जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एनसीईआरटी की नकली किताबों के मामले में परतापुर पुलिस आरोपी संजीव गुप्ता समेत चार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये कोर्ट से वारंट लेने जा रही है।
एसटीएफ ने परतापुर के अच्छरौंड़ा और गजरौला स्थित गोदाम से 15 लाख किताबें बरामद की थी। परतापुर थाने में भाजपा के महानगर उपाध्यक्ष संजीव गुप्ता और उनके भतीजे सचिन गुप्ता समेत आठ लोगों को नामजद करते हुए मुकदमा दर्ज कराया था।
गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने चार आरोपियों को मौके से गिरफ्तार कर लिया था। जबकि नकली किताबें छापने के आरोपियों को मौके से जाने दिया गया था।
परतापुर इंस्पेक्टर आनंद मिश्रा ने बताया कि जब तक मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके बयान नहीं लिये जाएंगे तब तक पायरेटेड बुक्स के नेटवर्क का खुलासा नहीं हो पाएगा। इसलिये शुक्रवार को अदालत से चारों आरोपियों के खिलाफ गैरजमानती वारंट लिये जाएंगे।
भाजपा में चर्चाओं का दौर
उपाध्यक्ष संजीव गुप्ता का नाम करोड़ों के धोखाधड़ी के मामले में सामने आने पर भाजपा नेताओं ने खामोशी धारण कर ली है। नेताओं का कहना है कि उपाध्यक्ष के आरोपी बनते ही उनको पार्टी से निलंबित कर दिया गया। इस पूरे मामले में भाजपा कई धड़ोंं में बंटती दिख रही है।
भाजपा नेताओं के अंदरखाने दिये जा रहे दबाव के कारण ही पुलिस अभी तक एक बार भी दबिश नहीं देने गई! कागजों में ही पुलिस की कार्रवाई दिख रही है, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है।
गोदाम से हटा रहे किताबें !
एनसीईआरटी प्रकरण के लगातार तूल देने से उन दुकानदारों ने अपने गोदामों से डुप्लीकेट किताबों को हटा दिया है। जिन लोगों ने संजीव गुप्ता से पूर्व में किताबें खरीदी थी उन लोगों ने पुलिस कार्रवाई की डर से गोदाम से किताबें हटा दी है।
जीएसटी अधिकारी हुए सक्रिय
साठ करोड़ की डुप्लीकेट किताबों के मामले में जीएसटी के अधिकारियों ने कार्रवाई शुरु कर दी है। विभाग ने प्रयोग में लाए गए कागज और स्याही का आकलन करना शुरु कर रही है।
निदेशालय जीएसटी के अधिकारियों का कहना है कि पूरे आकलन के बाद नोटिस जारी की जाएगी। जो कागजात मौके से मिले हैं उनका सत्यापन भी जरूरी है। पुलिस का कहना है कि जो कागजात बरामद हुए हैं उसमें दर्ज नाम और पते मौके पर नहीं मिले है।
सपा नेता एडीजी से मिले
सपा नेता गोपाल अग्रवाल, पूर्व विधायक गुलाम मोहम्मद,जयवीर सिंह, बाबर खरदौनी, मोहम्मद अब्बास आदि अपर पुलिस महानिदेशक राजीव सभरवाल से मिले और कहा कि करोड़ों के घोटाले में सिर्फ संजीव गुप्ता और सचिन ही कुसूरवार नहीं है। इसमें भाजपा के कई बड़े नेता भी शामिल हो सकते हैं। नेताओं ने कहा कि ऐसे आरोपी व्यापारियों के नेटवर्क को ध्वस्त किया जाना चाहिये।