जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: दो वर्ष के अंतराल के बाद एक बार फिर पूर्वोत्तर के कई राज्यों में बुधवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए हो गए। ये विरोध उत्तर पूर्व छात्र संगठन (एनईएसओ) के नेतृत्व में किया जा रहा है। बुधवार को छात्र संगठन ने असम, मिजोरम, मेघालय, नगालैंड और त्रिपुरा के मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सीएए के कारण इन राज्यों में सीमावर्ती देशों से लोगों का अवैध आगमन बढ़ेगा।
भारी सुरक्षा इंतजाम के बीच ‘ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन’ (आसू) के सदस्यों ने राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया।गुवाहाटी में आसू के मुख्यालय के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया गया। आसू, नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (एनईएसओ) का हिस्सा है।
एनईएसओ सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने कहा, असम के लोग कभी सीएए को स्वीकार नहीं कर सकते और इसे वापस लेना ही होगा। उन्होंने कहा, महामारी के कारण दो साल पहले हमें अपना विरोध-प्रदर्शन निलंबित करना पड़ा था। हालांकि, हमने दोबारा प्रदर्शन शुरू करने का फैसला किया है ताकि सीएए लागू नहीं हो सके। सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक इसी तरह से बुधवार को मिजोरम, मेघालय, नगालैंड और त्रिपुरा में भी सीएए के विरोध में छात्र संगठन सड़कों पर उतरे।