाक हो या शादी करने की उम्र में वृद्धि करना हो, प्राथमिक स्तर से ही गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करना हो, बीच में बच्चियों द्वारा पढ़ाई छोड़ने के प्रतिशत को कम करना हो, बच्चियों का लिंगानुपात बढ़ाना हो, बाल सुरक्षा योजना हो आदि में हमारी सरकार पूरा ध्यान केन्द्रित कर रही है।

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बैठक को सम्बोधित करते हुये सांसद हरिद्वार डॉ0 रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि हम सबका साथ, सबका विश्वास तथा सबका प्रयास के मूल मंत्र को लेकर चल रहे हैं। उन्होंने यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता का जिक्र करते हुये कहा कि भारत में महिलाओं का सम्मान सर्वोपरि है।

डॉ0 धन सिंह रावत मंत्री चिकित्सा स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, सहकारिता, उच्च शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग में काफी अच्छा कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि आकांक्षी जनपद की दृष्टि से हरिद्वार व ऊधम सिंह नगर में बच्चों व महिलाओं को विशेष सुविधायें दी जा रही हैं तथा कहीं पर भी कोई दिक्कत नहीं है।

जोनल मीटिंग को सम्बोधित करते हुये श्रीमती रेखा आर्या, मंत्री महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, खेल एवं युवा कल्याण ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग दिन-प्रतिदिन ऊंचाइयों को छूते हुये आगे बढ़ रहा है।

श्रीमती रेखा आर्या ने महिला तथा बाल विकास के क्षेत्र में केन्द्र तथा राज्य द्वारा संचालित योजनाओं-पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन, प्रधानमंत्री मातृ वन्दना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, राष्ट्रीय पोषण मिशन, सखी वन स्टॉप सेण्टर, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना, मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, नन्दा गौरा योजना, तीलू रौतेली पुरस्कार, आंगनबाड़ी पुरस्कार पर विस्तृत प्रकाश डालत हुये इन योजनाओं के माध्यम से जो-जो सुविधायें दी जा रही हैं जैसे- मुख्यमंत्री बाल पलाश योजना के तहत निर्धारित तिथियों में उबला अण्डा तथा केला या मौसमी फल दिये जाते हैं, उनका उल्लेख किया। बैठक में इन्दीवर पाण्डे सचिव महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार ने कहा कि इस बैठक में सात राज्यों के 29 जिले प्रतिभाग कर रहे हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत कोविड-19 और अन्य बीमारियों से माता/पिता/संरक्षक की मृत्यु (मार्च 2020 से 31 मार्च, 2022 की अवधि में) प्रभावित बच्चों के खातों में डी.बी.टी. के माध्यम धनराशि हस्तांरित की गयी।
बैठक में राकेश रंजन, मिशन डायरेटर, आकांक्षी जनपद कार्यक्रम, नीति आयोग ने आकाक्षी जनपदों के बारे मंे विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।

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हरि चन्द्र सेमवाल, सचिव, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, उत्तराखण्ड ने सभी राज्यों के प्रतिनिधियों का स्वागत किया। होटल रॉयल वृंदावन पहुंचने पर सभी माननीय/गणमान्य/पदाधिकारियों का पुष्पगुच्छ, शाल तथा गंगाजलि भेंट कर भव्य स्वागत व अभिनन्दन किया गया।

इस अवसर पर जिलाधिकारी श विनय शंकर पाण्डेय, मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 सौरभ गहरवार, जिलाधिकारी सोनभद्र, जिलाधिकारी बलरामपुर, जिलाधिकारी ऊधम सिंह नगर, विभिन्न राज्यों के निदेशक, उत्तराखण्ड के विभिन्न विभागों के अपर सचिव, निदेशक एवं प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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