Friday, July 5, 2024
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हिंदी भाषा ही नहीं कॅरियर का भविष्य भी

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वैश्वीकरण के परिणामस्वरूप पूरी दुनिया में हिंदी भाषा का प्रसार बड़ी तेजी से हो रहा है। मुख्य रूप से इसका श्रेय एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को जाता है। हाल के वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में हिंदी के क्वालिफाइड प्रोफेशनल्स की डिमांड भी बड़ी तेजी से बढ़ी है। सिनेमा के लिए स्क्रीनराइटिंग, हाई प्रोफाइल व्यक्तियों के लिए स्पीच राइटिंग और खुद को एक प्रख्यात हिंदी लेखक के रूप मे स्थापित करने के डोमेंस हिंदी भाषा के विद्वानों के लिए अतिरिक्त प्रतिष्ठित रोजगार के अवसरों में गिने जा सकते हैं। कहते हैं कि हिंदी शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द सिंधु शब्द से हुई है।

संस्कृत शब्द ‘सिंधु’ शब्द ईरानियों के संपर्क में आकार हिन्दू या हिन्द हो गया। ब्रिटिश भारत में हिंदी भाषा के विकास का श्रेय भारतेन्दु हरिश्चंद्र को जाता है। विश्व की एक प्रमुख भाषा के रूप में हिंदी के उत्थान में काशी नागरी प्रचारिणी सभा और हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग की भूमिका काफी अहम रही है। देश की स्वतंत्रता के बाद हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप मे सम्मान मिला।

हिंदी साहित्य का आदिकाल 1000-1500 ईस्वी के मध्य की अवधि को माना जाता है। ईस्वी 1500-1800 के मध्य की अवधि को मध्य काल कहा जाता है और 1800 से अब तक की अवधि को हिंदी साहित्य का आधुनिक काल कहा जाता है। भारत की 22 आधिकारिक भाषाओं में हिंदी विश्व की तीसरी सबसे अधिक बोली जानेवाली भाषा के रूप मे शुमार किया जाता है। विश्व के अन्य देशों उदाहरण के लिए फिजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम, नेपाल और संयुक्त अरब अमीरात में भी हिंदी बोलचाल और लेखन की भाषा है। हिंदी भाषा में प्रोफेशनल कोर्स और उम्मीदवार की निरंतर सीखने और खुद को निखारने की इच्छा के साथ इसमें कॅरियर और जॉब के बेहतरीन मौकों की कोई कमी नहीं है।

शुरुआत कहां से करें?

हिंदी में कॅरियर की शुरुआत किसी भी स्ट्रीम के साथ बारहवीं परीक्षा पास करने के बाद की जा सकती है। बारहवीं के बाद हिंदी में तीन वर्षों के ग्रैजवैशन कोर्स अर्थात बीए (हिंदी आॅनर्स) के साथ हिंदी में मास्टर (एमए इन हिंदी) किया जा सकता है जिसके बाद हिंदी में पीएचडी की डिग्री की राहें खुल जाती हैं। इन सभी कोर्स में हिंदी साहित्य, हिंदी भाषा विज्ञान और हिंदी भाषा के इतिहास, हिंदी लिपि, काव्य, नाटक, उपन्यास, गद्य, निबंध, संस्मरण, रचनात्मक लेखन, मीडिया के लिए लेखन, पटकथा लेखन इत्यादि के बारे में फोकस किया जाता है। हिंदी विषय में स्नातक, मास्टर डिग्री और पीएचडी हासिल कर लेने के बाद कई शानदार कॅरियर आॅप्शंस के लिए राहें आसान हो जाती हैं।

हिंदी के अध्ययन के लिए प्रसिद्ध संस्थान

  • मिरांडा हाउस कॉलेज, दिल्ली
  • फरग्यूसन कॉलेज, पुणे
  • जेवियर्स कॉलेज, अहमदाबाद
  • जे सोमैया कॉलेज आॅफ आर्ट्स एण्ड कॉमर्स, मुंबई
  • मुंबई विश्वविद्यालय, मुंबई

