- सिटी बसों का अभाव ई-रिक्शा और आटो बने सहारा
- शहर में ई-रिक्शा की है भरमार बन रहे जाम का कारण
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर में इन दिनों आटों और ई रिक्शा की डिमांड काफी ज्यादा बढ़ गई है। लोग शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रुप में इन्हीं का इस्तेमाल कर रहे हैं। क्योंकि इन दिनों पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नाम पर शहर में यही शेष रह गए हैं। जिसकी वजह है कि सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस द्वारा बसों का संचालन न के बराबर किया जाना।
दरअसल, शहर में सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस द्वारा इन दिनों मात्र आठ वॉल्वो बसें संचालित की जा रही हैं। इसके अलावा कोई सिटी बस या मिनी बस अभी तक नहीं चलाई जा रही है। जिसको तकरीबन आठ माह का समय बीत चुका है। ऐसे में शहर में लोगों के पास सिर्फ ई-रिक्शा और आॅटो ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट का जरिया बने हुए हैं। इसी वजह से इन दिनों सड़कों पर इनकी भरमार हो गई है।
बताते चलें कि सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस की ओर से बसें न चलाने का कारण है बसों की अवधी संपूर्ण हो जाना। सिटी ट्रांसपोर्ट की सौ से भी अधिक सिटी बसों की अवधी पूरी हो चुकी है। नए साल पर नई बसें आने के बाद ही कुछ उम्मीदे सिटी ट्रांसपोर्ट से हैं।
ई-रिक्शा की भरमार जाम से जूझ रहे लोग
शहर में ई रिक्शा और आॅटो की इन दिनों भरमार हो रही है। सड़कों पर बिना रजिस्टर्ड ई रिक्शा और आॅटो भी घूमते देखे जा सकते हैं। यही कारण है कि शहरवासियों को घंटों के जाम से जूझना पड़ता है। गढ़ रोड, हापुड़ और बेगमपुल पर इसी कारणवश लंबा जाम भी कई बार लग जाता है।
साथ ही आने-जाने वाले वाले वाहनों को निकलने के लिए जगह तक नही देते जहां मन करता है वहां रिक्शा को खडा कर देते है, जिस कारण शहर के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।