जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ: उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने उत्तर रेलवे प्रधान कार्यालय बडौदा हाउस नई दिल्ली में उत्तर रेलवे के विभागाध्यक्षों और मंडल रेल प्रबंधकों के साथ उत्तर रेलवे की कार्य प्रगति की समीक्षा की। बैठक में रेलपथों पर संरक्षा, गतिसीमा वृद्धि, मालभाडा (बीडीयू) और रेल परिचालन जैसे विषयों पर चर्चा की गयी।
गंगल ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष अर्थात् 2021-2022 के दौरान उत्तर रेलवे ने अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। उत्तर रेलवे ने वर्ष 2020-2021 में किए गए 59.08 मिलियन टन लदान की तुलना में 15.5% की प्रगति दर्ज करते हुए वर्ष (2021-22) में 67.87 मिलियन टन लदान किया।
कार्य प्रगति की समीक्षा के अलावा महाप्रबंधक ने रेलयात्रियों और रेल सम्पत्ति की संरक्षा और सुरक्षा के उच्च मानकों को बनाए रखने में अपना योगदान देने वाले सतर्क कर्मचारियों को संरक्षा पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने उच्च आय अर्जित करने में योगदान देने वाले वाणिज्य कर्मचारियों को भी पुरस्कृत किया। उन्होंने विजेताओं को बधाई दी और रेलकर्मचारियों से अपील की कि वे रेलयात्रियों और रेल परिसम्पित्तयों की संरक्षा के लिए अपना शत-प्रतिशत योगदान दें।
महाप्रबंधक ने आगे बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-2022 के दौरान उत्तर रेलवे की आय हिस्सेदारी 9650 करोड रुपये रही जोकि वर्ष 2020-2021 के 6594.59 करोड रुपये से 46.34% अधिक है। वित्तीय वर्ष 2021-2022 के दौरान उत्तर रेलवे की पार्सल बुकिंग आय 395 करोड़ रुपये रही जोकि सभी क्षेत्रीय रेलों में सर्वाधिक है। उत्तर रेलवे ने 624.36 करोड़ रुपये की आय से स्क्रैप निपटान में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। इसने स्क्रैप निपटान आय के पिछले आंकडे 536.99 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड को पार लिया है।
संरक्षा उत्तर रेलवे के सर्वोपरि है। महाप्रबंधक ने रेलपथों, समपारों के अनुरक्षण मानकों को बेहतर बनाने और हाई स्पीड सेक्शनों में रेलपथों के किनारे चारदीवारी बनाने पर बल दिया। उन्होंने रेलवे लाइनों को पार करने के मामलों को गम्भीरता से लिया। उन्होंने मंडलों और सुरक्षा विभाग को परामर्श दिया कि वे रेलवे लाइन पार करने वाली व्यक्तियों को विभिन्न रेलवे नियमों के तहत बुक करें और यदि आवश्यक हो तो उन्हें सजा भी दिलवाई जाये।
उन्होंने संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलपथों के निकट अतिक्रमणों को हटाने का प्रयास करने के निर्देश दिए। आधारभूत ढॉंचे को बेहतर बनाने के विषय पर महाप्रबंधक ने कहा कि परियोजनाओं के समय से पूरा करने पर बल दिया जाना चाहिए। महाप्रबंधक ने लोको, वैगनों और कोचों जैसी परिसम्पत्तियों के अधिकतम उपयोग पर बल दिया। उन्होंने संरक्षा से कोई समझौता किए बिना समयपालनबद्धता बनाए रखने की निर्देश दिए।
मालभाडा बिजनेस डेवलपमेंट पर बात करते हुए महाप्रबंधक ने बताया कि रेलवे सभी प्रकार के ग्राहकों, छोटे व्यापारियों से लेकर बडे एफएमसीजी और ई-कामर्स व्यापारियों से मालभाडा प्राप्त करने के प्रयास कर रही है। बडे और छोटे मालभाडे के लिए समय-सारणी से चलने वाली पार्सल और विशेष मालभाडा रेलगाडियां नियमित रूप से चलाई जा रही हैं।