एडमिनिस्ट्रेटिव डोमेन

यूपीएससी के द्वारा आयोजित आईएएस की परीक्षा में हिंदी के रूप में आॅप्शनल तथा मुख्य विषय के साथ आईएएस, आईपीएस और अन्य प्रतिष्ठित पदों पर सफलता हासिल की जा सकती है। साथ ही राज्य सरकारों के स्टेट सर्विस कमीशन की परीक्षाओं में भी हिंदी को आॅप्शनल विषय के रूप में सिलेक्ट करके प्रशासकीय क्षेत्रों में कॅरियर का निर्माण किया जा सकता है। हाल के वर्षों में हिंदी से आईएएस की परीक्षाओं में सफलता का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है।

शिक्षा

हिंदी विषय के साथ टीचिंग के क्षेत्र में कॅरियर की अपार संभावनाएं हैं। स्नातक और पोस्ट ग्रेजुएट करने के बाद बीएड की डिग्री के साथ उम्मीदवार नवोदय विद्यालय समिति, केंद्रीय विद्यालय संगठन और अन्य प्राइवेट स्कूलों में हिंदी के टीजीटी और पीजीटी के रूप में अपने कॅरियर यात्रा का प्रारंभ कर सकते हैं।

इसके अतिरिक्त यूजीसी की नेट (नेशनल एलिजबिलिटी टेस्ट) की परीक्षा क्वालिफाई करने के बाद कॉलेज और यूनिवर्सिटी में एसिस्टन्ट प्रोफेसर के रूप में टीचिंग के डोमेन में कॅरियर की शुरूआत की जा सकती है। राज्य सरकारों के सेट (स्टेट एलिजबिलिटी टेस्ट) पास करने के बाद राज्यों के कॉलेज और विश्वविद्यालय में असिस्टन्ट प्रोफेसर के रूप में भी कॅरियर को चुना जा सकता है।

जर्नलिज्म

हिंदी भाषा के माध्यम से जर्नलिज्म के डोमेन में कॅरियर का चुनाव अपार संभावनाओं से भरा हुआ है। हिंदी में मास्टर डिग्री के बाद जर्नलिज्म में पोस्ट ग्रेजुएट के साथ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में न्यूज एडिटर, न्यूज राइटर, रिपोर्टर, एंकर, फीचर राइटर और कई अनेक पदों के लिए जॉब्स के बेशुमार अवसर उपलब्ध होते हैं। हिंदी में एमए पास उम्मीदवार मास कम्यूनिकेशन और जर्नलिजम में एमए करने के बाद इस डोमेन में विभिन्न प्रकार के जॉब्स और कॅरियर के अवसरों की तलाश कर सकते हैँ ।

ट्रांसलेशन के डोमेन में कॅरियर

वैश्वीकरण के फलस्वरूप विदेशी भाषाओं में लिखित विभिन्न प्रकार के मटेरियल्स, बुक्स, आॅफिसियल डॉक्युमेंट्स, न्यूज आर्टिकल्स इत्यादि की हिंदी में ट्रांसलेशन की बड़ी तेजी से मांग बढ़ रही है। ट्रांसलेशन के अंतर्गत हिंदी से किसी टेक्स्ट का अन्य भाषाओं और अन्य विदेशी भाषाओं के हिंदी में ट्रांसलेशन का बिजनस अब एक फूल टाइम प्रोफेशन के रूप में स्थापित हो चुका है। एम्बेसी, पब्लिशिंग हाउस, एनजीओ, ऐयरपोर्ट्स, केन्द्रीय जांच एजेंसी, पासपोर्ट और वीजा बनाने वाली जैसी संस्थाओं में ट्रांसलेटर के लिए जॉब्स के भरपूर अवसर उपलब्ध हैं।

