- गंगनहर कांवड़ पटरी मार्ग: डायरेक्टर एनवायरमेंट, सीनियर साइंटिस्ट, चीफ सेक्रेटरी व डीएम कमेटी का होंगे हिस्सा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: गंगनहर की दायीं पटरी निर्माण के लिए हुए पेड़ों के कटान का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। विधायक द्वारा मामला विधानसभा में उठाने के बाद एनजीटी ने भी मामले की जांच के लिए स्वतंत्र कमेटी गठित कर दी है, जिसमें मुख्य सचिव के साथ ही एक वरिष्ठ वैज्ञानिक, डीएम आदि शामिल रहेंगे। कमेटी मामले की गहनता से जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट एनजीटी को सौंपेगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सरकार द्वारा गंगनहर की दायीं पटरी का निर्माण कराया जा रहा है। सरधना विधायक अतुल प्रधान ने सड़क निर्माण के नाम पर हरियाली को लीलने का आरोप लगाया था। विधायक का आरोप है कि सड़क निर्माण के नाम पर पेड़ों का अवैध रूप से कटान किया गया है। 100 साल पुराने पेड़ों को काट दिया गया। जिसको लेकर उनके पक्ष से एनजीटी में शिकायत की गई थी। एनजीटी ने प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए हरी झंडी दे दी थी। कुछ दिन पूर्व विधायक अतुल प्रधान ने मुद्दा विधानसभा में भी उठाया था।
सूबे के सीएम योगी ने मामले गंभीरता से लिया और उनके निर्देश पर ही प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज सिंह मामले की जांच के लिए दो दिन पहले गंगनहर पटरी पर पहुंचे थे। उन्होंने माना कि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की गई। जो शिकायत विधायक ने की है, वह सही है। मुख्य सचिव के पेड़ों के कटान के मौके पर मुआयना के दौरान डीएम के अलावा प्रशासन तथा पीडब्ल्यूडी व वन विभाग के आलाधिकारी भी मौजूद थे। इस मामले को लेकर मुख्य सचिव की गंभीरता व नाराजगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा कि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई करायी गयी है और इसके लिए सजा भी मिलेगी।
विधायक अतुल प्रधान ने बताया कि शुक्रवार को एनजीटी में सुनवाई हुई, जिसमें एनजीटी ने एक स्वतंत्र कमेटी गठित की है। कमेटी में मुख्य सचिव, डायरेक्टर जनरल फोर एनवायरमेंट, एक वरिष्ठ वैज्ञानिक तथा डीएम को शामिल किया है। यह कमेटी एक निर्धारित समय में पूरे मामले की गहनता से जांच करने के बाद रिपोर्ट एनजीटी को सौंपेगी। जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
किसी को बख्शने के मूड़ में नहीं एनजीटी
गंगनहर पटरी पर पेड़ों के कटान के मामल ने जिस प्रकार तूल पकड़ा है और उसके चलते जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी के गठन से इतना तो साफ हो गया है कि एनजीटी किसी को भी बख्शने के मूड़ में नहीं है। सूत्रों ने जानकारी दी है कि पेड़ों के कटान के मामले को लेकर उच्च स्तरीय कमेटी के गठन से वो तमाम अफसर परेशान बताए जा रहे हैं, जो प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से इस मामले से जुडेÞ हैं। मामले से जुडेÞ पीडब्ल्यूडी और वन विभाग के अफसरों की लखनऊ से आने वाली आहटों को लेकर बेचैनी किसी से छिपी नहीं है।
गंगनहर पटरी पर सड़क निर्माण कंपनी के ठेकेदार पर मुकदमा
गंगनहर पटरी पर पेड़ों के कटान के मामले के तूल पकडेÞ जाने के बाद शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग की तरफ से सड़क निर्माण करने वाली कार्यदायी संस्था के ठेकेदार के खिलाफ जानी थाने पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसमें निर्धारित तादाद से ज्यादा पेड़ काटने का उल्लेख किया गया है।पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता प्रदीप कुमार ने कार्यदायी संस्था आरसीसी के ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए कहा कि गंगनहर की पटरी पर सड़क बनाने के लिए निर्धारित मानक से ज्यादा पेड़ों को काटा गया है। इस तरह पर्यावरण को क्षति पहुंचायी गयी है। इंस्पेक्टर जानीखुर्द प्रांजत त्यागी ने एफआईआर की पुष्टि की।
वहीं, दूसरी ओर एफआईआर को इस मामले से जुडेÞ अफसरों के खुद को बचाने और मामले में ठेकेदार की बलि चढ़ाने की कोशिश के तौर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि गंगनहर पटरी मार्ग पर पेड़ों कटान की जांच को पहुंचे मुख्य सचिव के सामने ठेकेदार से साफ कह दिया था कि उसको किसी ने बताया नहीं कि कहां, कितने पेड़ काटने हैं। कोई अफसर यहां झांकने तक नहीं आया। उसका काम पेड़ों का कटान कर वन विभाग को भेजना भर है, बाकी काम अफसरों का था। ठेकेदार के इस खुलासे के बाद ही मुख्य सचिव ने अफसरों को फटकार लगाते हुए कार्रवाई की बात कही थी।
कार्रवाई की अभी नहीं मिली कोई जानकारी
- गंगनहर पटरी मार्ग पर पेड़ों के कटान के विधायक के आरोपों की जांच के लिए मुख्य सचिव आए थे। उक्त मामले में अभी इतना ही अपडेट है। शासन स्तर से किसी प्रकार की कार्रवाई की अभी जानकारी नहीं मिली है। -दीपक मीणा, डीएम, मेरठ।
अफसरों पर भी कराई जानी चाहिए एफआईआर
- पेड़ कटान मामले में ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर इस मामले में फंसे अफसरों द्वारा खुद को बचाने की कवायद के अलावा कुछ नहीं। अफसरों ने करोड़ों की कीमत के पेड़ लकड़ी माफियाओं को बेच दिए हैं। एफआईआर अफसरों पर भी कराई जानी चाहिए। -अतुल प्रधान, सपा विधायक, सरधना।