Sunday, September 8, 2024
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नए आलू की फसल पर ही मिलेगी राहत

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  • आलू के बढ़ते रेट से जनता हो रही परेशान, व्रत में भी आलू आम लोगों की पकड़ से दूर

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: फलों व सब्जियों के रेट पिछले कई महीनोें से आम लोगों के होश उड़ाए हुए है। जिसमें कि घर-घर खाए जाने वाला आलू भी आम लोगों की थाली से गायब होता जा रहा हैं। आलम ये है कि फलों से ज्यादा महंगे आलू मिल रहे है। क्योंकि अन्य सब्जियों के रेट में हमेशा बदलाव रहता है। जिससे सभी लोग आलू को ज्यादा किफायती समझते है।

व्रत में सब्जियों और फलों के रेट सामान

व्रत रखने वालें लोगों के लिए आलू भी फल के सामान ही होता है। इसलिए अधिक्तर लोग व्रत में आलू का सेवन करते हैं, लेकिन अबकी बार आलू के रेट में हुई बढ़ोतरी से अब व्रत रखने वाले लोग आलू से ज्यादा फलों को तरजीह दे रहे हैं। जिसके वजह है कि पहले आलू व फलों के रेट में जमीन आसमान का अंतर होता था, लेकिन अबकी बार ये अंतर मात्र 10 से 15 रुपये का देखने को मिल रहा है। क्योंकि पिछले कई वर्षों में जो आलू 15-20 रुपये की कीमत में मिलता था। अब वह आलू 50-60 रुपये की कीमत में मिल रहा है।

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मंडी के थोक के रेट

सब्जियों के रेट में बढ़ोतरी की बात करे तो फिलहाल मटर के रेट ज्यादा है। मटर के मंडी के रेट की थोक में बात की जाएं तो 120 रुपये किलोग्राम के भाव से बिक रही है। वहीं गोभी इन दिनों 50 से 60 रुपये किलोग्राम के भाव से मिल रही है। हर एक सब्जी के साथ बनने वाला आलू भी इस बार 30 से 40 रुपये प्रति किलोग्राम के रेट पर है। महंगाई के कारण लोगों की थाली से खीरा गायब है। और सलाद भी अपना रंग बदल रही है। वहीं फलों की बात करे तो बाजार में सेब 40 रुपय से 80 रुपये किलोग्राम के भाव बिक रहा है। केला 30 से 50 और नारियल 40 से 50 रुपये का नग बिक रहा है।

इनका क्या कहना है…

Amit
फल विक्रेता अमित सोहन का कहना है कि नवरात्रों के समय हमेशा से ही फलों की कीमतों में उछाल आ जाता है, लेकिन फिलहाल मंडी में फलों की आवक कम होने और डिमांड अधिक होने के कारण कीमत बढ़ रही हैं। जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ा रहा है।

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लोहियानगर मंडी के अध्यक्ष राजकुमार सोनकर ने बताया कि आलू और अन्य सब्जियों के भाव में बढ़ोतरी नई फसल न होने और पुराने स्टॉक को कोल्ड स्टोरेज में रखने की वजह से हैं। क्योंकि डिमांड ज्यादा और स्टॉक कम होने के कारण हमेशा ही रेट में बढ़ोतरी देखी जाती हैं।

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