इंटरप्रेटर

किसी इंटरप्रेटर का कार्य एक ट्रांसलेटर जैसा ही होता है, लेकिन इन दोनों के जॉब नेचर में एक बुनियादी फर्क है। जहां एक ट्रांसलेटर लिखित मटेरियल्स को एक भाषा से दूसरी भाषा में अनुवाद करता है वहीं एक इंटरप्रेटर स्पोकेन या ओरल ट्रांसलेशन का कार्य करता है। यह एक रियल टाइम ईवेंट होता है जिसमें इन्टरप्रेटर स्पीकर के द्वारा बोले गए शब्दों और वाक्यों को उसी समय अनुवाद करता है और विदेशी भाषा के स्पीकर के लिए उन्हें बोधगम्य बनाता है। इंटरप्रेटर के लिए उम्मीदवार के पास हिंदी में प्रोफेशनल क्वालिफिकैशन के अतिरिक्त दूसरी विदेशी भाषाओं का अगाध ज्ञान होना चाहिए। विभिन्न मंत्रालयों, यूएनओ, डिप्लोमैटिक मिशन के कार्यालय, एंबेसी, यूनिवर्सिटी, एमएनसी, पासपोर्ट और वीजा आॅफिस, एयरपोर्ट और अन्य डोमेंस में इंटरप्रेटर अपने लिए कॅरियर की शुरूआत कर सकते हैं।

वॉयस ओवर आर्टिस्ट

एक वॉयस ओवर आर्टिस्ट ऐसा व्यक्ति होता है जो अपनी आवाज किसी अन्य आर्टिस्ट के लिए रेडियो, पॉडकास्ट, विज्ञापन, डबिंग, टेलीविजन, सिनेमा, थिएटर और कार्टून फिल्मों में देते हैं। विशेष रूप से विदेशी फिल्मों और कार्टून्स के लिए इस प्रकार के वॉयस ओवर का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है। इन वॉयस ओवर प्रोफेशनल्स की परदे पर या बैकग्राउंड में केवल आवाज सुनी जाती है। साफ और शुद्ध आवाज वाले हिंदी विषय में ग्रैजूवेट या पोस्टग्रैजूवेट उम्मीदवार वॉयस-ओवर को कॅरियर के रूप में अपना सकते हैँ।

कंटेंट राइटिंग

हिंदी में विभिन्न प्रकाशन कम्पनियाँ टेक्स्ट बुक्स, उपन्यास, कविता, नाटक और साहित्य की अन्य विधाओं में कंटेंट राइटिंग का कार्य बड़े पैमाने पर कर रही है। इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के कारण अब कई वेबसाइट्स हिंदी में कॉन्टेन्टस तैयार करती हैँ। इन सभी कार्यों के लिए हिंदी में पूर्ण रूप से शुद्ध और सारगर्भित कंटेन्ट राइटर्स और एडिटर की डिमांड बड़ी तेजी से बढ़ रही है इस क्षेत्र में कॅरियर सिलेक्शन में क्रिएटिव राइटिंग और मास कम्यूनिकेशन में डिप्लोमा और डिग्री काफी सहायता कर सकते हैँ।

राजभाषा आॅफिसर

राजभाषा आॅफिसर की राष्ट्रीयकृत बैंकों में नियुक्ति होती है। ये राजभाषा आॅफिसर्स हिंदी के प्रोत्साहन के साथ झ्र साथ बैंकों में यह सुनिश्चित करते हैँ कि बैंकिंग कार्यों में राजभाषा हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग हो। साथ ही ये आॅफिसर विभिन्न प्रकार के दस्तावेजों, सरकारी आदेशों और सूचनाओं में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देते हैं।

कर्मचारियों को हिंदी में प्रशिक्षित करने और राजभाषा के रूप में हिंदी के प्रयोग को प्रोत्साहित करने की जिम्मेदारी भी एक राजभाषा आॅफिसर की होती है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय में भी राजभाषा का विभाग होता है जिसमें भी हिंदी के प्रोफेशनल्स के लिए जॉब्स के अवसर उपलब्ध होते हैं।

श्रीप्रकाश शर्मा


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