जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: चीन से फैले कोविड-19 वायरस ने पूरी दुनिया में हाहाकर मचा दिया है। भारत में हालात इस कदर बेकाबू हैं कि यहां रोजाना लाखों संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं। यही नहीं भारत में कोरोना से होने वाली मौतें भी सबसे ज्यादा हो रही हैं। सक्रिय मामलों की बात करें तो भारत दूसरे नंबर पर आता है।
कोरोना संक्रमण पर रोक लगाने के लिए एक तरफ राज्य सरकारें साप्ताहिक लॉकडाउन या फिर सप्ताहभर के लिए लॉकडाउन लगा रही है। लेकिन उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में हाईकोर्ट के आदेश के बाद लॉकडाउन लगाने से इनकार किया जा रहा है। इधर गुजरात में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए वलसाड शहर के लोगों ने दस दिन तक खुद से लॉकडाउन लगाने का एलान कर दिया है।
व्यापारियों के संगठन ने भाजपा विधायक और जिलाधिकारी के साथ मिलकर लिया फैसला
वलसाड के दुकानदारों और व्यापारियों के संगठन ने जिलाधिकारी आर आर रावल और भारतीय जनता पार्टी के विधायक भरत पटेल के साथ बैठक में इसका फैसला किया। सोमवार को वलसाड जिले में 71 नए मरीज सामने आए और छह मरीजों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
वलसाड में कोरोना संक्रमित कुल मामलों की संख्या 2,101 हो गई है और सरकारी और निजी अस्पतालों में 416 मरीजों का इलाज चल रहा है। बता दें कि वलसाड में रविवार से दस दिन का लॉकडाउन लागू कर दिया गया और लॉकडाउन के एलान से पहले ही लोगों ने आवश्यक सामान बेचने वाली दुकानों के बाहर लंबी लाइनें लगा दीं।
राज्य में आने-जाने वाले यात्रियों के लिए निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट लाना जरूरी
गुजरात में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने एक अप्रैल से किसी भी राज्य से आने-जाने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट साथ लाना अनिवार्य कर दिया है। बाहरी राज्यों से आने वाले हर यात्री की गहन जांच की जा रही है।
वहीं जिन लोगों के पास आरटी-पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट नहीं है, वो 800 रुपये का शुल्क देकर हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन और बस स्टॉप पर अपनी जांच करवा सकते हैं। राज्य में कोरोना के फैलते संक्रमण को देखते हुए पार्क और स्कूल को पहले से ही बंद किया हुआ है।