- पिछले पांच दिनों से जारी उत्तर प्रदेश पीडब्ल्यूडी नियमित वर्क चार्ज कर्मचारी संघ का धरना शुक्रवार देर शाम समाप्त हो गया
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: वेतन निर्धारण के मुद्दे पर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के पूर्व अधिशासी अभियंता एस के सारस्वत के खिलाफ विभागीय कर्मचारी गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं। उधर इसी मुद्दे पर पिछले पांच दिनों से जारी उत्तर प्रदेश पीडब्ल्यूडी नियमित वर्क चार्ज कर्मचारी संघ का धरना शुक्रवार देर शाम समाप्त हो गया। संगठन के जनपद अध्यक्ष एहसान अली ने आरोप लगाया कि पूर्व अधिशासी अभियंता एसके सारस्वत द्वारा वेतन निर्धारण करते समय यह भी नहीं देखा गया कि ऋषिपाल सिंह के द्वारा इस प्रकरण में कोई कोर्ट केस किया गया है
अथवा नहीं और आनन फानन में उनके नियम विरुद्ध वेतन निर्धारण कर दिया गया। कर्मचारी नेताओं का आरोप था कि ऋषिपाल सिंह सेवानिवृत्ति की तिथि नजदीक होने के बावजूद वेतन निर्धारण से आहत थे। संगठन के अध्यक्ष एहसान अली ने बताया कि इस पूरे प्रकरण में जिम्मेदारों ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया इसलिए उनके खिलाफ एफआईआर करने के लिए विधिक राय ली जा रही है। कर्मचारियों के इस रुख से अधिकारी वर्ग में हड़कंप मचा हुआ है। कर्मचारी नेताओं के अनुसार यदि आईपीसी की किसी धारा में इस प्रकार का प्रावधान हुआ तो वह पूर्व अधिशासी अभियंता एस के सारस्वत एवं दूसरे दोषियों के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराएंगे,
ताकि मृतक ऋषिपाल सिंह को इंसाफ मिल सके। उधर दूसरी और इस मामले में अधिशासी अभियंता सतेंद्र सिंह से कर्मचारियों की दूसरे दौर की वार्ता हुई। वार्ता के दौरान दोनों पक्षों में तनाव साफ देखा गया। ऋषिपाल सिंह के निधन के बाद सकते में आए पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने इसी प्रकार के दूसरे प्रकरण में फौरन फैसला ले लिया और कर्मचारी नेताओं से भी स्पष्ट कर दिया कि वह 31 दिसंबर को सेवानिवृत हो रहे नरेंद्र सिंह का वेतन निर्धारण आज ही कर देंगे। इसके बावजूद कर्मचारी आंदोलन पर अडिग रहे
और स्पष्ट कर दिया कि जब तक लिखित में उनके पास कोई पत्र नहीं आएगा तब तक धरना समाप्त नहीं किया जाएगा। इसके बाद फिर तनाव की स्थिति पैदा हो गई। इसके बाद देर शाम अधिशासी अभियंता द्वारा वेतन निर्धारण संबंधी पत्र पर हस्ताक्षर किए। कार्यालय स्टाफ द्वारा इसकी सूचना आंदोलनकारियों को दी गई। इसके बाद संगठन के अध्यक्ष एहसान अली ने धरना समाप्ति की घोषणा कर दी। वार्ता के दौरान संरक्षक वी के त्यागी, सुशील शर्मा, सुनील कुमार, नरेंद्र सिंह, मुकेश कुमार, सत्यवीर सिंह, हरपाल सिंह, रोहताश, जय भगवान और मनोज शर्मा मुख्य रूप से मौजूद है।
जिला जेल में बंद गैंगस्टर अशोक कबाड़ी की मौत
मेरठ: चौधरी चरण सिंह काराग्रह में बंद ब्रहमपुरी क्षेत्र के गैंगस्टर की मेडिकल में उपचार के दौरान मौत हो गई। आरोपी नवम्बर माह से काराग्रह में बंद था। वह एचआईवी पॉजीटिव और डायबीटिक पेशेन्ट था। जेल प्रशासन ने उसे मेडिकल में भर्ती कराया था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल मोर्चरी में भिजवा दिया। ब्रहमपुरी थाना क्षेत्र भगवतपुरा निवासी अशोक कबाड़ी को नवम्बर माह में ब्रहमपुरी पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
उस पर ब्रहमपुरी थाने में कई अपराधिक मुकदमे दर्ज थे। जिसके चलते उस पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई थी। अशोक कबाड़ी को शुक्रवार जेल प्रशासन ने हालत बिगड़ने पर मेडिकल में भर्ती कराया था। जिसके बाद मेडिकल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। जेल प्रशासन के अनुसार अशोक गैंगस्टर का मुल्जिम था। वह थायराइड, डायबीटिज और एड्स से पीड़ित था। दोपहर को बंदी अशोक की मौत होने पर उसके परिजनों को सूचना दी गई। जिसके चलते पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए उसे मेडिकल में मोर्चरी में भिजवा दिया।
ब्रहमपुरी पुलिस के अनुसार अशोक और उसके परिवार पर जनवरी माह में क्षेत्र की गर्भवती महिला के साथ मारपीट करने और जबरन उसके घर पर कब्जा करने का मुकदमा दर्ज हुआ था। मुकदमें उसके बेटे को भी नामजद किया गया था। इसके अलावा उस पर कई गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज थे। इसी क्रम में उस पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई थी। फिलहाल जेल में उसका बेटा भी बंद है। जबकि एक बेटा फरार चल रहा है। क्षेत्रीय लोगों ने कई बार उस पर मकानों पर जबरन कब्जा करने की शिकायत कर उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। उसका क्षेत्र के लोगों को ब्याज पर ऋण देने का काम था।
बंदी अशोक कबाड़ी गैंगस्टर में निरुद्ध था। वह डायबीटिक थायराइड और एचआईवी पॉजीटिव था। जिसे बीमार होने पर शुक्रवार दोपहर को मेडिकल में भर्ती कराया गया था। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। -शशीकांत मिश्र, चौधरी चरण सिंह कारागृह, जेल सुपरीटेंडेंट