जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: मालगाड़ियों पर पूरी तरह से रेलवे की रोक के कारण अब सूबे में कोयले की हो रही कमी ने पंजाब सरकार की चिंता बढ़ा दी है। सरकार ने पावरकॉम से सभी पावर थर्मल प्लांटों में कोयले की जानकारी तलब की है।
पावरकॉम अभी सूबे में मांग के अनुरूप बिजली की आपूर्ति को पूरा करने के लिए 1000 मेगावाट बिजली लगभग 60 करोड़ रुपये खर्च कर खरीद रहा है। केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध को लेकर पंजाब में किसानों का आंदोलन अब चरम पर पहुंच चुका है।
किसान 35 दिनों से अधिक अपनी मांगों को लेकर सूबे के 23 से अधिक रेलवे ट्रैक पर बैठे हुए हैं। हालांकि किसानों ने पंजाब सरकार के विधानसभा में कृषि विधेयकों को लेकर संशोधन प्रस्ताव के बाद पांच नवंबर तक रेलवे ट्रैक को खाली करने का आश्वासन दिया है लेकिन कुछ किसान यूनियन अभी भी ट्रैक पर बैठीं हैं।
किसानों के इस रुख के कारण रेलवे ने मालगाड़ियों का संचालन पूरी तरह से ठप किया है। इसका सीधा असर अब पंजाब में बिजली उत्पादन पर पड़ रहा है। राज्य में कोयले की आमद नहीं होने के कारण तीनों निजी थर्मल प्लांटों के साथ ही दो सरकारी थर्मल प्लांटों में बिजली उत्पादन पूरी तरह से ठप हो चुका है।
सूबे में ब्लैक आउट के आसार को देखते हुए पंजाब सरकार की चिंता बढ़ गई है। सरकार ने पावरकॉम से सरकारी सहित निजी थर्मल प्लांटों में कोयले के स्टॉक की जानकारी मांगी है। पावरकॉम के अधिकारियों के अनुसार शनिवार को रिपोर्ट सरकार को प्रेषित कर दी गई है। जल्द ही कोई निर्णय निकाल लिया जाएगा।
रेलवे बोर्ड के अनुसार किसानों के ट्रैक बाधित करने से 200 से अधिक माल रैक पंजाब में फंस गए हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों को मनाने के लिए पंजाब सरकार लगातार प्रयासरत है।
तीन कैबिनेट मंत्रियों के बाद अब किसानों से पंजाब के एटार्नी जनरल वार्ता करेंगे। इसके लिए तीन नवंबर को किसान जत्थेबंदियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक तय की गई है।
निजी थर्मल प्लांटों में कोयले का स्टॉक समाप्त है। इसके कारण बिजली उत्पादन नहीं हो पा रहा है। सरकार भी इस मसले का हल निकाल रही है, जो जानकारी सरकार की ओर मांगी गई थी, वह भेज दी गई है।
– मनमोहन सिंह, प्रवक्ता, पावरकॉम, पंजाब