Wednesday, October 16, 2024
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सड़क हादसे में नगर पंचायत कार्यालय के लिपिक की मौत

  • टीपीनगर क्षेत्र में तेज रफ्तार बाइक सवार ने मारी टक्कर, आरोपी फरार

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: नगर पंचायत कार्यालय में तैनात एक लिपिक की टीपीनगर क्षेत्र में मंगलवार देर शाम हुए हादसे में दर्दनाक मौत हो गयी। हादसे की वजह तेज रफ्तार अनियंत्रित बाइक की लिपिक की स्कूटी में टक्कर मारना रही। हादसे के बाद आरोपी बाइक सवार मौके से फरार हो गया। सीसीटीवी की मदद से पुलिस फरार की तलाश में जुटी है। मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर उसे मोर्चरी भिजवा दिया है। आरोपी मौके पर ही बाइक छोड़कर फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। क्लर्क के परिवार में कोहराम मचा है।

दिल्ली रोड देवतापुरम निवासी 55 वर्षीय राजसिंह पुत्र शंकर लाल सिंह नगर पंचायत कार्यालय में क्लर्क के पद पर तैनात रहे। मंगलवार शाम वह अपनी स्कूटी से घर के लिए रवाना हुए। दिल्ली रोड पर आईआईए रोड पर अचानक सामने से आई तेज रफ्तार केटीएम बाइक से उनकी स्कूटी की भिड़ंत हो गई। भिड़ंत इतनी तेज थी कि राजसिंह उछलकर दूर जाकर गिरे। सिर जमीन पर लगने से लहूलुहान हो गए। यही नहीं उनकी नाक, मुंह और कान से खून आने लगा। लोग तुरन्त उन्हें उठाकर अस्पताल की तरफ भागे और पुलिस को सूचना दी।

बागपत रोड स्थित अस्पताल में चिकित्सकों ने राजसिंह को मृत घोषित कर दिया। बताया जाता है कि हादसे की सूचना देने के करीब 20 मिनट के बाद टीपीनगर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और बाइक व स्कूटी अपने कब्जे में ली। देरी से आने को लेकर लोग खासे नाराज भी दिखे। इसके बाद पुलिस अस्पताल आ गई। राजसिंह की मौत की जानकारी मिलते ही पुलिस ने परिजनों से संपर्क साधा, जिसके बाद परिजन रोते बिलखते अस्पताल पहुंच गए। इसके बाद पुलिस ने शव को मोर्चरी भिजवा दिया।

बताया जाता है कि जिस जगह यह हादसा हुआ, उस जगह लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। इसका लाभ उठाकर आरोपी बाइक सवार मौके पर ही बाइक को छोड़कर भाग निकला। यह भी बताया जा रहा है कि बाइक सवार गलत दिशा में बाइक दौड़ा रहा था। इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार ने बताया कि बाइक-स्कूटी भिड़ंत में क्लर्क की मौत हुई है। बाइक सवार युवक कहां है, इसका पुलिस पता लगा रही है। परिजन जो भी तहरीर देंगे, उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

मौत की पहेली को सुलझाने में जानी पुलिस पस्त

मेरठ: जानी के सिवालखास निवासी विकास की मौत परिजन ही नहीं पुलिस के लिए भी राज बनी है। जानी पुलिस मौत की अनसुलझी पहेली को सुलझाने में पस्त नजर आ रही है। जानी के सिवालखास निवासी विकास की मौत ढाई महीने बाद भी राज बनी है। परिजन अपने सवालों के जवाब मांग रहे हैं। मंगलवार को वह फिर पुलिस आफिस पहुंचे और अफसरों से न्याय की गुहार लगाई। मामले में सीओ सरधना को जांच के आदेश दिए गए हैं।

16 जून को सिवालखास निवासी विकास की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उसका शव लावारिस अवस्था में मिला। पुलिस ने शव को मोर्चरी भिजवा दिया। परिजनों ने गांव के ही एक शख्स पर हत्या का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि मौत वाले दिन वह व्यक्ति ही विकास को घर से बुलाकर ले गया था। विकास के 3500 रुपये उस शख्स पर उधार थे, जो देने के लिए वह विकास को ले गया था। पुलिस आफिस पहुंचे आनंद सिंह का कहना है कि पुलिस पहले दिन से आरोपी का बचाव कर रही है। यह बिना मिलीभगत के संभव नहीं है।

जो शख्स गांव में रहा, उसे पुलिस ने गांव से बाहर दिखा दिया, जबकि उनके पास मौजूद फुटेज इस बाद की गवाही दे रही है। उनके भाई की गर्दन टूटी थी, जिससे पता चलता है कि गर्दन पर वार किया गया था। यही वार विकास की मौत का कारण बना। इंस्पेक्टर जानी पंकज सिंह का कहना है कि मामला उनसे पहले का है। अगर मामला दोबारा थाने आता है तो वह नये सिरे से जांच कराएंगे। पीड़ित परिवार के हर सवाल का पुलिस जवाब देगी।

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